This is the heart (thirsty for love) in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | ये दिल है (मुहब्बत का प्यासा)

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ये दिल है (मुहब्बत का प्यासा)

1.
तुझे सोचकर कर ही हर...
एहसास जी लेते हैं हम...

तेरा ख्याल किसी...
यादगार मुलाकात से
कम नही...

2.
मेरे ख़्वाबों को इजाज़त नहीं है,

तेरे सिवा किसी और को देखने की

3.
एहसास करा देती है रूह, जिनकी बाते नहीं होती

इश्क वो भी करते हैं जिनकी, मुलाकातें नहीं होती

4.
चाहो तो रहो काबिज़, उम्र भर इस दिल में,

सिर्फ़ इक मुस्कान, इस दिल का किराया है.

5.
ये वक़्त की पहरेदारियां भी बड़ी ही ज़ालिम हैं,

एक को फुर्सत नहीं, दूजे का वक़्त कटता नहीं।।

6.
रहने दो मुझे यूँ ही तन्हाई में मशरूफ

मैं इश्क़ और जिंदगी दोनों से खफा हूँ

7.
उन्हे फुर्सत ही कहाँ जो वक़्त निकाले...

ऐसे ही होते है आजकल चाहने वाले...

8.
आदत आज भी
इस दिल की नही बदली "गालिब",

तेरी गली से गुजर कर हम,
आज भी अपना सब्र आजमाते है।

9.
खुदा को याद करूं या तुझे याद करूं
जर्रे - जर्रे में वो हैं और कतरे - कतरे में तुम

10.
बेमुरव्वत, बेवफ़ा, बेगाना - ए - दिल आप हैं,

आप माने या न माने मेरे क़ातिल आप हैं...!!

11.
ये दिल है मुहब्बत का प्यासा,
इस दिल का तड़पना क्या कहिये ,

मायूस है हम, मगरूर हो तुम,
और इस दिल पर मिटना क्या कहिये

12.
उनका गुरूर कम पड जाए ऐ - खुदा,
मुझे मेरे इश्क़ में इतना गुरूर दे

वो नाम भी ले मेरा तो कदम लड़खड़ाये ऐ - खुदा,
बेरुखी में उसे ऐसा सुरूर दे

13.
रहते हो यूँ ही मेरे दिल के आस पास,
दिल में दिल की खुशी का कारण हो तुम

महक तुम्हारी बिखरी है हवाओं में,
मुझे भी महका कर बहका रहे हो तुम

फूल सा कोमल है मेरा दिल - ए - नादान,
दिल की सरहद के निगहबान हो तुम

14.
पल - पल बदलते अहसास तेरे...
क्यों इतना तंग करते हो...!

कितनी हसीन लगती है जिंदगी...
जब तुम मेरे संग रहते हो...!!

15.
आपके घर का पता नहीं मालूम मुझे...

मैंने तो अपने दिल में रहते देखा है आपको...!!

16.
महरबान हम पे कभी
हर एक रात हुआ करती थी,

आंख लगते ही
मुलाकात हुआ करती थी...

17.
सुनो!
तुम कहते हो ना कि
सादगी का पर्याय हो तुम
खूबसूरत तो नहीं
पर...
उससे कम भी नहीं

चाँद सी चमक नहीं है तुममें
पर...
प्रेम की आभा से
परिपूर्ण हो तुम

समझ में तो ज़्यादा नहीं हो
पर...
अनज़ान किसी भी
लिहाज़ से नहीं

तुम बहुत खास हो
ये तुम जानती नहीं
पर...
बेवजह कहे कोई तुम्हें
तो मैं ये मानता भी नहीं

ज़्यादा दिलदार तो नहीं तुम
पर...
न से कोसो दूर रहती हो
हाँ नहीं कहती कभी
पर...
न भी नहीं कहती हो तुम
हाँ! सादगी का पर्याय हो तुम...

सुनो !
जानते हो तुम्हारी इन्हीं बातों से
मैं श्रीतुल्य हो जाती हूँ...

18.
सारी दुनिया की मोहब्बत से किनारा कर के
हमने रक्खा है खुद को तुम्हारा कर के,

तजुरबा एक ही जिन्दगी के लिए काफी था
हमने देखा नहीं इश्क दोबारा कर के...

19.
कुछ तलब में भी इजाफा करती हैं महरुमियां,

प्यास का एहसास बढ़ जाता है सहरा देख कर...

20.
वो न आए रात गुज़री दिन गुज़रा और फिर रात हो गई,

इस तरीक़े से इंतजार ए यार में उम्र यूं ही तमाम हो गई।

21.
मेरी आँखों से गुज़र कर दिल ओ जाँ में आना

जिस्म में ढल के मिरी रूह - ए - रवाँ में आना

22.
रिश्वत भी नहीं लेता कमबख्त जान छोड़ने की,

ऐ सनम ये तेरा इश्क मुझे बहुत ईमानदार लगता है...