Wo Ankahi Bate - 22 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 22

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वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 22

काफी देर तक पुजा हुआ और फिर सब खाना पीना हो गया था।
बिमल ने समय पर चांदनी को दवाई खिला दिया।
फिर सब तैयार होने लगें।
बिमल ने अपनी चांदनी के लिए पार्लर वाली को भी बुलाया था।
चांदनी को सजने संवरने का उतना शौक तो नहीं था पर बिमल की खातिर वो ये भी करने को तैयार हो गई।
कहते हैं कि समझौते के रिश्ते में प्यार नहीं होता पर यहां तो भरपूर प्यार देखने को मिल जाएगा।
फिर सब तैयार हो गए थे।
बिमल ने बहुत सारी गाडियां बुक करवाया था।
उसके सारे दोस्त वहां पहुंच गए लेकिन कुछ बदमाश दोस्त सीधे घर आ गए ताकि बिमल को परेशान कर सकें।
फिर सब एक, एक करके निकल गएचांदनी सांवली थी पर उसकी आंखें बहुत कुछ कहती थी।
उसकी साड़ी का कलर उस पर खिल रहा था। और फिर उसका एक जुड़ा तो हजारों सपने बुन रहा था।
और फिर उसकी मुस्कराहट वाह क्या बात!
अपने सारे ग़म भुला दें सकते हो इस मुस्कुराहट पर।।
फिर सब होटल पहुंच गए।
काफी लोगों की भीड़ हो गई थी।
चांदनी को मैं अपनी ओर खींच कर कुर्सी पर बिठा दिया क्यों कि उसे भीड़ से तबीयत बिगड़ सकती थी।
भगवान ने मुझे खुशी तो दी पर शायद समय नहीं दिया क्योंकि मेरे दोस्त जो यूं एस में सर्जन है उनका एक मेसेज ने मेरी पुरी कायनात बदल दिया पर मैं खुद को सम्हाल लिया था क्योंकि वहां हमारी पार्टी में सब आकर गिफ्ट दें कर जा रहे थे।
न चाहते हुए भी मुझे एक बनावटी हंसी मुंह पर रखनी पड़ रही थी।
काश मै बहुत पहले मिला होता तो शायद कुछ कर पाता।।
बिमल जैसे ही एम्बूलैंस आ गया तुरन्त ही हम चांदनी को लेकर निकल गए।
अस्पताल में भर्ती कराया गया चांदनी को।
मैं एक दम सुन्न पड़ गया था कि आखिर अचानक इतनी जल्दी सब कुछ खत्म हो जाएगा।
पर शायद भगवान ने मेरी सुन ली। डाक्टर ने कहा कि चांदनी को खुश रखना चाहिए और फिर कुछ बदलाव के लिए कहीं घुमाने ले जाना चाहिए।।
मैं बहुत खुश हो गया था और फिर हम दूसरे दिन ही घर वापस आ गए।
मैंने कहा चांदनी देखो हम कहीं घूमने चले।
चांदनी ने हां कहा तो मैंने सारी पैकिंग कर लिया।
हम मसूरी जा रहे थे।
चांदनी भी बहुत खुश थी और मैं भी।
दोपहर की ट्रेन थी हमारी।
चांदनी ने कहा बिमल मुझे बहुत डर लग रहा है।


विमल ने कहा अरे बाबा अब सब कुछ मेरे ऊपर छोड़ दो मैडम।
हम अपनी जीवन की पहली शुरुआत करने जा रहे हैं।
चांदनी हंसने लगी और फिर बोली ओह माई गॉड।

बिमल ने कहा अरे बाबा अदरक वाली चाय हो जाएं।
चांदनी ने हामी भर दी।
फिर दोनों ने चाय और साथ में बिस्किट नमकीन खा लिया।
चांदनी ने बताया कि मुझे ना बचपन से ही बर्फ में जाने का बड़ा मन था।
बिमल ने कहा वाह हम-दोनों का एक ही सपना।।
चांदनी तुम्हें पता है मेरा सपना हो तुम।।
चांदनी ने कहा क्यों इतना प्यार करते हो आप।।
बिमल ने कहा ये मत पूछना कि चाहता क्यों हुं।
ये दिन ये रैन
तेरे बिना अब कही नहीं चैन।

क्रमशः