The Author Chandan Kumar Rajput Follow Current Read अधूरी कहानी - 3 By Chandan Kumar Rajput Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books સિક્સર મેથ્યુ નામનો વ્યક્તિ હોય છે. તે દૈનિક ક્રિયા મુજબ ઓફિસથી આવત... જીવન ચોર...ભાગ ૧ ( ભૂખ) ભાગ ૧ : ભૂખ મહાદેવી શેઠાણી: એ પકડો એને... પકડો.. મારા લાખો... ડેટા સેન્ટર ડેટા સેન્ટર : ડિજિટલ યુગના પાવરહાઉસ એઆઇના વધતા ઉપયોગ વચ્ચે ભ... સંઘર્ષ - પ્રકરણ 12 સિદ્ધાર્થ છાયા Disclaimer: સિંહાસન સિરીઝની તમામ કથાઓ તેમાં દ... એટૉમિક હૅબિટ્સ પુસ્તક: એટૉમિક હૅબિટ્સ, લેખક: જેમ્સ ક્લિયરપરિચય: રાકેશ ઠક્કર... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Chandan Kumar Rajput in Hindi Love Stories Total Episodes : 3 Share अधूरी कहानी - 3 (1) 1k 2k चंदू के प्यार के बारे में चंदू के घर वालों को पता चल गया ओर चंदू के घर वाले उस लड़की के घर वालो से सादी करने के लिए कहा ऑरअपनी बात राखी लेकिन उस लड़की के घर वालो को शायद ये रिश्ता मंजूर नहीं था इसके पीछे कई कारण हो सकता है जैसी की वंदना इस सदी से कोई एतराज़ होगा चंदू को यहीं लगता था कि अब वंदना से उसकी सदी हो जाए लेकिन जैसा वो समझता था वैसा कुछ नहीं हुआ अब पल पल चंदू अपने आपको बिल्कुल अकेला मेहसूस कर्ता जैसा जैसा दिन गुजर रहा था चंदू अपने आपको ख़तम ही करता जा रहा था उसकोयही लगता था कि अब कुछ भी नहीं रहा उसका इस दुनिया में गुजरते दिनों के साथ उसका अपनियो के प्रति व्योहार बहुत उसको चूबने लगा उसने अपने जीवन में बहुत दुःख सहा था अब वो वंदना को भूल जाना ही बेहतर है ये सोच रहा था वंदना को भूलना आसान था पर अनु को भूलना नामुम्किन था ये उसको कहा नहीं पता था अनु उसका पहला प्यार है अनु को कैसे भूल सकता है चंदू के माता पिता चंदू की हालत देख कर परेशान रहते थे चंदू के माता पिता चंदू से बहुत प्यार करते थे चंदू भी अपने माता पिता से बहुत प्यार करता था चंदू कितना दर्द है ये बात उसने अपने माता-पिता से कभी नहीं कहा मिडिल क्लास घर का होने की वजह से वो घर पर ज्यादा नहीं रहता था अब उसके ऊपर घर की ज़िम्मेदारी थी इसके लिए उसका जीवन सहर में ही बीत रहा था घर पर वो ज्यादा दिनों के लिए नहीं आता था सहर में ज्यादा दुखी होता तब ही घर आता था इसी बहाने अपनी माता पिता के साथ कुछ समय बिता लेता था ओर कुछ दिनो के बाद फिर से सहर चला जाता ऐसे ही उसकी जिंदगी बीत रही थी चंदू ने अभी तक सबसे ज्यादा प्यार किया है तो सिर्फ अनु से किया था अनु के जेन के बाद उसने वंदना को चाहा था लेकिन वंदना से उसकी कोई भी जवाब नहीं मिला की वो क्या चाहती है चंदू को यही लग रहा था कि अनु को उसने बड़ी मुश्किल से बहुत दिनों के बाद पता था पर कहा ये ईश्वर को मंजूर नहीं था हम दोनों का मिलन हो यही सोच कर चंदू के दिल को तसल्ली नहीं हो रही थी किसी को चाहो तो अपने दिल की बात बोल देना ही बेहतर होता है क्योंकि इस जीवन का कोई ठिकाना नहीं है कब जिस्म से जान निकल जाए कुछ भरोसा नहीं है अब तक चंदू यही सोच कर वंदना को भी नहीं भुला सका जब तक चंदू वंदना से अपने दिल की बात नहीं कह देता क्योंकि अनु को खोने के बाद उसे पता चला अगर किसी से प्यार करो तो समय बर्बाद मत करो अपने दिल की बात कह देना ही बेहतर है ये कभी मत सोचना चाहिए की आप जिसे प्यार करते हैं वो आपसे प्यार करती है या नहीं हर पल तड़पने से अच्छा एक पल में जान चली जाए......(कहानी अभी जारी है).. ‹ Previous Chapterअधूरी कहानी - 2 Download Our App