ब्रेस्ट सिस्ट बनाम ब्रेस्ट कैंसर
आमतौर पर ब्रेस्ट ( स्तन ) में किसी लम्प या गाँठ देखने पर चिंतित और भयभीत होना स्वाभाविक है . पर सभी लम्प ट्यूमर या कैंसर नहीं होते हैं बल्कि कुछ सिस्ट ( cyst ) होते हैं और उन से किसी खतरे की संभावना नहीं हो सकती है .सिस्ट द्रव ( liquid ) से भरी एक छोटी थैली है . ब्रेस्ट में सेल के ग्रोथ से लम्प बनता है पर किसी लम्प का शुरू में ही डायग्नोसिस कर लेना चाहिए ताकि सुनिश्चित हो सके कि यह ट्यूमर यानि या सिस्ट .
ब्रेस्ट सिस्ट के कारण - ब्रेस्ट सिस्ट होने के सटीक कारण का पता नहीं है पर माना जाता है कि शरीर में हार्मोन लेवल में हुए बदलाव के कारण यह होता है . हालांकि ब्रेस्ट सिस्ट किसी भी उम्र में हो सकता है पर आमतौर पर यह औरतों में 35 - 50 साल के बीच होता है . यह एक या एक से ज्यादा भी हो सकता है . इसका साइज बहुत छोटा चावल के दाने से ले कर एक टेनिस बॉल जितना बड़ा भी हो सकता है . अक्सर इसमें दर्द नहीं होता है और यह हानिकारक नहीं होता है . कुछ मामलों में डॉक्टर इसे ड्रेन कर द्रव निकाल देने की सलाह देते हैं .
ट्यूमर या कैंसर एक कठोर लम्प ( solid mass ) होता है और वह बेनाइन ( कैंसर नहीं ) या मैलिग्नेंट ( कैंसर ) भी हो सकता है . मैलिग्नेंट ट्यूमर का इलाज आवश्यक है , वह भी यथाशीघ्र वरना फ़ैल जाने पर इलाज कठिन होता है .
ब्रेस्ट सिस्ट के सिम्पटम्स - ब्रेस्ट में किसी लम्प के बारे में अंतर महसूस करना सरल नहीं है कि यह सिस्ट है या ट्यूमर . मात्र लम्प के कठोरपन या उसमें दर्द के आधार पर निर्णय लेना लगभग असंभव है . फिर भी कुछ बातें हैं जो ब्रेस्ट सिस्ट की संभावना बताते हैं -
1 . दर्द या मुलायम ( कोमल ) होना
2 . मुलायम और स्मूद महसूस होना जैसे कोई वाटर बैलून ( हालांकि अपवाद स्वरुप कोई सिस्ट कठोर भी हो सकता है )
3 . यह अपनी जगह से मूव कर सकता है
4 . पीरियड साइकिल में इसके साइज और कोमलता में बदलाव हो सकता है .
ब्रेस्ट ट्यूमर - ट्यूमर में आमतौर पर दर्द नहीं होता है और यह कठोर होता है . सिस्ट की तरह यह अपनी जगह से मूव नहीं करता है . पीरियड में भी इसके साइज या मुलायमपन में बदलाव नहीं होता है . पर सिर्फ इन बातों के आधार पर ऐसे लम्प को ट्यूमर नहीं कहा जा सकता है . अंतिम निर्णय इमेजिंग टेस्ट से ही होता है .
डॉक्टर ब्रेस्ट की मैमोग्राफी ( एक प्रकार का X ray ) ले सकते हैं ( आयु के अनुसार ) .आमतौर पर मैमोग्राम 40 वर्ष या उससे ज्यादा की महिलाओं के लिए होता है . कुछ मामलों में सुनिश्चित करने के लिए MRI भी किया जा सकता है .
अल्ट्रासाउंड द्वारा भी डॉक्टर दोनों में अंतर का पता लगा सकते हैं - लम्प सॉलिड है या एक लिक्विड की थैली
छोटे ब्रेस्ट सिस्ट में किसी उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती है और कभी यह स्वतः भी ठीक हो जाता है . सिस्ट अगर बड़ा हो और उसमें दर्द हो तब डॉक्टर इसके अंदर के द्रव ( लिक्विड ) को निकालने की सलाह दे सकते हैं .
अगर लम्प सॉलिड हुआ तब संदेह दूर करने के लिए डॉक्टर इसका बायोप्सी ( biopsy ) करते हैं और इस टेस्ट से पता लगता है कि यह कैंसर है या नहीं .
क्या ब्रेस्ट कैंसर का गलत डायग्नोसिस से सिस्ट का संदेह हो सकता है - ब्रेस्ट एग्जाम डायग्नोसिस के दौरान डॉक्टर सिर्फ देख कर / छू कर या महसूस कर यह नहीं सुनिश्चित कर सकते हैं कि कोई लम्प ट्यूमर है या नहीं . इसलिए वे इमेजिंग यानि अल्ट्रासाउंड करते हैं या उम्र के अनुसार मैमोग्राफी करते हैं .बिना इमेजिंग के सटीक डायग्नोसिस नहीं किया जा सकता है और गलती हो सकती है .
क्या ब्रेस्ट सिस्ट ब्रेस्ट ट्यूमर में बदल सकता है - इमेजिंग के बाद बायोप्सी कर पता चलता है कि कोई सिस्ट या लम्प कैंसर है या नहीं . आमतौर पर अगर बायोप्सी टेस्ट इसे बिनाइन बताता है तो इसके ट्यूमर होने की संभावना नहीं है . पर इसके विपरीत भी अपवाद देखे गए हैं , कुछ सिस्ट जिनके बॉर्डर अनियमित ( irregular ) हैं या जिनकी दीवार मोटी हैं या जिनके अंदर सिर्फ लिक्विड न होकर कुछ सॉलिड भी हैं उनके कैंसर होने की 20 - 30 % संभावना रहती है . इसलिए सिस्ट का बायोप्सी कर या कुछ दिनों बाद डॉक्टर दुबारा इमेजिंग कर सुनिश्चित करते हैं .
असाधारण या एब्नार्मल ब्रेस्ट लम्प अक्सर होते हैं - हालांकि ब्रेस्ट लम्प ब्रेस्ट एरिया में कहीं भी हो सकता है पर अक्सर यह ब्रेस्ट ऊपरवाले क्वाड्रेंट ( सर्किल का चतुर्थ भाग ) 70 % कांख के पास देखा गया है . निप्पल के पास बाहरी छोर पर यदि लम्प है तब भी सतर्क रहने की जरूरत है .
ब्रेस्ट सिस्ट या ट्यूमर सुनिश्चित करने में सेल्फ एग्जाम ( स्वयं परीक्षा ) का भी अहम योगदान है . स्वयं देख कर छू कर महसूस किया जा सकता है कि ब्रेस्ट नार्मल या नेचुरल है . कुछ भी असाधारण लगने पर सतर्क होना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है . इसलिए डॉक्टर समय समय पर सेल्फ एग्जाम कर के निम्न परिवर्तन पर ध्यान देने की सलाह देते हैं -
1 . निप्पल डिस्चार्ज - हालांकि निप्पल डिस्चार्ज के सभी मामले कैंसर के संकेत नहीं हैं पर यूनिलैटरल ( एक निप्पल ) से लाल खून डिस्चार्ज में कैंसर का खतरा रहता है . अगर निप्पल डिस्चार्ज बाईलैटरल ( दोनों स्तनों से ) है और खून नहीं है तब कैंसर की संभावना कम है .
कभी पीरियड साइकिल या मेनोपॉज़ के दौरान या हॉर्मोन ट्रीटमेंट लेने से हॉर्मोन में बदलाव के चलते फ़िब्रोसिस्टिक चेंज होता है जिसके चलते निप्पल से ग्रीन डिस्चार्ज हो सकता है , यह कैंसर नहीं है .
2 . ब्रेस्ट के निकट लम्प - ब्रेस्ट में लम्प खोजते समय अक्सर महिलाएं सेल्फ एग्जाम के दौरान सिर्फ ब्रेस्ट के निकट देखती हैं और बाँह उठा कर आर्मपिट ( कांख ) एरिया भूल जाती हैं . कुछ कैंसर स्तन से शुरू हो कर आर्मपिट एरिया में फ़ैल जाते हैं और वहीँ लम्प बन जाते हैं .
3 . स्वेलिंग ( सूजन ) और लालपन - ब्रेस्ट सूजन और लालपन किसी इन्फेक्शन से भी हो सकता है खास कर उन औरतों में जो धूम्रपान करती हैं या निप्पल पियर्स कराती हैं , यह कैंसर नहीं है और एंटीबायोटिक से ठीक हो जाता है . पर यदि बिना किसी इंफेक्शन के ऐसा है और एंटीबायोटिक भी बेअसर है तब कैंसर की संभावना के चलते डॉक्टर अन्य टेस्ट कराते हैं .
4 . स्तन पर डिंपल या निप्पल का उल्टा होना - सेल्फ एग्जाम के दौरान गौर करें कि किसी एक स्तन के आकार या ढाँचे में कोई बदलाव तो नहीं है जैसे डिंपल होना या निप्पल का उलट कर विपरीत दिशा में अंदर की तरफ मुड़ा होना . ऐसा होना कैंसर हो सकता है . कभी किसी महिला के दोनों ब्रेस्ट पर निप्पल जन्म से ही अंदर की तरफ झुका होता है , यह कैंसर नहीं हो सकता है .
5 .किसी एक स्तन की साइज में बदलाव - सेल्फ एग्जाम में अगर किसी एक स्तन की साइज में विशेष बदलाव नजर आये तो डॉक्टर को दिखाएं . सेल्फ एग्जाम में ध्यान देना चाहिए कि कोई स्तन साइज में बड़ा तो नहीं हो रहा है और उसके अंदर कुछ कठोर या टाइट या भारीपन तो महसूस नहीं हो रहा है . ऐसे में डॉक्टर की सलाह लें . कभी दोनों ब्रेस्ट के साइज में अंतर् नेचुरल भी हो सकता है .
बॉटम लाइन - ब्रेस्ट में या उसके आस पास किसी भी तरह का असाधारण ग्रोथ या लम्प दिखे तब तत्काल उसकी जांच करा लेना चाहिए . यह लेख सिर्फ वीमेन ब्रेस्ट के लिए है . पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है और उसके सिंप्टम्स कुछ अलग होते हैं .
नोट - यह लेख सिर्फ ब्रेस्ट लम्प के प्रति जागरूकता लाने के लिए है , कोई मेडिकल एडवाइस नहीं है .
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