Ep ३६बेताल की चट्टान २
"कहा जाता है कि इस लाल मिट्टी की पहाड़ी के तीनों किलोमीटर में एक ही अस्तित्व विद्यमान है! इस मालरान में उनके दो मंदिर हैं। एक मंदिर सड़क पर है। गांव के लोग कहते हैं कि हर अमावस्या को भूतों का मेला लगता है इस दूसरे मंदिर में आयोजित किया जाता है।
इस पालकी में पंचक्रोशी के सभी भूतों को देखा जा सकता है।
और एक और, मैंने एक ग्रामीण से सुना! कि इसी मालरान में हमारे गांव में एक कब्रिस्तान है जो अब उपयोग में नहीं है, वहां वेताला रात को बारह बजे चले जाते हैं.
भूतों के जुलूस में मौत जैसी अशुभ ध्वनियों का संगीत कार्यक्रम! इसके अलावा, भूत इस शैतान के निवास में ड्रम बजाते हैं! कुछ नाचेंगे, कुछ हँसेंगे, कुछ रोएँगे, इत्यादि।
लेकिन केवल एक ही व्यक्ति है जो इस पालकी को देखता है। वह अगली अमावस्या को इस पालकी में दिखाई देगा।" राज के इस आखिरी वाक्य के साथ
कार धड़धड़ाते हुए रुकी। इंजन की आवाज़, जो पहले कभी-कभी सुनाई देती थी, बंद हो गई। अब आसपास कहीं कोई बस्ती नहीं थी। जिधर नजर जाती, उधर ही लाल मिट्टी और कुछ पेड़ फैले हुए थे, उन्हीं पेड़ों की ओट में छिपा अंधेरा उनके गर्भ में छुपे रात के कीड़ों को चीखने पर मजबूर कर रहा था। उसके पीछे राज भी कार से उतर गया।
"शीट, यह कार अभी रुकना चाहती थी।" भवर्ष ने ऐसा कहा
कार में लात मार दी.
"क्या? कार रुक गई! अब क्या करें" राज ने अपना मुँह चौड़ाते हुए कहा।
"अब?" भावर्ष ने भौंहें चढ़ाकर कहा, "दो पैर।"
आपको भीख मांगने की क्या इजाजत है? भेन×××टी!" आखिरी वाक्य पर भावर्ष की आवाज थोड़ी ऊंची हो गई। गाली सुनकर राज ने बेशर्मी भरी मुस्कान दी। इस तरह भावर्ष ने कार को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। क्योंकि इस मलराना में कार छोड़ना खतरनाक था, अगर कोई कार चुरा ले तो?
दोनों राज भावर्ष बातें कर रहे थे और पैरों के नीचे की लाल मिट्टी पर पैर रख रहे थे।
"भाई! क्या बात कर रहे हो भाई, पार्टी में बहुत मजा आया!"
"हाँ!" भावर्ष ने कार का हैंडल राज को दे दिया, अब राज कार को धकेलने लगा, "और आप मुझे उस बेवकूफी भरे बदलाव के बारे में कुछ और बता रहे थे?"
"क्या मतलब है आपका? क्या आपको लगता है कि ये सब झूठ है?" राज ने वहीं गाड़ी रोक दी, वो जवाब की उम्मीद में भावर्ष की तरफ देखने लगा।
लेकिन इसके उलट भावर्ष दांत दिखाकर मुस्कुराने लगा.
"क्या आप हंस रहे हैं? यह सच है! मेरे दादाजी ने मुझसे कहा था!"
और एक अनुभवी आदमी झूठ क्यों बोलेगा?”
"अनुभव! हाहाहाहा" भावर्ष खिलखिला कर हँसे फिर कुछ देर के लिए रुके
उन्होंने आगे कहा, "नमक-मिर्च लगाकर बताई गई बातें हमेशा सच नहीं होतीं!"
"मैं कसम खाता हूँ, भाई! मैं जो कुछ भी कहता हूँ वह सच है!"
राज ने एक हाथ में हैंडल पकड़ रखा था और दूसरा हाथ अपनी गर्दन में डाल रखा था। उसके गले में हरे ताबीज के साथ एक काला धागा था...और
राज के हाथ में अनजाने में एक काली घड़ी थी
भवर्ष की नजर उस घड़ी पर गयी. घड़ी में ग्यारह बजकर पचपन मिनट हो गये थे।
"अच्छा! तुम सच कह रहे हो या नहीं? मुझे तुम पर विश्वास है! एक शर्त पर?"
"एक शर्त। कौन सी शर्त?"
"देखो हुह! जैसा कि आपने कहा, हर अमावस्या को रात में पुराने कब्रिस्तान से एक नाव निकलती है! अब बारह बजने में पाँच मिनट हैं, और कब्रिस्तान यहाँ से केवल दस मिनट की दूरी पर है।"
"इसलिए इस?" राज ने पूछा.
“तो फिर हमें उस कब्रिस्तान में जाकर देखना चाहिए
क्या सच में निकलती है पालकी! और अगर पालकी वहाँ न जाये तो आप मुझे पाँच सौ रूपये दे दीजिये! "
“और यदि पालकी चली गई तो?” राज ने जल्दी से कहा।
"तो फिर!" भावर्ष ने थोड़ी देर तक आसमान की ओर देखा और आगे बोला।
"तो मैं तुम्हें दो हजार रुपये दूँगा! सहमत हो?"
भवर्षा ने दांव लगाने के लिए हाथ बढ़ाया, कुछ देर तक राज सोचता रहा! अगर हमने कभी भूत नहीं देखा तो क्या उसका अस्तित्व भी है? लोग कहते हैं! क्या आप इसे देखेंगे? नहीं! फिर भी भावर्ष के पाँच सौ रुपये हम पर बकाया थे - हम हारे तो हारे।
"ठीक है!" राज ने भवर्ष के हाथ पर अपना हाथ रख दिया।
क्रमश :
महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी
फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत🙏
ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत, अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. जर कोणी लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह मेसेज आणि वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार कारवाई करून कडक, एक्शन घेतली जाईल!
सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात तर कृपया करून लेखकास समजून घ्या !
लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करत आहे ..
धन्यवाद..
सदर कथा काल्पनिक आहे !
कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .
कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .
महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏
ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो
लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करिल.....
आनी नव्या जोशाने लिहिल..!
महत्वपूर्ण संदेश- सदर कथा उरार केलेलिया गावच नाव और तिथि पृष्टिति हे सर्वकाही काल्पनिक आसुन .. वाचकन्नी असले ही कथा, त्यात् यत् ले पात्र, मृत व्यक्ति, एकेंद्रित सर्वच सर्वाच पृष्टि काल्पनिक नजरें पाहावी- और वास्तविक मनोरंजन व्हावा हया हेतुने कथा वाचावित आशी माझी हर वाचका प्रति। नम्र विनन्ति आहे। 🙏
ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो
लेखक ने सुधार का प्रयास किया...
आनी नव्या जोशाने लिहिल..!
कथा सुर...
कथा सुरु...नेकस्ट एपिसोड.. दर एकदिवसाआड एक भाग पोस्ट होइल.
.धन्यवाद
क्ंमेंट रेटिंग नक्की द्या.
कथा आवडल्यास फॉलो , स्टिकर नक्की द्या !.
सदर कथा काल्पनिक आहे !
कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .
कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .
धन्यवाद
कथा सुरु ...
महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।
कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए ही पढ़ी जानी चाहिए
इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!
कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए कृपया लेखक को समझें!
लेखक गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहा है..
धन्यवाद..
यह कहानी काल्पनिक है!
कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।
कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।
महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है। विनम्र निवेदन। 🙏
इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह
लेखक त्रुटियों को सुधारने का प्रयास करेगा...
और नये जोश से लिखेंगे..!
कहानी जारी है...अगला एपिसोड..हर एक दिन एक एपिसोड पोस्ट किया जाएगा।
।धन्यवाद
एक टिप्पणी रेटिंग अवश्य दें।
कहानी पसंद आये तो फॉलो करें और स्टीकर दें!
यह कहानी काल्पनिक है!
कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।
कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।
धन्यवाद..