कैंसर से बचने या उसके रिस्क कम करने के उपाय
आजकल लोगों में किसी न किसी प्रकार के कैंसर के मामले पहले की अपेक्षा ज्यादा मिल रहे हैं . कैंसर किसी के लिए भी दुर्भाग्यपूर्ण है और स्वाभाविक रूप से गंभीर चिंता का विषय है . आमतौर पर होने वाले कैंसर हैं - ब्रेस्ट कैंसर , कोलोरेक्टल कैंसर , लंग कैंसर ,प्रोस्टेट कैंसर और स्किन कैंसर . कैंसर के प्रति अपना निजी ज्ञान और जागरूकता होने से कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू में करा कर उसका उपचार आसान है और सफलता की संभावना बहुत ज्यादा रहती है . इसके अलावे कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें आप या / और आपके प्रिय जन अपना सकते हैं और कैंसर से संघर्ष कर सकते हैं . इसके अतिरिक्त इन उपायों से ख़तरा कम हो सकता है - .
डॉक्टरों और शोध कर्ताओं का कहना है कि 25 - 50 % कैंसर रोके जा सकते हैं , पूरी तरह से उन्हें हटा कर या रिस्क फैक्टर्स और हेल्दी रूटीन पर समुचित ध्यान दें . जब भी कैंसर की शंका हो हेल्थ के प्रति कठोर नियमों का पालन करने से न चूकें . आनुवांशिक कैंसर , स्मोकिंग , शराब , मोटापा , खानपान और लाइफ स्टाइल कैंसर के कारण हैं . इस लिए नीचे लिखे उपायों / लाइफ स्टाइल से कैंसर के रिस्क से बचा जा सकता है या रिस्क कम किया जा सकता है -
1 . स्वयं के शरीर को जानें - अपने शरीर से भलीभांति परिचित रहें . शरीर में या शरीर की नॉर्मल क्रियाओं में होने वाले असाधारण बदलाव पर नजर रखें , खास कर जब ऐसे सिम्प्टम लम्बे समय तक रहें , जैसे - किसी तरह का लम्प या गाँठ , लम्बे समय तक खांसी रखना , पेट और ब्लैडर क्रिया में बदलाव , बिना कारण वजन घटना और असाधारण ब्लीडिंग . इन्हें नजरअंदाज न करें और डॉक्टर की सलाह लें .
2 . धूम्रपान और वेप ( vape ) न करें - सिगरेट लंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण है . स्मोकिंग से लंग्स के अतिरिक्त हार्ट और अन्य अंगों को भी नुकसान होता है . इस गलतफहमी में न रहें कि वेपिंग यानि e सिगरेट सुरक्षित है . इनमें भी हानिकारक निकोटिन या अन्य टॉक्सिक रसायन या अति सूक्ष्म कण की मात्रा होती है .
3 . शराब न लें या बहुत सिमित मात्रा में लें - लम्बे समय तक थोड़ी मात्रा में शराब लेने के स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है . इसके चलते गले , सिर , कोलोरेक्टल , ब्रेस्ट , लीवर , फ़ूड ट्यूब ( esophageal ) आदि कैंसर की आशंका रहती है . कैंसर का रिस्क शराब की मात्रा और कितनी बार ( फ्रीक्वेंसी ) पर निर्भर करता है .
4 . व्यायाम - नियमित रूप से एक्टिव रहने से कुछ प्रकार के कैंसर ( ब्लैडर , पेट , ब्रेस्ट , कोलोरेक्टल ) से बचा जा सकता है या उनकी आशंका कम होती है . इसके लिए नियमित रूप से अपनी पसंद के गेम / स्पोर्ट। वाकिंग या जॉगिंग , व्यायाम , साइकिलिंग , स्विमिंग , बागवानी आदि कोई भी एक्टिविटी कर के एक्टिव रहें . इस से पाचन क्रिया , मोटापा कम / कंट्रोल , शरीर के अंगों में समुचित रक्त प्रवाह पर अनुकूल असर पड़ता है .
5 . हेल्दी फ़ूड हैबिट - स्वस्थ रहने के लिए अच्छा खानपान आवश्यक है . सिर्फ कैंसर ही ही ने रोगों से भी यह सुरक्षा करता है . इसके लिए निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन / यथासंभव सेवन न करें -
रेड मीट - पोर्क , बीफ , प्रोसेस्ड मीट ( हॉट डॉग ) आदि उनकी जगह चिकेन बेहतर है
मीठे पेय - शुगर वाले बीवरेज , पैक्ड जूस , सॉफ्ट ड्रिंक आदि
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड - चिप्स , कूकीज , फ्रोजेन फ़ूड , फ्रेंच फ्राई आदि
आजकल की भागदौड़ और फ़ास्ट लाइफ में विशेष कर युवा वर्ग अक्सर पैकेज्ड फ़ूड लेते हैं . अगर अति आवश्यक हुआ तो उनके लेबल पर शुगर , साल्ट , सैचुरेटेड फैट , कार्ब्स , प्रोटीन आदि की मात्रा देख कर यथासंभव सीमित मात्रा में लें .
6 . सनस्क्रीन का उपयोग - स्किन कैंसर का प्रमुख कारण धूप , सूर्य की किरणें यानि एक्सपोज़र टू सनलाइट है . सनलाइट में UV ( ultraviolet = अल्ट्रावायोलेट ) किरणें हैं जो DNA को हानि पहुंचाते हैं और परिणामस्वरूप स्किन कैंसर होता है . इनसे बचने के लिए धूप में निकलने समय सही सनस्क्रीन ( SPF 30 या ज्यादा ) लगाएं .
पसीना या पानी की संभावना हो तो वाटरप्रूफ सनस्क्रीन लगाएं . ज्यादा समय तक धूप में रहना हो तो सनस्क्रीन दोबारा लगाना पड़ सकता है .
7 . डॉक्टर से परामर्श - समय समय पर अपने डॉक्टर हेल्थ चेक कराएं और उनकी सलाह के अनुसार कैंसर के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं . ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए अक्सर डॉक्टर 40 - 50 के बाद महिलाओं को मैमोग्राम की सलाह देते हैं . कैंसर के सिंपटम्स को नजरअंदाज न करें
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