1.
हे सुनो,
ऐसा करते है,
तुम पे मरते है
हमने वैसे भी तो,
मर ही जाना है...
2.
सुबह तेरी बातों में
दोपहर तेरे ख्यालों में
शाम तेरे इंतज़ार में
रात तेरी यादों में गुज़रती है
भला कौन कहता है ये इश्क़ फुर्सत का काम है
हमें तो वक्त कम पड़ जाता है
इश्क़ को सँवारने में
3.
इतरा लों,
कि तुमको हासिल हूं मैं,
बाकियों के लिए तो बस
हसरत हूं मैं...
4.
इसको गुरुर मान लें या फिर अदा...!
जो गुफ़्तगू के सारे सलीक़े बदल गए...!!
जिस दिन उसे बताया कि वो सबसे ख़ास है...!
उस दिन से उसके तौर तरीक़े बदल गए...!!
5.
ख़बर सुनकर मिरे मरने की वो बोले रक़ीबों से
ख़ुदा बख़्शे बहुत सी खूबियां थीं मरने वाले में
6.
तुम्हारी चाहत में ही बने हम शायर
ये शायरी के तोहफे सब हम तुम्हारी नजर करते हैं...
मांगना हैं तो दिल क्या जान मांगो दे देंगे
हम प्यार आपको इस कदर करते हैं...
7.
शायरी हो नज़्म हो कविता ग़ज़ल हो या कोई,
जिक्र उनका लाज़मी है
जान वो यूं ही नहीं।
8.
तुमको पाने की तमन्ना नहीं फिर भी खोने का डर है,
कितनी शिद्दत से देखो मैनें तुमसे मोहब्बत की है,
9.
वो अच्छे हैं उन पर अच्छे अच्छों की नजर हैं
वो फिर भी सिर्फ मुझे देखते हैं कमाल करते हैं।
10.
तूं "एहसास" हैं तभी तो जिंदा हैं 😍
तमन्नाओं का तो कब का क़त्ल कर दिया हमनें
11.
मोहब्बत क्या हैं, तासीरे - मोहब्बत किसको कहते हैं
तेरा मजबूर कर देना, मेरा मजबूर हो जाना !
यकायक दिल क़ी हालत देखकर मेरा तड़प उठना
उसी आलम में फ़िर कुछ सोचकर मसरुर हो जाना !
12.
खयालों ने की है तेरी गुजारिश,
इक लम्हे के लिए खयाल बन जाओ,
हर खयाल पे हो बस तेरी ही दस्तक,
बेखयाली में भी तुम्ही याद आओ...
13.
हल्की - हल्की मुस्कुराहटें
और सनम का खयाल
बड़ा अजीब होता है मोहब्बत
करने वालों का हाल...!!
14.
सुन ओए...
उम्र में तकाजा करे किसलिए...
झुरिया भी मोहब्बत की पड़ने दो...
हंसने से इश्क की तासीर बढ़ती है...
प्यार का ये खुमार भी चढ़ने दो...
15.
मैं उसकी हूँ
ये राज तो वो जानता है...
वो किसका है
ये सवाल मुझे सोने नही देता...
16.
काट कर ज़ुबां मेरी कह रहा है वो
ज़ालिम ...
अब तुझे इजाज़त है हाल ए दिल
सुनाने की ...
17.
नज़र से न छुओ हम को
नज़र लग जाएगी,
तुम्हारी उफ्फ निकलेगी
हमारी जान जाएगी।
18.
नींदें भी गुमशुदा... और वक़्त भी फरार...।।
बस तुम्हारा इंतज़ार... ओर हसरतें बेशुमार...।।
19.
उसे यक़ीन है कि
मैं जान नहीं दे पाऊँगी
मुझे ये ख़ौफ़ है कि
वो रोएगा आज़मा के मुझे...!!
20.
हमने आग़ोश ए मोहब्बत से
ये सीखा है सबक़
जिसे ज़िंदा नही रहना
वो मोहब्बत कर ले...।।
21.
मुकम्मल हो ही नहीं पाती
कभी तालीमे मुहब्बत...!!
यहां उस्ताद भी ताउम्र
शागिर्द हुआ करता है...!!
22.
ये रातों की चुप्पियाँ और
तुम्हारी यादों का शोर
जान जाए तो कैसे
साँस आए तो आए कैसे...!!
23.
लोग अपनी शायरी में
मोहब्बत की बात करते हैं।
और हम अपनी मौहब्बत से
शायरियों में बात करते हैं।
24.
जिक्र - ए - यार पर मुस्कुराना, फिर उसकी यादो में खो जाना...
बडा अच्छा सा लगता है, तसव्वुर में भी सिर्फ उसका हो जाना...