1.
हम तुझसे किस हवस की फलक जुस्तुजू करें
दिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरजू करें
तर-दामनी पे शेख हमारी ना जाईयो
दामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वजू* करें
सर ता क़दम ज़ुबां हैं जूं शम’अ गो की हम
पर यह कहाँ मजाल जो कुछ गुफ्तगू करें
है अपनी यह सलाह की सब ज़ाहिदान-ए-शहर
ए दर्द आ की बै’अत-ए-दस्त-ओ-सुबू करें
मिट जाएँ एक आन् में कसरत नुमाईयां
हम आईने के सामने आके जब हू करें
2.
सुनों कुछ शब्द तुम्हारे लिए होतें हैं
जो पढ़कर मुस्कुराओ तो इत्तला कर दिया करो...
3.
संजीवनी सा हो गया है रे... तु तो
जरा सी आने में देर करता है तो मरने लगती हूँ मैं...!!
4.
थोड़ा इश्क़ थोड़ी सोच थोडा ख्याल में आऊँ...!!
जान अगर हो इजाज़त तो आगोश में आऊँ...!!
5.
बढ़ा के प्यास
मेरी तिश्नगी से खेलते हैं
हमीं ने खेल सिखाया
हमीं से खेलते हैं...!!
6.
जिधर भी देखूँ वही वो दिखाई देता है...!!
मज़े की बात तो ये है कि वो ख़ुदा भी नहीं...!!
7.
प्रेम क्षणिक सुख नहीं,
समर्पण की पराकाष्ठा है
और तुम्हारा प्रेम
मेरी मानसिक पूर्ति है
शारीरिक नहीं
8.
तुम समझो गर ये ख़ालीपन तो कोई बात भी बने,
के बातें बेवजह भी ज़रूरी है कभी कभी इश्क़ में...!!
9.
तेरी ख़ुशबू तेरी चाहत से दिल यूँ महरूम रहा,
बनारस रहकर भी जैसे, कोई "गंगा" से दूर रहा...!!
10.
*"कुछ प्रेम कहानियों को किताबों में* नहीं,
प्रेम ग्रंथों में दिल की लाइब्रेरी में जगह मिलती है...
11.
दिल को धड़कने में,
तकलीफ़ हो रही है...!!
आप ज़रा हमसे,
दूर सरक कर बैठिए साहेब...!!
12.
उम्र और ज़िन्दगी में फर्क बस इतना...
जो तेरे बिन बीती वो उम्र, जो तेरे साथ बीती वो ज़िन्दगी...
13.
ना सजाइए चांद को अपनी आंखों में,
हम भी दिल बिछाये बैठे हैं इन राहों में।
14.
कोशिशों के बाद भी जो मुकम्मल ना हो सके
तेरा नाम भी उन्हीं ख्वाहिशों में शामिल है...!!
15.
मत पूछो तुम्हें सामने पाकर हम किस कदर निहाल से हो जाते हैं
हर रंग, हर किरदार में हम बस बवाल से हो जाते हैं...!!
16.
सावन में हम तुम्हें अपनी याद दिलाएंगे...!!
अपने इश्क को बादल की तरह बरसायेंगे...!!
17.
कहे तो जुल्फों को जुड़े का रूप दे दू...
महकोगे क्या फिर जुड़े का गजरा बनकर...
18.
मुझको मंजूर है गलियों मे तमाशा बनना
शर्त ये है की गलियाँ मेरे दिलदार की हो
19.
किसी ने आना भी चाहा तो भगा दिया हमने,
बसाकर दिल में तुम्हे कर्फ्यू लगा दिया हमने...!!
20.
उनके लब और वफा की कसम...!!
हाय, किया कसम थी खुदा की कसम...!!
21.
उम्र का कब ख्याल करता है
इश्क बढ़ती उम्र में कमाल करता है इश्क...
बस दिल रखो अपना जवा
फिर देखो क्या धमाल करता है इश्क...
22.
दिल को पिघलाता हुआ,आँखों को गरमाता हुआ
फिर ख्याल - ए - यार आया आग बरसाता हुआ...!!
23.
"हम तो इश्क के फकीर है"
"ले जायेंगे चुरा कर धड़कने तेरी"
24.
खून बनकर समा जाऊं मैं तेरे जिस्म में
बनकर दिल तेरा मैं महसूस करूं सांसें तेरी...!!
25.
सुबह शाम तेरी इबादत में बिताया हमने
खुद को तेरे ही कदमों में बिछाया हमने...!!
26.
कुछ यूँ उसने मेरी रात की नींदें छीनी हैं
करवटें दो ही है दोनों तरफ बेचैनी है
27.
उसे लगा, उसकी खातिर बद्दुआ करेंगे हम।
ना जी ना...
उसे उसके जैसा मिले, ये दुआ करेंगे हम।।