1.
तुम न मानो तुम्हारी मर्ज़ी है।
इश्क़ करना हमारी मर्ज़ी है।।
2.
चला था जिक्र मेरी खामियों का महफिल में ,
जो लोग बहरे थे उनको सुनाई देने लगा...
3.
ज़हर में डूबे हुए हो तो यहाँ मत आना,
ये वो बस्ती हैं जहाँ प्यार किया जाता है...
4.
बहुत से सवालात हैं करने को तुमसे...
कभी जमीर जिंदा हो तो मुलाकात कर लेना
5.
कैसे पूरी हो मेरी मन्नत भला,
मैंने माँगा ही वो है जो शायद मेरे हक मे नही...
6.
तुमने कहा था हर शाम हाल पूछेंगे तुम्हारा,
तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में शाम ही नहीं होती
7.
उसको तकलीफ़ है कि ज़िंदा हूँ मैं,
साँस लेना भी भूल जाऊँ क्या...
8.
नाम तेरा पानी पर मैंने इतनी बार लिखा,
लहरें जब तट पर आती हैं, तुझे बुलाती हैं।
9.
लगेगा मेरा झूठ भी आपको सच,
कभी ख़ैरियत पूछकर देखिएगा...
10.
यूँ हँस कर बात करना हर किसी से,
बहुत मायूस हो क्या... ज़िन्दगी से?
11.
इत्र बनेंगे आंसू महक उड़ाएंगे।
जिन आंखों में ख़्वाब तुम्हारे आयेंगे।।
12.
ग़नीमत है... परिंदे मेरी... तन्हाई समझते हैं,
अगर ये भी न हों तो घर के वीराने से मर जाऊँ...
13.
जब भी किसी ख़ुशी के हुआ साथ बैठना,
दस्तक हमारे दर पर नए दुःख की हो गई...
14.
ऐ कह - क़हे बिखेरने वाले... तू ख़ुश भी है,
हंसने की बात छोड़ कि... हंसती तो मैं भी हूँ।
15.
हमारे साथ ये बिल्कुल नहीं है,
हमारा दिल तुम्हारा हो गया है!
16.
बस इतनी पहचान बनानी है खुद की,
लाश मिले तो लावारिस न कहलाए...
17.
मुस्कुरा बैठे हैं तुझको मुस्कुराता देखकर,
वरना तेरी मुस्कुराहट की क़सम गुस्से में हैं।
18.
टपकती बूँद गवाही है ताज - ए - उल्फ़त की,
ये कौन शख़्स है जो मक़बरे में रोता है।
19.
क्या हुआ जो हवा का झोंका हूँ,
गुजर ही जाऊँगी किसी न किसी गली से...
20.
टूटे दिल से चाहते हो... इश्क़ तुम,
फूल क्या खिलता है... मुरझाने के बाद!
21.
ख्वाहिश थी आसमां से जमीं देखती मगर,
इक लड़की एक घर की रसोई में रह गई।
22.
मुहब्बत लिबास नही... जो रोज़ बदला जाए,
मुहब्बत कफ़न है... पहन कर उतारा नहीं जाता।
23.
आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है,
बिल्लियां तो बेचारी बेरोजगार बैठी हैं...
24.
इक चुभन है कि जो बेचैन किए रहती है,
ऐसा लगता है कि कुछ टूट गया है मुझ में...
25.
हसीन होके अगर बद मिज़ाज है तो है,
गुलाबो मे भी तो काला गुलाब होता है।
26.
उदासी जा चुकी है कुछ दिनों की छुट्टी पर,
खुशी के रंग भी तू भी है अबकी होली में।
27.
उस की आँखें देखीं, तब एहसास हुआ,
कितना शोर मचा सकती है ख़ामोशी।
28.
जीते जी
अंतिम संस्कार कर दूंगी
अब अगर_
किसी ने कहा
मेरा यकीन करो_
मैं वैसा नहीं हूं...!
29.
कभी फुर्सत में अपनी कमियों पर गौर करना,
दूसरों के आईने बनने की ख्वाहिशें मिट जाएंगी...
30.
लाख चेहरा हसीन हो लेकिन,
दिल तो सबका हसीं नहीं होता।
31.
हम रोज अपने खून का दिया जलाएंगे...?
ऐ इश्क़ तू एक बार अपनी मज़ार तो बता...!
32.
ख़ैर के काम में_ ता'दाद की बंदिश कैसी...
ये कहा किसने कि बस एक मोहब्बत की जाए...?
33.
लब पे बेलौस हँसी, काँच सी रंगत वाले,
अब भी कुछ लोग हैं दुनिया में मुहब्बत वाले।
34.
शोहरतों की भूक ने वहशी बना डाला तुम्हे...
तुम ने रख डालें है जाने कितनों के सर काट कर...