Bhootiya Express Unlimited kahaaniya - 35 in Hindi Horror Stories by Jaydeep Jhomte books and stories PDF | भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 35

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भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 35

Ep ३५


Ep ३५ बेताल की चट्टान १


रात के साढ़े ग्यारह बजे हैं! आसमान में अमावस्या का चाँद था, इसलिए नीचे ज़मीन पर अँधेरा था, उसी अँधेरे में एक लाल मिट्टी की पहाड़ी से एक दुपहिया वाहन पत्थरों, चट्टानों और गड्ढों में से मेंढक की तरह उछलता हुआ बहुत तेजी से चला जा रहा था। कार पर केवल दो लोग बैठे थे। ड्राइवर की सीट पर एक लड़का बैठा था जिसने अभी-अभी इक्कीसवें साल में कदम रखा था। उनके पिता कभी गाँव के सरपंच थे - हमारे भारत देश में यही नियम है! एक बार जब कोई व्यक्ति गांव का सरपंच बन जाता है तो उसकी अगली सात पीढ़ियां एक साथ बैठकर खाना खाएंगी। यही बात यहां भी लागू होती है। उनके पिता ने ग्राम पंचायत में सरकार से आने वाला पैसा खा लिया- बचाकर रख लिया। हां वो है काला धन, आगे पढ़ें. इकलौता होने के कारण भावर्ष को कुछ ज्यादा ही लाड़-प्यार मिल रहा था, 12वीं पास करने के बाद पत्ता घर पर ही बैठा रहता था, पिता ने उसे गांव में घूमने के लिए एक दोपहिया वाहन दे दिया था, उसी कार को लेकर पत्ता अपने एक दूर के दोस्त के जन्मदिन पर गया था उसके पसंदीदा दोस्त राज को वहां नहीं जाना चाहिए! आज अमावस्या की रात्रि होने के कारण वह मार्ग अच्छा नहीं है। तो वह उससे कह रही थी कि लेकिन वह उस लड़के की बात कैसे मानेगी जो अपने ही नियमों के अनुसार काम कर रहा है? फिर क्या हुआ उसने अपनी माँ की बात सुने बिना "माई लाइफ माई रूल्स" कह कर राज नाम के अपने दोस्त को लिया और दूर एक जन्मदिन की पार्टी के लिए निकल गया।

कहने को तो राज और भावर्ष एक जैसे गुण वाले थे।

बर्थडे पार्टी में खाना खाने के बाद दोस्त को अलविदा कहकर दोनों दो घंटे बाद वापसी की नाव पर चल पड़े. अब जमाना कैसा है! यह बदल रहा है! यही है ना एन बारह-तेरह साल का लड़का

सिगरेट पी रखी है! मैं झूठ क्यों बोलूं, मैंने अपनी आंखों से देखा है! लेकिन वे इतनी कम उम्र में ये सब काम क्यों कर रहे हैं? क्या आपके माता-पिता ने आपको यही सिखाया है? लेकिन मैं यह नहीं पूछ सका! मुझमें हिम्मत क्यों नहीं हुई? यह सवाल आपके मन में आया है? लेकिन यह नहीं है! मैंने एक या दो बार कोशिश की! लेकिन उन्होंने मुझे कुछ बातें बताईं।

"क्या कर रहे हो! क्या अपने बाप के पैसे से पी रहे हो!"

तब से मैंने इस कलियुग में संत महात्माओं की तरह उन अनमोल विचारों को साझा करना बंद कर दिया है तो आइए कहानी पर नजर डालते हैं।

राज और भावर्ष दोनों के पेट में दो-दो पैग शराब थी।

अब दोनों ने कार में अपने मुंह में चिंगम डाला और सिगरेट के कश लगाए। भवर्ष गाड़ी चला रहा था जबकि वह पीछे की सीट पर था

राज बैठा था, उसके मुँह में जलती हुई सिगरेट थी, वह आधी जली हुई थी - दो-तीन कश के बाद ख़त्म हो गई।

“राज..?” भावर्ष ने गाड़ी का तीसरा गियर डाला, एक्सीलेटर पिल।

"यह क्या है, रे?"

“अरे माँ, आज आप हमें क्यों रोक रही थीं?”

"ओह, क्या हुआ भाई! जूतों का राजा इसी पहाड़ी पर रहता है!"

राज ऐसे बड़बड़ा रहा था जैसे वह नशे में हो।

"कौन जी रहा है?"

"हे मूर्तियों के राजा!"

"ओह, आपको राक्षसों का राजा कहा जाना चाहिए!"

"हाँ, हाँ भाई!" राज ने सिगरेट हाथ में ली और फेंक दी।

कुछ सेकंड तक जलती हुई सिगरेट मधुमक्खी की तरह हवा में लहराती रही, फिर हल्के से ज़मीन पर गिर पड़ी।

वह सिगरेट अभी भी लाल मिट्टी पर लाल अंगारों के साथ जल रही थी.. उस सिगरेट से लगभग चार कदम की दूरी पर एक छोटा सा मंदिर दिखाई दे रहा था, उस मंदिर में एक दीपक जल रहा था, उस जलते हुए दीपक के बगल में एक पत्थर का काला सिर था, जिसकी दो भेदी आँखें थीं, धार -एज। वहाँ एक वेताल की मूर्ति थी जिसकी नाक और बड़ी-बड़ी मूंछें थीं। ऐसा लग रहा था जैसे वेताल की मंदी, उग्र, भेदी आँखें सिगरेट पर टिकी थीं, और कुछ ही समय में, हवा का एक झोंका आया सिगरेट बुझ गयी.

जमीन पर हर तरफ लाल मिट्टी पड़ी हुई थी - मानो वह लाल मिट्टी की पहाड़ी हो, उसी लाल मिट्टी की सड़क से, एक काला बिच्छू, एक बड़ा पंजा उठाए हुए, अचानक सड़क पार कर रहा था दूर से हेडलाइट चमकती हुई उस क्रेन पर गिरने लगी.. तभी इंजन की गड़गड़ाहट की आवाज पास आई और दोपहिया वाहन के दोनों पहिए हवा की गति से लाल-मिट्टी को उड़ाते हुए आगे बढ़ गए। क्रेन के पास.

भावर्ष ने पूछा, "यह राक्षसों का राजा कौन है?" राज ने कुछ देर इस वाक्य पर सोचा और बोला.

"बेताल !" जैसे ही ये शब्द उसके मुंह से निकले, पहाड़ी से आवाज आई।
धम्ममम ssss

"वेताल? मतलब !"

"ओह, तुम नहीं जानते!" राज ने कहा.

"वह परीक्षा में प्रश्न पूछने वाला था क्या जो नही पता?"

"ऐसी बात नहीं है! गाँव के सभी लोग उससे डरते हैं!"

" क्यों कहते हैं, जब तुम उसके साथ बुरा व्यवहार करते हो, तो वह क्रोधित हो जाता है, वह तुम पर क्रोधित हो जाता है! "

"अच्छा! और क्या कहते हो!" भावर्ष ने उत्सुकता से कहा।

"कहा जाता है कि इस लाल मिट्टी की पहाड़ी के तीनों किलोमीटर में एक ही अस्तित्व विद्यमान है! इस मालरान में उनके दो मंदिर हैं। एक मंदिर सड़क पर है। गांव के लोग कहते हैं कि हर अमावस्या को भूतों का मेला लगता है इस दूसरे मंदिर में आयोजित किया जाता है।

इस पालकी में पंचक्रोशी के सभी भूतों को देखा जा सकता है।

और एक और, मैंने एक ग्रामीण से सुना! कि इसी मालरान में हमारे गांव में एक कब्रिस्तान है जो अब उपयोग में नहीं है, वहां वेताला रात को बारह बजे चले जाते हैं.


क्रमश:









महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।


कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए ही पढ़ी जानी चाहिए


इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए कृपया लेखक को समझें!


लेखक गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहा है..




धन्यवाद..

यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है। विनम्र निवेदन। 🙏


इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह

लेखक त्रुटियों को सुधारने का प्रयास करेगा...

और नये जोश से लिखेंगे..!

कहानी जारी है...अगला एपिसोड..हर एक दिन एक एपिसोड पोस्ट किया जाएगा।

।धन्यवाद


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यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


कथा प्रारंभ





महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी


फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत, अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. जर कोणी लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह मेसेज आणि वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार कारवाई करून कडक, एक्शन घेतली जाईल!


सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात तर कृपया करून लेखकास समजून घ्या !


लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करत आहे ..


धन्यवाद..




सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो

लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करिल.....

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!

महत्वपूर्ण संदेश- सदर कथा उरार केलेलिया गावच नाव और तिथि पृष्टिति हे सर्वकाही काल्पनिक आसुन .. वाचकन्नी असले ही कथा, त्यात् ‍ यत् ले पात्र, मृत व्यक्ति, एकेंद्रित ‍ सर्वच सर्वाच पृष्टि ‍ काल्पनिक नजरें पाहावी- और वास्तविक मनोरंजन व्हावा हया हेतुने कथा वाचावित आशी माझी हर वाचका प्रति। नम्र विनन्ति आहे। 🙏

ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो

लेखक ने सुधार का प्रयास किया...

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!



कथा सुर...


कथा सुरु...नेकस्ट एपिसोड.. दर एकदिवसाआड एक भाग पोस्ट होइल.

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सदर कथा काल्पनिक आहे !

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कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


धन्यवाद





कथा सुरु ...


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।


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इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए कृपया लेखक को समझें!


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कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


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इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह

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कथा