the fragrance of love in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | इश्क़ की ख़ुशबू

Featured Books
Categories
Share

इश्क़ की ख़ुशबू

1.
बहुत खूबसूरती देखी पर न जाने क्यूं तुम्हारी सादगी और मासूमियत जैसी खुबसूरती कहीं और दिखती ही नही...

2.
छुपाऊ तो छुपाऊ कहाँ...
ये चेहरे पर फैली हया...
तेरे नाम लेने से ही जो...
रूखसार पर बिखर जाती है...

3.
तुम पर लिखते लिखते एक अरसा हो गया,
सच में मुझे लिखना आता ही कहां है,
अगर आता, तो तुम्है न लिख देता...!

4.
कुछ इस कदर सुकूंन दिल में बसाया ...
तुम नहीं आये ... तो तुमारे ख्यालों को बुलाया

5.
काश वो आकर कहे एक दिन मोहब्बत से
ये बेसब्री कैसी तेरी हूँ तसल्ली रख

6.
वो हर बार पहली मुलाकात की तरह मिलती है मुझे...!
मुझे हर बार उससे पहली नज़र का इश्क़ हो जाता है...!!

7.
कैसे पूरी हो मेरी मन्नत भला
मैंने माँगा ही वो है जो शायद मेरे हक मे नहीं...

8.
चुप्पी, बेबसी, घुटन...
ये लिहाज के ही नाम है,
सच मानिए...
सीधा रहना बहुत टेढ़ा काम है...

9.
औरत पहली नजर में ही पुरुष के इरादे
और पहले झटके में ही पुरुष की ताकत को जान लेती हैं

10.
साड़ी की सिलवटों में मेरे सब्र को उलझाले
अगर इंतज़ार है इश्क़ तो हर साँस तेरे हवाले

11.
कितना "बेईमान" है ये" दिल...!!
"धड़क रहा "मेरे लिए
"तड़प रहा तेरे" लिए...!!

12.
मैंने उनसे पूछा मैं तुम्हारी मोहब्बत हूं या जरूरत…
उन्होंने मुझे गले लगा कर कहा तुम मेरी जिंदगी हो पागल

13.
क़ुदरत के फैसलों का भी लाजि़म है एहतराम
वरना मैं चाहता था की तेरे साथ ही रहूं मैं...

14.
पन्ने - पन्ने पर तेरी इबादत, तेरा फसाना, तेरी कहानी...
किताब जहाँ - जहाँ से खोली, मोहब्बत तेरी ही निकली...

15.
गर तेरी नज़र क़त्ल करने मे माहिर है तो सुन
हम भी मर - मर के जीने मे उस्ताद हो गए है...!!

16.
दूरी हुई, तो उनसे करीब और हम हुए...
ये कैसे फ़ासिले थे, जो बढ़ने से कम हुए...

17.
छुपा कर इश्क़ की ख़ुशबू को रखा नहीं जाता...
नज़र उसको भी पढ़ लेती है जो लिखा नहीं जाता...!!

18.
आता नहीं संभालना,
पल्लू कमसिन से...
मोहब्बत में पड़ गई है,
दिल कैसे संभालेगी...
19.
और कितना संभाल कर रखूं इस दिल को
तेरी बांहों में टूट कर बिखरना है मुझको...

20.
ये अप्रैल का महीना और बेमौसम बरसात,
तुम पास होती तो एक कप चाय और पीते।

21.
प्रेम तो सिर्फ सुकून ही देता है...
घुटन...
उससे जुड़ी अनेक... अपेक्षाएं... देती है...l

22.
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए...

23.
मनचाहा अकेलापन
अनचाहे लोगों से बेहतर होता है।।

24.
साड़ी की सिलवटों में मेरे सब्र को उलझाले...

अगर इंतज़ार है इश्क़ तो हर साँस तेरे हवाले...!!

25.
किसी...
रोज तो मुकम्मल होगी
अपनी भी दास्तान...!
ये जरूरी तो नहीं
कि हर इश्क़ अधूरा
रह जाये...!!

26.
हम उन्हें इसी जन्म इतना चाहेंगे
कि हमें अगले जन्म की कोई चाहत नहीं रहेगी

27.
हर रात बदलते देखा है उन्हे
चांद कहां हमेशा एक सा होता है...!!

28.
जिस्म खुश रूह उदास लिए फिरते हो
ये किस किस्म की मोहब्बत किए फिरते हो...!!

29.
खुद को व्यस्त नहीं व्यवस्थित कीजिए
सफलता का यह पहला मंत्र है...!!

30.
साथ ठहरना आना चाहिये,
चलने के लिये तो सब तैयार हैं।

31.
तेरी यादों से ही
महक जाता है
वजूद मेरा
यकीनन ये इश्क नहीं
कोई जादू है तेरा…!

32.
कभी मिटने ना दें
अपने अस्तित्व की गरिमा को कभी मिटने ना दें,
क्योंकि यही तो आपके जीवन की एकमेव पूंजी है !!
अपने व्यक्तित्व की महिमा को कभी झुकने ना दें,
क्योंकि यही तो आपके चरित्र की एकमात्र कुंजी है !!