1.
तुम्हीं गवाह, तुम्हीं वकील, जज भी तुम्हीं हो...
इश्क़ की सजा दो ऐसी कि उम्र गुज़र जाए साथ...
2.
इस दिल का एक कहा मानो एक काम कर दो,
एक बेनाम सी मोहब्बत मेरे नाम कर दो,
मेरे ऊपर एक छोटा सा एहसान कर दो,
एक सुबह को मिलो और शाम कर दो।
3.
जो, भाग्य में है वो तो! मिलेगा ही...
लेकिन, जो हृदय में है उसका क्या...?
4.
कभी तुमसे तुम्हे मांगें तो इन्कार कर देना,
क्योंकि नशा तुम्हें चाहने का किया है, पाने का नहीं..
5.
हम तो अरसे से कभी
उनके रु - ब - रु ना हुए !
सिर्फ ख्याल उनका आया
और तबियत बहल गई !!
6.
रूहानियत इश्क की ना पूछो मुझसे...!
एक ख्याल से ही मिजाज बदल जाता है...!!
7.
तू मुझ से दूरी बढाने का शौक पूरा कर,
हमारी भी जिद है तुझे हर दुआ में मांगेंगे...
8.
खुसुर - फुसुर लम्हें करते हैं बीते कल की बातें...
पुर्ज़ा - पुर्ज़ा दिन बिखरे हैं, रेशा - रेशा रातें...!
9.
कातिल का नाम पूछने का हक किसने दिया तुम्हे,
कुछ अनछुए पहलूओं को राज ही रहने दो...
10.
मिलने को तो मिलता है वह हर रोज ही मुझे,
पर ख्वाबों में हुई मुलाकात को मुलाकात कैसे कह दूं...
11.
क्यूं झूठ बोलूं की सब्र आ गया है मुझमें,
हां तुम मुझे याद आते हो और हर रोज़ आते हो...
12.
कोई सबूत ए निशा नही होता मोहब्बत का गालिब...
उसका नाम सुनते ही धड़कने बड़ जाए तो समझो मोहब्बत है...
13.
रात महके तो यूं भी होता है
चाँद पहलू में आके सोता है !
14.
बुझा के चराग़ हमने,
रात की उमर बढ़ा दी,
ख़्वाबों को जी लेने की,
एक यही सूरत बाक़ी थी।
15.
तेरे होने से ही मैं ख़ुबसूरत हूं
सुना है कि
चेहरा खिलता है मोहब्बत में...!
16.
चाँद भी उधार मांगा ...
केह कशां से मैंने ...
खुशबू भि माँग कर देख ली ...
गुलिस्ताँ से मैने ...
दिल नहीं लगा सका ...
मगर तेरे बगैर जाना ...
17.
तो फिर कहो कि तुम्हें इश्क है हमसे,
हम तुम्हें निहारेंगे नजर थकने तक...
18.
काबू में नही धड़कने जुबा भी मौन हे,
मेरे दिल में तुम हो तुम्हारे दिल में कौन है...
19.
इतना दिलकश लिखूँ...
मैं तुम्हें अपने लफ्जों में !
पढ़ने वालों को...
तुम्हें देखने की चाहत हो जाए !!
20.
वो धड़कनों में धड़क रहे हैं,
घुंघरू जैसे कि पाँव में...
नस - नस में समा गये वो,
खुशबू जैसे गुलाब में...
21.
तुम जो लगा लो... एक बार कस के गले मुझे,
हजारों गमों से... एक पल में आजाद हो जाऊं मैं...!
22.
सुनो न...
कभी तो बैठो मेरे करीब तो तुझपर मै भी कुछ अल्फ़ाज़ लिखूं
लिखूँ दिल का सुकूं तुझे या कोई खुबसुरत सा ख़्वाब लिखूँ...!
23.
लाजमी तो नहीं कि तुझे आँखों से ही देखूँ,
तेरी याद का आना,
भी तेरे दीदार से कम नहीं...!
24.
साँसों मे बड़ी बेक़रारी ...
आँखों में कई रत जगे,
कभी कहीं लग जाए दिल ...
तो फिर कहीं ना लगे...!
25.
मिलने आ जाओ अब तुम किसी बहाने से,
लूट रहा है वक्त सांसों का उम्र के खजाने से...!
26.
इश्क़ कर के देख ली,
जो बेबसी देखी न थी...!
इस क़दर उलझन में,
पहले ज़िंदगी देखी न थी...!!