The Author Chandan Kumar Rajput Follow Current Read अधूरी कहानी - 2 By Chandan Kumar Rajput Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books सरकारी समाचार जलेबी जेसे सरकारी समाचार खुशी देते हैं ( जलेबी जैसे टेढ़े मेढे समाचार,म... वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती यह कहानी है बचपन की एक ऐसी दोस्ती की, जो मासूमियत और सच्चे व... बुजुर्गो का आशिष - 10 पटारा फिर खुल गया हैँ, कपड़ो के निचे से कागज़ मिलते रहते हैँ,... नक़ल या अक्ल - 81 ( Last Part ) 81 अक्ल कभी कभी वक्त को भी पंछी की तरह पर लग जाते हैं। ऐसे... इश्क दा मारा - 25 राजीव की हालत देख कर उसे डैड घबरा जाते हैं और बोलते हैं, "तु... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Chandan Kumar Rajput in Hindi Love Stories Total Episodes : 3 Share अधूरी कहानी - 2 (1) 1.4k 2.6k बात नहीं करता सबसे दूर चार साल बीते जेन के बाद चंदू एक लड़की को जानता था उसका नाम वंदना था चंदू सहर में था उसने सोचा एक ना एक दिन सादी karna पड़ेगी तो क्यू ना जो हुआ उसे भूल कर वन्दना से सादी कर लू लेकिन उसको ये नहीं पता था कि वन्दना के दिल में क्या है।चंदू अब सहर से घर वापस आ गया था कि वंदना से एक बार बात करके देख ता हूं कुछ दिन बाद बड़ी मुश्किल से एक दिन वन्दना से किसी ने कहा चंदू आपसे बात करना चाहता है वन्दना ने कहा हमको किसी से बात नहीं करनी है सयाद वन्दना किसी ओर को चाहने लगी अब तक चंदू ने वन्दना से बात नहीं की थी अब तक चंदू को ये नहीं पता था कि क्या वंदना सच मैं नहीं चाहती है चंदू को अभी भी चंदू का दिल नहीं मान रहा था उसे यहीं लगता था ऐसा नहीं है वंदना भी उसे प्यार करती है लेकिन अब वो क्या कर सकता था डिप्रेशन में जाने लगा ओर्र धूमपान करने लगा अब चंदू रोज़ सिगरेट दारू पीने लगा. उसका अब ये नियम हो गया था जब भी चंदू अनु के बारे में सोचता तो अकेले में बैठकर रोता यही सोचता की कास अनु आज उसके पास होती तो मैं ऐसा नहीं होता जिसे अब मैं हो गया हू लम्बे बाल बड़ी दाढ़ी कभी ऐसे भी दिन थे चंदू को धूम्रपान से नफ़रत हुआ करती थी अब वही लड़का इसी का आदी हो गया था अनु उसकी प्रेरणा थी जब से अनु गई तब से यहीं लगता है कि उसका अब कुछ नहीं रहा अब यह जिंदगी मौत लगने लगी थी अब चंदू यही सोचता अगर वंदना उसकी जिंदगी में आ जाती तो सब ठीक हो सकता था लेकिन ये बहुत मुश्किल लग रहा था चंदू जिंदगी भर यहीं सोचता रहा अगर दोस्त लोग सयाद मदद करेंगे लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया अब वो जान चूका था किसी के ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए था चंदू के साथ वही हुआ वो कहते हैं कि दूसरों को खुश रखते रखते खुद को खुश रखना भुल गया अब कर क्या सकता था इसलिए अब वो किसी से बात नहीं करता था अब चंदू यही इंतज़ार में था कि एक बार वंदना उससे बात कर ले चंदू ये नहीं चाहता था कि उसकी खुशी के चक्कर में वंदना का दिल टूटे ना वह किसी को दुख देना चाहता था इसलिए उसने कहा कि वंदना से एक बार बोल दो कि चंदू आपसे एक बार बात करना चाहता है अभी तक उसको ये नहीं। पता चला कि उसने वंदना से ये बात बोली होगी या नहीं अगर बोली होगी तो वंदना ने अभी तक बात क्यों नहीं कि चंदू यही सोचता रहता था एक बार वंदना बात कर ले वो अपने दिल की बात बोलना चाहता था चंदू को अब किसी के ऊपर भरोसा नहीं था लेकिन वो इंतजार कर रहा था कि वंदना बात कर ले अब चंदू के प्यार के बारे में चंदू के घर वालो पता चल गई (कहानी अभी जारी है).. ‹ Previous Chapterअधूरी कहानी - 1 › Next Chapter अधूरी कहानी - 3 Download Our App