Contract Marriage - 25 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 25

The Author
Featured Books
  • ફરે તે ફરફરે - 37

    "ડેડી  તમે મુંબઇમા ચાલવાનુ બિલકુલ બંધ કરી દીધેલુ છે.ઘરથ...

  • પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-122

    પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-122 બધાં જમી પરવાર્યા.... પછી વિજયે કહ્યુ...

  • સિંઘમ અગેન

    સિંઘમ અગેન- રાકેશ ઠક્કર       જો ‘સિંઘમ અગેન’ 2024 ની દિવાળી...

  • સરખામણી

    સરખામણી એટલે તુલના , મુકાબલો..માનવી નો સ્વભાવ જ છે સરખામણી ક...

  • ભાગવત રહસ્ય - 109

    ભાગવત રહસ્ય-૧૦૯   જીવ હાય-હાય કરતો એકલો જ જાય છે. અંતકાળે યમ...

Categories
Share

कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 25

रणविजय ने देखा तो देखते रहा और अक्षा के गाने के बोल को सुनता रहा वो वहीं पर बैठे स्क्रीन पर नजरें गड़ाए जम गया था ...जब गाना खत्म होकर विज्ञापन देने लगा तो मुस्कुरा कर नाश्ते के प्लेट पर निगाह डाली और खाने लगा चम्मच में भर कर ... उसी समय रणविजय का फोन पर कॉल आने लगा उसने स्क्रीन देखकर फोन रिसीव किया " हेलो....सिराज

दूसरे तरफ से सिराज ने कहा" प्रेसिडेंट रणविजय सूत्रों से पता चला है कि मैम गोवा से आज मुंबई आ रही है आप मैम से कहां मिलना चाहते हैं मिस्टर माणिक मल्होत्रा के घर या कहीं होटल पर ..??

रणविजय ने कहा "अक्षा से बात कर लो वो कहां मिलेगी वो जहां भी बोले मैं आ जाऊंगा ..बात होने के बाद फोन डिस्कनेक्ट किया...

सिराज कि कोशिश जारी थी वो अक्षा से सामने से मिलकर बात करें पर वो बिज़ी होने के कारण सिराज ने उससे बात नहीं हुई और ना मिल पाया ऐसे करते हुए दो तीन दिन बीत गए तो रणविजय ने निश्चित किया कि वो अब जिस म्यूजिक कंपनी में अक्षा गाना का रिकार्ड कर रही है वहां सीधे जाकर मिले और सिराज के साथ सीधे ही रिकोर्डिंग सेंटर जाकर मिले...

अगली सुबह ...

रणविजय के विला में घर के अंदर कुछ हलचल हुई रणविजय ने देखा सामने तो मिस्टर रणधीर और रागिनी बुआ थी वो दोनों बत्तीसी चमकाते हुए सोफे पर आकर बैठे , रणविजय के ब्रेकफास्ट का समय था जब पता चला कि उसके पैरेंट्स आए हैं तो वो जल्दी नाश्ता खत्म किया और जाकर अपने पैरेंट्स के पास बैठा ...

मिस्टर रणधीर रावत ने बिजनेस कि कुछ बात किया फिर रागिनी भी शुरू हुई अपने आसपास परिवार वालों कि बात लेकर फिर मिस्टर रावत ने कहा " रणविजय मुझे लगा तुम्हें समय नहीं तो मैं खुद आकर मिलूं और तुम्हारी बुआ भी मिलना चाहती थी ..

रणविजय ने रणधीर और रागिनी कि चेहरा पढ़ने कि कोशिश किया वो जानना चाहता था कि आज अचानक सुबह क्यों आएं हैं क्या जरूरी काम है वो मन में बुदबुदाया ...!!

मिस्टर रावत ने आगे कहा " रणविजय मेरा दोस्त मिस्टर राजेश कपूर चाहता है कि हमारी दोस्ती अब रिश्ते दारी में बदल जाए और मैंने भी सोचा कि अब तुम्हारी गठबंधन कर दिया जाए ताकि मेरी भी ये जिम्मेदारी खत्म हो घर में बहू आएगी तो माहौल भी खुशियां भरी होगी अब बुढ़ापे के दहलीज पर हुं तो पोता पोतियों कि मुंह देखना चाहता हूं , क्या तुम मेरी इच्छा पूरी नहीं करोगे...

रणविजय आश्चर्य हुआ और हड़बड़ी में कहा " डैड .. मैं.. मैं शादी के बारे में नहीं सोचा है , और आपको जल्दी क्यों है मैं शादी करूंगा तो आपको खबर कर दूंगा ..!!

रागिनी ने जवाब दिया " रण ये क्या कह रहे हो , हमारे घर अच्छा रिश्ता आया है उसे हम लौटा नहीं सकते रिया सुशील और सर्व गुण संपन्न है हमें बहुत पसंद हैं तुम्हारी जोड़ी उसके साथ परफेक्ट है इसलिए मैंने और भैया ने डिसाइड किया है कि तुम्हारी शादी रिया से ही होगी ..!!

रणविजय ने सपाट शब्दों में कहा " बुआ जी.. मैं रिया को अच्छी तरह नहीं जानता हमारे अचार विचार क्या है कैसे हम सोचते हैं ,हम दोनों कि जीवन भर कि बात होगी इसलिए शादी को जल्द बाजी करना सही नहीं है मैं जब तक पर्सनली रिया को नहीं समझता तब तक मैं शादी नहीं करूंगा सॉरी ...!!


रणधीर ने कहा " रणविजय इससे अच्छा रिश्ता और नहीं मिल सकता और कपूर परिवार को हम बरसों से जानते हैं रिया बहुत अच्छी लड़की है तुम उसके लिए पॉजिटिव रखो , रिया अच्छा जीवनसंगिनी बनेगी तुम्हारे लिए ..!!

रणविजय ने फिर कहा" डैड मैंने कहा ना जब तक मैं खुद रिया से पर्सनली नहीं जानता तब तक आप लोग शादी के लिए शांत रहिये ..

रणधीर ने रणविजय का जवाब सुनकर कहा " ठीक है तो तुम रिया को डेट पर ले जाओ और हो सके तो कुछ दिन के लिए ट्रीप पर रिया के साथ जाओ और समय बिताओ हमें जवाब हां में मिलनी चाहिए कि तुम्हें रिया पसंद है ,चलो रागिनी घर रणविजय को ऑफिस भी जाना होगा ,वो खड़े हुआ तो रागिनी भी खड़े हुई ..

रणविजय चुप था पर परेशान हो गया वो कुछ नहीं बोला सोफे से उठ कर वो अपने लाइब्रेरी रूम चला गया , रागिनी और रणधीर घर से बाहर चले गए ..!!

आज सुबह से रणविजय परेशान हो उठा उसके डैड का फरमान और ऊपर से अक्षा का ना मिलना ...

तभी सिराज आया और बोला " प्रेसिडेंट अक्षा मैम सुबह दस बजे गाने का रिकॉर्ड करने आती है इसी समय हम उनसे मिलने चलते हैं ...

रणविजय ने ओके किया......

बारह बजे थे रणविजय अक्षा के इंतजार में पार्किंग एरिया में अपनी गाड़ी पर बैठा था तभी अक्षा और माणिक रिकॉर्डिंग करके बाहर आए सिराज अक्षा के इंतजार में दरवाजे पर खड़ा था जैसे ही अक्षा माणिक के गाड़ी के पास आई तो सिराज बोले " एस्क्यूसमी मैम ...

अक्षा को आवाज जाना पहचाना लगा और गाड़ी के दरवाजा खोलने से पहले वो सिराज को मुड़कर देखी ...

सिराज ने कहा" मैम प्रेसिडेंट आपसे मिलने आए हैं ..!!


अक्षा माणिक को देखी और फिर सिराज को देखकर बोली " क्यों... क्यों आए हैं मैंने कहा था ना जब मिलना होगा तो मैं आऊंगी फिर यहां क्यों आए हैं ...

माणिक मल्होत्रा ने अक्षा से सवाल किया" मिस अक्षा कौन है ये और प्रेसिडेंट कौन है तुम कैसे जानती हो उसे ...

अक्षा सोचने लगी क्या बताए रणविजय कौन है उससे कैसा रिश्ता है सच बोलने पर माणिक सर क्या समझेंगे फिलहाल बात टालना ही सही है अक्षा मन में बड़बड़ाई फिर बोली " सर ये सिराज है मिस्टर रणविजय रावत कि सेक्रेटरी , आपने सुना ही होगा रणविजय रावत का नाम वो बिजनेस मैन है यहां , दरअसल मेरे दादा जी के वेलफिशर है मिस्टर रणविजय रावत तो दादा जी ने मुंबई में मुझे अकेले देखकर मिस्टर रावत को मदद करने कहा था वो आते हैं जब भी फ्री टाइम होता है तो ,आज भी उसे समय मिला है तो मिलने आया होगा ...

माणिक मल्होत्रा ने अपने आंखें सिकोड़ कर पूछा " ओह रियली कि मिस्टर रावत वेलफिशर है फिर इतने दिन से वो कहां थे ,अक्षा अब तुम कोई बच्चे नहीं हो एक नई उड़ान में हो इन जैसों को इग्नोर करो और बोल दो दोबारा तुमसे ना मिले , माणिक ने सिराज को देखते हुए सुनाया ...!!

सिराज माणिक कि बातों को समझ रहा था इसलिए माणिक के बातों का जवाब देना उचित नहीं समझा और फिर से अक्षा से कहा " मैम मैं प्रेसिडेंट को क्या जवाब दूं वो कुछ दूर में गाड़ी में बैठे इतंजार में है ...

अक्षा माणिक को देखने लगी वो सिराज को भी कुछ नहीं बोल सकती थी और ना माणिक को नाराज़ करना चाहती थी ..

माणिक अपने गाड़ी के ड्राइविंग सीट का दरवाजा खोलते हुए कहा" अक्षा गाड़ी में बैठो ..


गाड़ी में बैठे रणविजय देख रहा था और माणिक ,अक्षा के चेहरे का एक्सप्रेशन समझ रहा था यहां क्या बात हो रही होगी वो गाड़ी से बाहर आया और सिराज को घूरकर देखा...

सिराज रणविजय के चेहरे का भाव समझकर बोले" रुको....ये आवाज इतना सर्द था कि माणिक और अक्षा अपने जगह पर खड़े हो गए ... फिर सिराज ने आगे कहा" मिस्टर माणिक मल्होत्रा शायद तुम जानते नहीं मिस्टर रणविजय रावत कौन है और उसे इग्नोर कोई करता नहीं और जिसने इग्नोर किया उसकी कैरियर कुछ खास नहीं चलती ...

माणिक मल्होत्रा फिर पलटकर देखा तो मिस्टर रणविजय थोड़े पास आ गये और बोला धीमी आवाज में " अक्षा मुझे तुमसे बात करना है , तो बताओ कहां चले कोई होटल या कोई कैफे में...

अक्षा कुछ बोल नहीं पाई और पलकें झुकाई थी माणिक ने कहा" अक्षा कहीं नहीं जाएगी ...

रणविजय ने माणिक को देखकर धीरे से पूछा " तुम कौन हो जो डिसाइड करोगे कि अक्षा मेरे साथ जाएगी या नहीं ..??

माणिक मल्होत्रा ने बताया " मैं अक्षा का वेलफिशर हुं और उसके गॉडफादर , म्यूजिक कंपनी में लॉन्च कर रहा हुं तो उसकी भलाई के बारे में सोचना मेरा जिम्मेदारी है इसलिए मैं डिसाइड करूंगा वो किसके साथ उठेगी बैठेगी ...


रणविजय ने अक्षा को देखकर मुस्कुरा कर कहा " अक्षा मिस्टर माणिक मल्होत्रा को बताओ मैं कौन हुं क्या रिश्ता है हमारे बीच ,देखो मैं चुप हुं तुम्हारे कुछ प्रॉमिस के वजह से इसलिए तुम बताओ ..

अक्षा समझ रही थी अभी वो रणविजय के साथ नहीं गई तो बात बिगड़ जाएगी इसलिए बोली" माणिक सर , मिस्टर रावत मुझसे बात करना चाहते है तो बात करने में हर्ज नहीं मैं कुछ देर बाद आ जाऊंगी वो बोलकर रणविजय कि ओर बढ़ी और धीरे से बोली " चलिए क्या बात करना है ...

माणिक अक्षा को देखते रहा वो कुछ बोल नहीं पाया फिर रणविजय भी अपने गाड़ी में बैठे तो सिराज गाड़ी ड्राइव करते हुए वहां से निकले माणिक मल्होत्रा देखकर थोड़ा गुस्सा हुआ और वो भी वहां से अपने गाड़ी में बैठकर निकल गया....


कुछ देर में...

रणविजय कि गाड़ी आई समुद्र किनारे एक
शानदार होटल में यहां सिक्योरिटी बहुत थी , रणविजय और अक्षा वीआईपी गेट से होते हुए एक बैंक्वेट हॉल पर आया यहां भी लोग नहीं थे केवल होटल स्टाफ ही थे हॉल को बहुत अच्छी तरह से सजाया हुआ था वहां एक तरफ सोफे बिछें थे और बीच में डायनिंग मेज़ था , रणविजय अक्षा के
साथ सोफे पर आकर बैठे , अक्षा के चेहरे पर एक्सप्रेशन कुछ खास खुशी कि नहीं थी पर रणविजय बेहद उत्साहित नजर आ रहा था रणविजय ने बात शुरू किया....


कहानी जारी है...

जय श्री कृष्णना 🙏