6.
बरस पड़ूंगा, बारिश की बूंदों में
नर्म हाथ तुम्हारे, छू लूंगा मैं
तुम्हारे आंगन में, महकेंगे
फूल वो प्रेम लिए, खिलूँगा मैं
इन रस्मों ने, बांध लिया तुमको
हो आज़ाद, क्षितिज पर मिलूंगा मैं
इस जहां में तुमसे
न मिल सका न सही
आसमां में चमकता,
सितारों सा मिलूंगा मैं
7.
उनकी मर्जी के मुताबिक जो चले होते
हम भी आदमी दुनिया में कुछ भले होते
ना होती तुम तो, यहाँ ईश्क कौन करता
शुरू ये शेरों सुखन के ना सिलसिले होते
हुस्न ए आफ्ताब दिल में ना रक्खा होता
ना दिल जलता ना, हम यूँ दिलजले होते
8.
मेरे मन की बंद पड़ी गांठों में,
तुम ही बसी हो मेरी हर सांसों में ।
जो चाहें वो हमें मिले ये जरूरी तो नहीं,
हाथ थामा वो उम्र भर साथ रहे ये जरूरी तो नहीं ।
मोहब्बत के इस सफ़र का कोई मंज़िल ही नहीं,
मन की गिरह को खोल दे
जो खो चुके उसका अब मोल नही,
जो है वही अनमोल बना ।
9.
ना मिले हम फिर कभी
करना हूं रब से ये दुआ...
तुम पराई क्या हुई
मैं टूट अंदर तक गया...
याद दिल में मैं लिए
जीता हूं पर जिंदा नही
तुम बसा ली घर है अपना
मैं उजड़ पूरा गया
अब तो बस यादें है तेरी
और तनहा जिंदगी
जीने को बस इतना है पास
याद तेरी है अभी...!
10.
फिर कभी आना चुपके से,
मेरे दिल के दरिचे में,
जहां ख्वाब संजोये है,
तेरी यादों में हमने,
मन की चाह थी,
तुम्हें अपना बनाने की,
लेकिन किस्मत को,
शायद मंजूर ना था,
आज भी आंखों में काजल,
की तरह फैली हो तुम याद बनकर,
11.
बिन तेरे ख्वाबों का क्या ?
चाहते हसरते लगाऊं क्या ?
तुम से ही सब कुछ तुम हो
दिल के बगिया में गुल हो ...!
खिल जाऊं महका दूं फिजा
हसरतों की उड़ान भर लूं जरा
चहके है दिल एक ख्याल तेरा
बिन तेरे ख्वाबों का क्या ?