Najayaz Rishte - 4 in Hindi Love Stories by Gurwinder sidhu books and stories PDF | नजायज रिश्ते - भाग 4

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नजायज रिश्ते - भाग 4

बहुत सी निगाहों ने तुम्हें देखा होगा
आपकी सुंदरता और सादगी पर पहरा रहेगा
आपके होठों से निकले शब्द कभी भी प्रेम के शब्द नहीं होते
काली भँवरों ने रात में तुम्हारे चेहरे से परदा उठा दिया होगा

प्रीत के दिमाग में अभी भी एक सवाल बड़ी तेजी से घूम रहा था कि आखिर यह कोन है। जब सब चुपचाप बैठे थे तो इसने मेरे लिए गुंडों से कियू लड़ाई की। प्रीत के मन में कई सवाल थे। बस शहर पहुंची। यात्री एक-एक कर बस से उतरने लगे। प्रीत भी बस से उतर गई। आज बस लेट थी। जिससे प्रीत के दोस्त पहले से ही वहां खड़े होकर प्रीत के आने का इंतजार कर रहे थे।

बस से उतरने के बाद प्रीत ने पीछे मुड़कर कमल की ओर देखा और कमल को धन्यवाद दिया। कमल बिना कुछ कहे चला गया। प्रीत अपने दोस्तों के पास आई। प्रीत के मन में व्याकुलता और उसके चेहरे पर मायूसी छाई देखकर प्रीत की सहेलियों ने प्रीत से उसकी शर्मिंदगी का कारण पूछा। पहले तो प्रीत ने कुछ न कहकर सबको टाल दिया। पर धीरे से सारी बात अपनी सहेलियों को बता दी।

प्रीत के दोस्त भी प्रीत से उस युवक के बारे में पूछने लगे कि वह कौन है। लेकिन अभी तक प्रीत को भी नाम नहीं पता था, तो वह अपने दोस्तों को क्या बताएगी? लेकिन प्रीत के दिल में उसकी छवि कभी नहीं मिट पाई। मन ही मन प्रीत को उस युवक का चेहरा बहुत याद आ रहा था।

प्रीत का दिल हर पल बस उसे ही देखना चाहता था। लेकिन अभी तक प्रीत को उसका नाम तक नहीं पता था कि वह कहां से है। जब प्रीत मुश्किल में होती थी तभी वह बिना कुछ कहे वापस आ जाता था। प्रीत के दोस्त प्रीत का चेहरा देख रहे थे और प्रीत युवक के ख्यालों में खोई हुई थी।

बस स्टॉप पर खड़े होकर प्रीत ने बस स्टॉप पर चारों तरफ देखा, लेकिन प्रीत को उस युवक का चेहरा कहीं नजर नहीं आया। एक बार फिर उससे मिलने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह जल्दी से बस से उतर गया और बस स्टैंड से निकल गया।

प्रीत के दोस्त प्रीत को ऑटो में बिठाकर कॉलेज आ गए। लेकिन प्रीत अब भी कहीं और खोई हुई थी। प्रीत के दोस्तों ने प्रीत से बात करने की काफी कोशिश की, लेकिन प्रीत का जवाब सिर्फ हां या हां में ही था। इससे ज्यादा प्रीत आज कुछ नहीं बोल रही थी।

प्रीत के दिमाग में बार-बार वही चेहरा और वही सवाल घूमने लगे। कुछ दिनों तक प्रीत की हालत ऐसी ही रही, बस एक ही चेहरा हर पल आँखों के सामने रहने लगा। अब बस में भी कोई डिस्टर्ब नहीं करता। मानो सब पपरीत से भी डरने लगे हैं। कभी-कभी बस से उतरते समय प्रीत को उस युवक का थोड़ा-सा चेहरा दिखाई देता, लेकिन वह पलक झपकते ही उसकी आंखों से ओझल हो जाता।

एक दिन प्रीत कॉलेज में अपनी सहेलियों के साथ बैठी थी। बस में उसके साथ दिखे लड़कों में से एक लड़का कॉलेज आता दिखाई दिया। प्रीत ने अपने दोस्तों को उसके बारे में बताया। उसके बारे में थोड़ा पता करने पर पता चला कि वह अपने ही कॉलेज में पढ़ता है, लेकिन आप उससे कैसे बात करेंगे और बात करके उस युवक के बारे में कैसे जानेंगे।

, प्रीत और उसकी सहेलियों को उस युवक के दोस्त की गर्ल फ्रेंड के बारे में पता चला और फिर उसकी सहेली जो प्रीत के दोस्त की क्लास में पढ़ती थी, उससे बात करने लगी। और दोस्त बन गए। होली होली प्रीत को अपने दोस्तों के जरिए पता चला कि वह भी उसी कॉलेज में पढ़ता है। प्रीत रोज पूरा कॉलेज, पार्क, कैंटीन सब कुछ तलाश करती थी, लेकिन प्रीत को वह चेहरा कहीं नहीं दिखा।

पर प्रीत के मन की बेचैनी और भी बढ़ने लगी थी। अंदर ही अंदर प्रीत को उस युवक से प्यार हो गया। ये एक तरफा प्यार था वरना वो युवक भी प्यार के फेर में था। यह तो समय आने पर ही पता चलेगा।

प्रीत पल पल वही चेहरा देखती रही। लेकिन असल में प्रीत को एक पल के लिए भी चैन से मिलने और खड़े होने का मौका नहीं मिला था। बस एक छोटी सी झलक और पलक झपकते ही गायब हो जाती है। काफी मशक्कत के बाद प्रीत को पता चला कि नाम कमल था।

लेकिन वह कब कॉलेज आया और कब वापस चला गया, इसका पता नहीं चला। प्रीत कमल के ख्यालों में रहने लगी। एक दिन दोपहर के समय प्रीत और उसकी सहेलियां कॉलेज की लाइब्रेरी में बैठी थीं। बाहर मौसम खराब था। हल्की बारिश होने लगी थी तो वे लाइब्रेरी चले गए। कमल भी वहीं बैठा किताब पढ़ रहा था।

प्रीत की नजर कमल पर पड़ी तो मानो प्रीत की जान में जान आ गई। प्रीत के चेहरे पर प्यारी मुस्कान देखकर ऐसा लगा कि कमल मेरे पास आ गया है। प्रीत की निगाहें कमल के चेहरे पर टिकी थीं।

आत्माओं के प्रेम की चर्चा होने लगी
तेरी ख़ूबसूरती देख दिल के इरादे पाक न हुए
गोरे शरीरों को छूने पर काले भँवर थे
उठते ही हम प्रेम में खो गए

Story vadia lge like cmt jrur kro , follow vi krlo frnds
जारी,,,,