1.
"मैं नहीं चाहती वो मेरे बुलाने से आए
मैं चाहती हु वो रह ना पाए और बहाने से आए"
2.
बड़े इत्मीनान से बैठे हो
ख्याल किसका है
हाल अच्छा है तेरा तो
बुरा हाल किसका है
बहुत खुश हो चेहरे पे मायूसी को लेकर
वाह दीवाने इतना बता
फिर जीना मोहाल किसका है
3.
अपनी तन्हाई मे खलल यूँ डालूँ सारी रात...
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन
4.
मैंने पूछा उससे क्या रिश्ता है आपका और मेरा ...
उसने मुस्कुराते हुए कहा तुम दिल बहलाने के काम आते
हों...
5.
इश्क़ ब्याज नहीं मांगता।
बस वफा से कीमत चुकानी पड़ती है।
6.
आप कहते हैं मिलने की फ़ुरसत नहीं
छोड़िये ये आपके बहाने हैं मुहब्बत नहीं
7.
"अजीब ही शौक है निगाह ऐ इश्क का"
"हम तुम्हें ही देखते हैं और बेपनाह देखते हैं"
8.
ख्यालो में इतना दिल धड़काते हो
मुलाक़ातों में तो मार ही डालोगे ...!
9.
वो इश्क़ नहीं हमसे कारोबार कर रहे थे...!
कि जब फ़ुर्सत में थे तभी प्यार कर रहे थे...!!
10.
तुम्हारी याद पर ही बस नहीं चला वरना...!!
किसी को भूलने में कितनी देर लगती है...!!
11.
थोड़ा सा दिल रख लिया करो यार,
हम तुम्हें दिल में रखे बैठे हैं...
12.
इश्क मत कर लेना हमसे...
हमारी फितरत ही शायराना है,
शायरियां मोहब्बत की लिखते हैं...
दिल आशिकाना है...!!
13.
तन्हाई की सरहदें और भीगी पलकें
हम लुट जाते हैं रोज तुम्हें याद करके
14.
गर्मी - ए - इश्क़ खिला देती है गालों पे गुलाब
याद आते हैं जो लम्हात गई रातों के
15.
जो व्यस्त थे वो व्यस्त ही निकले
वक़्त पर फ़ालतू लोग ही काम आये...
16.
"मैं छंद तुम कविता से मैं धारा तुम सरिता से,
तुमसे अलग मैं अपूर्ण हूं जो साथ हो तो संपूर्ण हूं"...
17.
लफ्ज़ भी क्या चीज़ हैं तेरे साथ निकले तो चाह...!
तेरे बाद मुझसे गुज़रकर निकले तो वाह
और तेरे जाने के बाद निकले तो आह...!!
18.
मेरी शायरी की रगों में...
तेरी चाहतों का सुरूर है...
19.
मेरे पास से वो गुज़रा, मेरा हाल तक न पुछा ...
मै ये कैसे मान जाऊ, के वो दूर जा के रोया
20.
जाने किस रूह ए अंदाज से देख लिया तुम्हे
कि अब तुम्हारे सिवाय, कोई दिखता ही नहीं
21.
ना इल्जाम की फ़िक्र
ना जिंदगी की जुस्तजू,
काश गले लगकर तुम,
मुझसे मेरी ख्वाहिश पूछ लो...!!
22.
इश्क की किताब में हम दोनो का जिक्र है
उसका पहले और मेरा आखरी पन्ने पर है।
ख्वाहिश बहुत है इक दूजे से मिलने की
पर क्या करें बीच में कई पन्नो का सफर है
23.
चुप रहूँ तो हर नफ़स डसता है
नागन की तरह
आह भरने में है रुसवाई किसे आवाज़ दूँ ?
24.
कोई नया रोग ढूँढो, इस नयी जमात के लिए...
इश्क महज मजाक है, अब नयी कयानात के लिए...!!
25.
हम कुछ ऐसे उसके मन में रहते हैं...
जैसे कृष्ण वृंदावन में रहते हैं...!!
26.
नज़रो से जो तूने दिल को छुआ
मेरे दिल का पिघलना लाजमी था
27.
राबता नहीं है लेकिन ...
मै अब भी उसका सदक़ा देतीं हूँ ...
मुझे मालूम है वो अकसर बे वजह
उलझता रहता है अंदाज़े मन से...
28.
हालातों ने खो दी है इस चेहरे की मुस्कान,
वरना जहां बैठते थे रोनक ला दिया करते थे