Stores Of Arvind in Hindi Adventure Stories by Arvend Kumar Srivastava books and stories PDF | मिशन स्टार

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मिशन स्टार

रात के एक बज  रहे  थे, ‘निशान्त’ की दृष्टि लगातार अपने कम्प्यूटर स्क्रीन पर थी, उसे लगा कोई वायुयान ‘हिमांचल प्रदेश’ की ओर बहुत तेजी से बढ़ रहा है, उसके आश्चर्य का ठिकाना इस कारण से न रहा कि यह वायुयान लद्दाख और चीन की सीमा पर लगे रडारों से बच कर हिमांचल की सीमा तक कैसे उड़ आया, कहीं सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक तो नही हुई है अथवा हमारी वायु सेना के उत्तरी कमाण्ड के कम्प्यूटरों को हाइक तो नहीं किया जा चुका है, यह विचार आते ही उसने तुरन्त अपने प्रमुख मि0 ‘कृष्ण देव राय’ को सूचित किया, पहले तो उन्हें विश्वास ही नही हुआ इस कारण अपने केबिन से उठ कर वे तुरन्त निशान्त के पास चले आये।

“ओह! यह तो नामुमकिन है।“निशान्त की कम्प्यूटर स्क्रीन की ओर देखते हुऐ उन्होंने कहा और वायु सेना के उत्तरी कमान के मुख्यालय को फोन लगा कर इसकी जानकारी दी।

“सर! हमारे कम्प्यूटर पर तो कोई विमान नही दिखाई दे रहा है।“उधर से बताया गया। कृष्ण देव राय ने एक बार फिर निशान्त के कम्प्यूटर की ओर देखा, विमान अब और स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा था।

“मि0 अरूण, क्या वाकई में आप को कोई विमान नही दिखाई दे रहा है।“

“यस मि0 देव आई एम राइट।“

“ओह! इसका मतलब है तुम्हारे कम्प्यूटर सिस्टम को हाइक किया जा चुका है।“थोड़ा ठहर कर “हमारे दुश्मनों को यह नहीं पता है कि उन पर हम दो जगहों से निगरानी रख रहे है।“

“सर!” निशान्त ने चैकते हुए कहा

“क्या हुआ मि0 देव!” अरूण ने किसी की तेज आवाज सुनी और आश्चर्य से पूछा।

“सर!” निशान्त ने फिर कहा, वायुयान अचानक से नब्बे अंश पर घूम गया और फिर गायब हो गया।“

“मि0 देव! वायुयान गायब हो गया। मैं क्या सुन रहा हूँ।“

“आप सुन तो सही रहे हो! परन्तु यह आश्चर्यजनक है,तत्काल ही वायु सेना प्रमुख और रक्षा मंत्री को इसकी सूचना देनी होगी।“ देव ने अरूण से कहा।

“यस मि0 देव, मैं वायुसेना प्रमुख को सूचित करता हूँ आप रक्षा मंत्री जी को सूचित करें, हमें तत्काल सुरक्षा के और कदम उठाने होगें।“

“मि0 अरूण अभी सबसे महत्वपूर्ण है उस वायुयान को ढू़ढ़ना, वह गया कहाँ।“

“मैं अपनी ओर उसे देखता हूँ किन्तु आप भी अपनी टीम को इस बारे में सजग कर दें।“

“अवश्य! हम फिर बात करते है।“ देव ने कहा और फोन को काट दिया।

अगले एक घन्टे तक कम्प्यूटर स्क्रीन पर कोई सन्देह जनक स्थिति तो नही दिखाई दी किन्तु सभी को सूचित किया जा चुका था।

रक्षामंत्री श्री नरायण राव, रक्षा सचिव, तथा कुछ अन्य अधिकारी रक्षा मंत्रालय में उपस्थित हो चुके थे, वायु सेना प्रमुख और सभी प्रमुख इन्जीनियर भी अपने - अपने ऑफिस में बैठ गये थे और सभी एक दूसरे से हाँट लाइन से सीधे जुड़ चुके थे जिससे किसी भी नई हरकत को सभी को एक साथ सूचित किया जा सके। इस बीच सबसे प्रमुख बात जो हुई थी वह थी लद्दाख और हिमांचल प्रदेश की सीमाओं में लगे सभी रडारों के सिग्नल अब वायुसेना प्रमुख के ऑफिस में भी देखे जा रहे थे जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।

इस घटना की जानकारी थल सेना के प्रमुख को भी दे दी गयी थी जिससे जमीनी सुरक्षा व्यवस्था को भी और मजबूत किया जा सके और वह विमान यदि किसी कारण से असन्तुलित होकर कहीं गिर गया हो तो उसे भी ढूढ़ा जा सके।

भारतीय वायुसेवा के तकनीकी टीम का प्रमुख ‘आशुतोष पाटिल’ उसकी मुख्य सहायक ‘कृतिका’ तथा रक्षा मंत्रालय की तकनीकी टीम की प्रमुख ‘अपर्णा स्वामी’ और ‘अंशुल मेनन’ भी स्थित पर नजर रखने हेतु अपने-अपने केबिन में बैठ चुके थे।

“मि0 पाटिल, क्या हमें वायुसेना के उत्तरी कमान के ऑफिस में लगे कम्प्यूटरों को बन्द कर देना चाहिए।“ देव ने हाँट लाइन पर पूछा।

“नहीं आवश्यकता नही है, उत्तरी कमान के कम्प्यूटरों को हाइक नही किया गया है, केवल उत्तरी कमान के कम्प्यूटरों को रडारों से मिलने वाले सिग्नलों को किसी तकनीकि से रोका गया।“ पाटिल ने कहा।

“और हमारे दुश्मनो को यह नही पता कि हम अपने रडारों के सिग्नलों को दो जगह  पर विश्लेषण कर रहे है।“अपर्ण स्वामी ने अपनी राय दी।

“यह हो सकता।“ देव ने कहा।

                 

चीनी रक्षा मंत्रालय के अति गोपनीय कक्ष में ‘लिन ची’ अपनी सीट पर  एकदम से अवाक रह गया, यह हुआ क्या,उसने मन ही मन कहा और अपने कम्प्यूटर पर जो कर सकता था उसे करने की कोशिष की किन्तु सफलता नही मिली। वह जनाता था इस असफलता के लिये उसे कड़ी सजा मिलेगी मि0 ‘पोंग ची ली’ ने बहुत विश्वास से उसे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी, इसे किसी भी तरह छुपाया भी नहीं जा सकता था, वह अपनी सीट से उठा और मि0 ‘पोंग’ के केबिन में जा पंहुचा।

“क्या हुआ लिन।“

“सर हमारा विमान हिमांचल प्रदेश की सीमा में दाखिल होता इसके पहले ही अचानक से नब्बे अंश पर घूम कर लापता हो गया।“

“तुम्हारे साफ्टवेयर में कोई त्रुटि।“

“नो सर” लिन ने अपनी नजरें झुकाये हुए कहा।“मिस0 जिंग’ तुम शीघ्रता से पाकिस्तान में हमारे मिशन के कोआर्डिनेटर मि0’ कादिर’ से कहो कि उनकी सीमा में हमारा एक मानव रहित टोही विमान क्षतिग्रस्त होकर गिर गया है, उसके मलवें को ढ़ूढ़े किन्तु उसे तब तक हाथ न लगायें जब तक हमारी टीम पंहुच न जाये, और उसकी सुरक्षा करें।“

“यस सर।“मिस जिंग ने कहा और टेलीफोन का नम्बर डायर करने लगी।

“सर!” लिन ने कहा “हो सकता है हमारा विमान भारतीय सीमा में ही गिरा हो।“

“तो फिर तुम न रहोगे।“ लिन खड़े- खड़े कांपने लगा और घबराकर वह एक कुर्सी पर बैठ गया।

“मि0 लिन!यह समय तुम्हारे बैठने का नहीं है, मि0 जिंयाग के साथ मिलकर अपने साफ्टवेयर को एक बार फिर से चेक करो, हो सकता है कोई सुराख मिल जाये।“

“यस सर।“लिन ने कुर्सी से उठते हुए कहा और केबिन से बाहर निकाल गया।

‘पोंग’ के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान तैर गयी थी। वह भारतीय इन्जीनियरों की क्षमता से परिचित था, और समझ रहा था कि भारतीयों ने उस विमान को मार गिराया होगा। ‘पोंग’ भारतीय कम्प्यूटरों को हाइक किये बिना यह प्रयोग न करने के लिये अपने रक्षामंत्री मि0 ‘जी यांग’ से पहले ही अनुरोध कर चुका था किन्तु ‘जी0 यांग’ ने मि0 ‘जी पुंग ली’ के कहने पर ही इस महत्वपूर्ण मिशन को इसी प्रकार करने के लिये आदेशित किया था इस तरह देखा जाये तो यह असफलता‘जी पुंग  ली’ की ही मानी जायेगी और यदि इस असफलता के लिये किसी को सजा मिलती है तो वह व्यक्ति होगा ‘जी पुंग ली’  ली। इस प्रकार वह अपने प्रबल प्रतिद्धन्दी ‘जी पुंग ली’  को अपने रास्ते से हटा कर भारतीय मिशन का प्रमुख बना जायेगा। इस असलफलता में वह अपने लिये अवसर की सम्भावना को ढ़ूढ़ रहा था।

                                               

अभी सुबह नहीं हुई थी, अब्दुल कादिर अपने केबिन के पीछे वाले रास्ते से बाहर बरामदे में निकल कर बदहवास सा इधर-उधर तेज कदमों से आ जा रहा था, उसे भारतीय सीमा पर लगे अपने रडारों से ऐसा कोई  सिंग्नल नही मिला था जिससे यह पता चल सके कि कोई चीनी मानव रहित विमान हिमांचल प्रदेश के रास्ते भारत में घुसने का प्रयास कर रहा है, चीन उसका मित्र देश है फिर भी इतनी महत्वपूर्ण बात उसके देश से छुपाकर चीनी भारत में अपनी जासूसी गतिविधियों को बढ़ा रहा है, यह तो मित्रता में नैतिक जिम्मेदारियों का उलंघन है, फिर भी वह कर भी क्या सकता था।

कादिर ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख से लगी अपनी सीमा पर तैनात सुरक्षा चैकियों के सभी प्रमुखों को सूचित कर दिया था कि उनकी सीमा में कोई मानव रहित विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर गिरा है उसे अपनी सुरक्षा में रखें और तब तक उसे हाथ न लगाये जब तक चीनी अधिकारी वहां पहुंच नही जाते है। दो घन्टे से भी अधिक समय बीत चुका था किन्तु अभी तक उसे विमान के सम्बन्ध में कोई सूचना नही मिली थी।

कादिर दिन निकलने से पहले उस विमान को अपने सुरक्षा घेरे में ले लेना चाहता था क्योंकि दिन निकलने के बाद तो वहां रहने वाले लोग भी बाहर निकल आयेंगें और वे अगर उसकी सेना से पहले विमान को देख लेते है तो जाने कौन सी महत्वूपर्ण बात या उस विमान के चित्र सोशल मीडिया में पहुंच कर इधर-उधर फैल जाये तो फिर यह चीन के साथ किये गये उसके देश के समझौते का उलंघन माना जायेगा और हो सकता है इसके लिए उसे ही दोषी भी माना जाये। वह फिर अपने केबिन में सीट पर बैठकर अपने कम्प्यूटर को अच्छी तरह खँगालने लगा, शायद कोई सुराग मिल जाये किन्तु जब वह असफल रहा तो मुख्य हाल जहाँ उसके इन्जीनियत बैठते थे उस हाल में आकर अपने सभी इन्जीनियरों से पूछा।

“क्या वाकई में तुम्हें अपने रडारों से किसी विमान का कोई सिंग्नल नही मिला।“

“नहीं सर।“एक साथ तीन चार लोगो ने कहा।

हाल के एक कोने वाली सीट पर बैठा कादिर का सबसे विश्वसनीय इन्जीनियर ‘मो0 इदरीस’ बहुत तेजी से अपने कम्प्यूटर पर इधर-उधर माऊस से क्लिक कर रहा था।

“क्या खोज रहे हो इदरीस।“उसके पास तक पहुंचते हुए कादिर ने कहा।

“सर!मुझे लगता है कि हमारे कम्प्यूटरों को हाइक किया जा चुका है या फिर हमारे रडारों के सिग्नलों को हम तक पहुंचने ही नही दिया जा रहा है।“

“क्या कह रहे हो!तुम होश में तो हो।“ कादिर ने लगभग चीखत हुए कहा।

““सर!मेरा अनुमान गलत नही हो सकता।“अब तक कादिर उसके कम्प्यूटर पर अपनी आंखो को गड़ा चुका था, आश्चर्य और उत्तेजना से कादिर कांपने लगा उसे भी इदरीस की बात सही लगने लगी थी।

“हमारे कम्प्यूटरों को हाइक करने का काम भारतीयों ने ही किया होगा।“हाल में बैठे एक वरिष्ठ इन्जीनियर ने सावधानी से विचार करते हुए कहा।

“और कौन करेगा।“चीनी हमारे मित्र हैं और हम उनका सहयोग ही कर रहे हैं।“एक अन्य व्यक्ति ने कहा।

“तुम सब समझ भी रहे हो कि क्या कह रहे हो, यदि भारतीयों ने हमारे कम्प्यूटरों को हाइक किया है या हमारे रडारों के सिंग्नलों को हम तक पहुंचने से रोका हैं तो अभी तक उन भारतीयों के किनते ही विमान हमारी सीमा में घुसकर हमारी कितनी जासूसी कर चुके होगें इसका अन्दाजा भी है।“इदरीस ने सहज रहते हुऐ काफी गम्भीरता से कहा।

“बात तो तुम्हारी भी सही है ‘इदरीस’।“कादिर ने कहा।

“तो क्या चीनियों ने ही ऐसा किया है।“एक ने कहा।

“वे क्यूं करेंगे, उनका क्या उद्देश्य हो सकता है।“दूसरे इन्जीनियर ने कहा।

“तुम सब चीनियों को नही जानते, वे कुछ भी कर सकते है, उनके हित और उद्देश्य हम जान ही नहीं सकते।“इदरीस ने फिर गम्भीरता से कहा।

“चीनी अपने भारतीय मिशन को हमसे भी छुपाकर रखना चाहते है, और अपनी आवश्यकतानुसार हमारा प्रयोग करते है या फिर सहयोग लेते है।“कादिर ने मन ही मन कहा और अपने केबिन की ओर चला गया।

हॉल में बैठे सभी ने अपने-अपने कम्प्यूटरों को छोड़ दिया था और वहां सन्नाटा फैल सा गया।

                  

 

भारत के रक्षामंत्री ‘नारायण राव’ ने सुबह होते ही इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री ‘नृपेन्द्र गोस्वामी’ को दी तो तत्काल ही आधा घन्टे अन्दर उन्होंने एक अति गोपनीय बैठक के लिये रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मि0 ‘डी वाई पाटिल’ और सेना के तीनों अंगों के साथ सांमजस्य बनाये रखने के लिये नियुक्त मि0 ‘विमल नागपाल’ एवं राष्ट्रीय रक्षा अनुसंधान के प्रमुख मि0 ‘राकेश खण्डेलवाल’ को अपने आवास ही पर बुला लिया।

बैठक में रक्षामंत्री ने सभी को रात में घटी घटना की विस्तृत जानकारी दी तो ‘खण्डेलवाल’ ने कहा “आप द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर मैं विश्वासपूर्वक कह सकता हूँ कि वह विमान मानवरहित था और उसे दूर से रिमोट द्वारा कोई कन्ट्रोल कर रहा था।“

“लेकिन जब उन्हें पता था कि हमारे उत्तरी कमान के मुख्यालय में उस विमान के सिंग्नल नही मिल रहे है तो वह विमान अचानक से घूमकर वापस कहां गया, और अभी तक हमारी थल सेना को भी इसके बारे में कोई सूचना ही मिली है।“मि0 पाटिल ने चिन्तित होते हुए कहा।

“मेरा विचार है उस विमान के कन्ट्रोल सिस्टम को किसी और ने भी हाइक किया था ।“खण्डेलवाल ने अपना मत व्यक्त किया।

“ऐसा करने वाला व्यक्ति हमारा मित्र भी हो सकता है।“मि0 राव ने सहज रहते हुए कहा।

“इतनी जल्दी किसी निष्कर्ष पर हम नही जा सकते।“नागपाल ने कहा।

“सबसे पहले तो हमे यह पता करना होगा कि यह विमान था किस देश का।“रक्षा सचिव किरण चन्द्रचूर्ण ने कहा। “यह अनुमान करना कठिन नही है, इतनी उन्नत तकनीकि पाकिस्तान के पास हो नहीं सकती, निश्चित ही यह विमान चीन का रहा होगा।“ नागपाल ने बड़ी सहजता से कहा। “विमान चाहे चीन का ही रहा हो किन्तु इसका आपरेशन चीन के साथ - साथ  पाकिस्तान के भी किसी निकट के स्थान से किया जा रहा होगा या फिर निकट के किसी स्थान पर चीन के रिमोट से मिले सिगनलों को बूस्ट करने वाले यंत्र लगाये गये होगें। खण्डेलवाल ने कहा

 “वह स्थान अवश्य ही पाकिस्तान में होगा।“किरण ने कहा।

“आवश्यक नहीं है मि0 किरण वह स्थान हमारे काश्मीर के क्षेत्र में भी हो सकता है। मि0 पाटिल ने विचार करते हुए कहा।

“अपने क्षेत्र के उस स्थान को तो हम ढूंढ ही सकते है।“प्रधान मंत्री ने मि0 खण्डेलवाल की ओर देखते हुऐ कहा। जो अभी तक सभी की बातों को बहुत ध्यान से सुन रहे थे।

“एस सर!अवश्य ही!” खण्डेलवाल ने कहा,और अपने मोबाइल से एक फोन काल लगा दिया।

“हैलो!उधर से आवाज आयी।

“कृतिका अभी तुम कहां हों।“

“मैं सुबह ही ऑफिस पहुंच गयी थी और मि0 बेसल भी पहुंच चुके हैं।“

“कोई विशेष कारण।“

“एस सर!उत्तरी कमान के मुख्यालय से हमरी तकनीकी प्रमुख ‘आस्था मेनन’ ने हमे सूचित किया है कि उनके सिगनलों के काश्मीर से ही किसी स्थान से हाइक या कण्ट्रोल किया जा रहा है।‘

“उसकी सही लोकेशन।“

“उसी को हम ट्रेस करने की कोशिश में है।“

“ट्रेस होने पर क्या करना है, कोई आदेश है वायु सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख की ओर से।“

“एस सर! हम उसे उड़ा देगें।“

“गुड! ओवर ।“फोन कर गया था।

बैठक को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा”आज दिन भर मैं भी हॉट लाइन पर रहुंगा, मुझे पल-पल की सूचना मिलनी चाहिऐ और देखो कोई चूक स्वीकार नहीं होगी।“

                 

 

चीन के रक्षा मि0 ‘जी याँग’  ने अपने केबिन में भारतीय मिशन के प्रमुख मि0 ‘जी0 पुंग ली’ उसके समकक्ष अधिकारी मि0 ‘पोंग ची ली’, प्रमुख रक्षा सलाहकार मि0 ‘जिंग शी’ और मुख्य तकनीकी अधिकारी मि0 ‘यो जिंग शी’ को सुबह-सुबह बुला लिया था। उन्हें इस घटना की विस्तृत जानकारी प्रधान मंत्री को देनी थी। यह घटना बहुत बड़ी नहीं थी किन्तु इसका महत्व बहुत अधिक इस कारण से था क्योंकि हमसे उनके देश के रक्षा तंत्र की यह बड़ी चूक साबित होती थी, यदि किसी तकनीकि से उनके एक विमान को इधर-उधर बिना उनकी स्वीकृति के घुमाया जा सकता है तो भविष्य के उनके सारे मिशनों को इसी प्रकार नकामयाब बनाया जा सकेगा और फिर चीन अपने पड़ोसी राज्यों पर अपना वर्चस्व और प्रभुत्व कायम रखने में सफल नहीं हो पायेगा। इसके अतिरिक्त यह केवल एक तकनीकी कमी ही नही थी, किसी अन्य के द्वारा किया गया यह विश्वासघात भी हो सकता था। जिसका पता करना भी आवश्यक था, उसे सर्वाधिक खतरा अपने मित्र पाकिस्तान से ही था क्योंकि पाकिस्तान में सरकार चाहे एक ही क्यों न हो उसकी सत्ता के केन्द्र में कई शक्तियां एक दूसरे से विरूद्ध काम करती है, सरकार का सेना पर नियन्त्रण है या सेना का सरकार पर,कह नहीं सकते, कई आतंकी संगठनों का पोषण और उनकी ट्रेनिंग सेना करती है किन्तु वे सरकार की नीतियों के विरूद्ध काम  भी करते हैं।

रक्षा मंत्री मि0 जी0 यांग का अपने पाकिस्तानी मित्रों पर ज्यादा विश्वास नहीं था किन्तु भारत के साथ अपनी  पुरानी  दुश्मनी को निभाने  के लिये उन्हें पाकिस्तान के साथ अपने सम्बन्धों को मधुर बनाये रखना उनकी मजबूरी हो गयी थी। चीन की सबसे बड़ी चिन्ता थी भारत की बढ़ती हुई आर्थिक, तकनीकी कुशलता और वैश्विक मंचो पर मिलने वाली पहचान जिसे वे पसन्द नहीं करते थे, और यही वह प्रमुख कारण था जिससे वे पाकिस्तान के साथ मिल कर भारत को अस्थिर करने का प्रयास करते रहते थे। भारत के रक्षा तंत्र की जासूसी करना उनकी पहली प्राथमिकता बन चुकी थी। भारत के रक्षा मामलों की जानकारी प्राप्त करना केवल चीन की ही प्राथमिकता नही थी यह प्राथमिकता पाकिस्तान की भी और पाकिस्तान में पलने वाले आतंकवादी संगठनों की भी थी और ये काम सभी अलग-अलग भी करते थे और एक साथ मिलकर भी, इनका साथ भारत के अन्दर रहने वाले कुछ आस्तीन के सांप भी देते थे जिस कारण भी इनके हौसले बुलंद रहते थे।

भारत की नई सरकार ने इन सब के मंसूबों को अच्छी तरह पहचान लिया था और अब इनके कृत्यों को हर जगह न केवल कड़ी चुनौती मिल रही थी बल्की ये सब मिलकर भी असफल हो रहे थे, यह भी एक बड़ी चिन्ता थी चीन की। अन्र्तराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की नई पहचान बन रही थी, भारत अब केवल रक्षा उपकरणों और हथियारों का खरीददार ही नहीं था, बेच भी रहा था। भारत अब चीन को हर मोर्चे पर कड़ी टक्कर और कड़ी चुनौती पेश  कर रहा था।  इन सभी कारणों के कारण चीन भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा था, जिसमें पाकिस्तान उसका साथ तो देता ही था कुछ आतंकवादी संगठनए भी भारत को अन्दर से कमजोर करने का प्रयास कर रहे थे, इन संगठनों में सबसे नया संगठन बन कर उभरा था ‘अल जवाहिर’ इस संगठन का मुख्यालय पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर में किसी अज्ञात स्थान पर था, इस संगठन ने अपने पैर फैलाकर काश्मीर में भी अपने को मजबूत कर लिया था, इसके पास अन्य आतंकवादी संगठनों की तुलना में तकनीकी दक्षता काफी अधिक थी, इसके साथ पाकिस्तानी रक्षा अनुसंधान में काम कर चुके कई इन्जीनियर जुड़ गये थे, जिस कारण से भी यह अपने आप को पाकिस्तान सरकार से तो अलग रख ही रहा था, अन्य आतंकी संगठनों से भी यह स्वयं को अलग रख कर भारत में अपनी गतिविधियों का संचालन करने लगा था जिस पर अब भारत के साथ-साथ चीन की भी नजर थी।

अपने मुख्य तकनीकी अधिकारी मि0 ‘यो जिंग शी’ की ओर देख कर रक्षा मंत्री मि0 जी यांग ने पूछा मि0 ‘जिंग’ कोई जानकारी है, आप को अपनी इस असफलता की।“

“एस सर।“

“क्या” जी यांग ने पूछा।

“मेरी जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में जन्मे एक नये आतंकी संगठन ‘अल जवाहिर’ ने ही लद्दाख की सीमा में हमारे सहयोगी मि0 कादिर के लैब को हाइक कर उसके डाटा की चोरी की है, और उसी ने ही कश्मीर में स्थापित अपने दूसरे और सबसे बड़े तकनीकी सेन्टर से हमारे और विमान के सॉफ्टवेयर को हाइक कर विमान का अपहरण किया है।“

“फिर तो उसके पास हमारे सभी डाटा होगें।“रक्षा सलाहकार ‘जिंग शी’ ने पूछा।

“हमारे डाटा की कोडिंग को रीड करना इतना आसान तो नहीं है किन्तु उनके पास इस योग्य तकनीकी दक्षता है।“

“फिर तो मि0 कादिर के सेन्टर से भी हमारे डाटा की चोरी की गयी होगी।“डी0 पुंग भी ने कहा।

“एस सर।“

“हमारी तकनीकी सुरक्षा व्यवस्था मे लगाई गई इस सेंध को हम उचित नही मान सकते।“‘पोंग ची0 ली’ ने कहा।

“इसका अर्थ हुआ हमारे पूर्व के मिशन के भी डाटा चोरी किये गये होगें।“रक्षा मंत्री ने चिन्तित होते हुऐ कहा।

“अवश्य सर।“तकनीकी अधिकारी ने कहा।

“क्या इस ‘अल जवाहिर’ के सेन्टरों की लोकेशन है हमारे पास।“रक्षा मंत्री ने पूछा।

“उनके सेन्टरों के लोकेशन को खोजने का प्रयास हम काफी दिनों से कर रहे है, किन्तु अभी तक हमें सफलता नहीं मिली है।“ डी0 पुंग  ने कहा।

“फिर तो हमे मि0 कादिर के सेन्टर को उड़ाना होगा क्योंकि उसकी चाभी अब ’अल जवाहिर’ के पास भी है।“

रक्षा मंत्री ने कठोर होते हुऐ कहा।

“जी सर।“पोंग ची ली ने कहा और बैठक में सन्नाटा फैल गया। थोड़ी देर मौन छाये रहने के बाद ‘डी पुंग ली’ ने कहा

सर ‘अंल जवाहिर’ के सेन्टरों के बारे में आप ने क्या सोचा है।“

“हम भारत और पाकिस्तान के सेन्टरों को सीधे तौर पर नही उड़ा सकते, किन्तु पहले तुम उनके लोकेशन को ट्रेस करो।

“एस सर, पाकिस्तान के सेन्टर को ट्रेस करना ज्यादा कठिन नहीं हैं किन्तु भारत में यह काम आसान नहीं होगा।“तकनीकी अधिकारी ने कहा।

“आप सब अपना - अपना काम करें, मैं इसकी विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री को देता हूँ।“

               

                                               

 

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के कक्ष मे रक्षा मंत्री, रक्षा सलाहका,रक्षा सचिव के अलना तकनीकी दल के दो वरिष्ठ अधिकारी बैठे हुऐ थे। अभी-अभी कुछ देर पहले रक्षामंत्री की बात, ‘अलकायदा’, ‘आई0 एस0 आई0’, ‘जैसे मोहम्मद’ एवं लश्कर के प्रमुखो से बात हो चुकी थी, और इसी बात चीत के बारे में बताने के लिये प्रधानमंत्री के कक्ष में आये थे तो वहां पहले से ही अन्य लोग बेठै थे।

“क्या सूचना है मंत्री जी।“प्रधान मंत्री ने पूछा

“सर!,‘अल जवाहिर’.संगठन ने अपनी किसी भी जानकारी को हमसे या फिर अन्य संगठनों जैसे ‘अलकायदा’, ‘आई0 एस0 आई0’ से साझा करने से मना कर दिया है, मेरे सारे प्रयास असफल हो गये है।“

“सर हमारी असफलता से चीन हम पर बड़ी कार्यवाही भी कर सकता है।“रक्षा सचिन ने कहा।

“चीन हमसे कितना भी नराज क्यों न हो, वह हम पर कोई कार्यवाही करने की कोई बेवकूफी नहीं करेगा।“रक्षा सलाहकार ने कहा।

“क्यूँ हमारे पास कौन सी ताकत है जिससे चीन डरता है।“एक तकनीकी अधिकारी ने कहा।

“यहाँ बात हमारी ताकत की नही है, भारत हमारा और चीन का साझा दुश्मन है, भारत के विरूद्ध कार्यवाही में हम चीन को साथ है, इस कारण” रक्षा सलाहकार ने अपनी सफाई देने हुए कहा।

“इसका अर्थ यह तो नहीं है कि हमारे देश में जन्मा कोई संगठन उनका विमान तथा उनके साफ्टवेयरों को हाइक कर ले और हम चुप-चाप बैठे रहें।“दूसरे तकनीकी अधिकारी ने कहा।

“हम चुप कहां बैठे है, जो कर सकते है, जिसे किया जा सकता है, वह कर तो रहे ही है।“ रक्षा सलाहकार ने फिर कहा।

“किन्तु अभी तक हमें कोई सफलता नही मिली है, यह हमारी चिन्ता का विषय है।“ रक्षा मंत्री ने कहा।

रक्षा मंत्री ने अभी अपनी बात खत्म ही की थी कि रक्षा सलाहकार के मोबाइल की घंटी बजी। रक्षा सलाहकार ने अपनी पैन्ट की जैब से अपना मोबाइल निकाला और कान से लगा कर कहा “हेलो”।

“क्या हुआ” रक्षा मंत्री ने चैंकते हुऐ पूछा।

“सर लद्दाख के बार्डर पर हमारे सेन्टर  को उड़ा दिया गया है।“उधर से आवाज आई।

“किसने! भारत ने या चीन ने।“

“सर भारत को तो हमारे इस सेन्टर के बारे में पता ही नही है।“

रक्षा मंत्री ने फोन को काट कर जेब में रख लिया।

सब ने उनकी बांते सुन ली थी।

“चीन हमारे विरूद्ध कुछ ओर बड़ा कर सकता है हमें सर्तक रहते हुऐ इस ‘अल जवाहिर’ के विरूद्ध कुछ करना होगा। प्रधानमंत्री ने अपनी कुर्सी पर निढ़ाल होते हुए कहा।

                                               

रात के आठ बज चुके थे। भारत में इस केस से सम्बन्धित सभी अधिकारी हॉट लाइन से चिपके बैठे हुऐ थे, अभी तक कोई सकारात्मक सूचना नहीं मिली थी। सहसा हॉट लाइन पर ‘टन्न’ की आवाज हुई, इसका मतलब था कोई महत्वपूर्ण सूचना शेयर की जाने वाली है, बीस सेकेन्ड रूक कर हॉट लाइन पर ‘कृतिका’ की आवाज गूंजी “सर ‘अल जवाहिर’ के दोनों महत्वपूर्ण सेन्टरों को ट्रेस  कर लिया गया है, एक सेन्टर पाकिस्तान में  इस्लामाबाद शहर के पूर्व बाहरी इलाके में एक नई बनी मस्जिद के ऊपरी तल पर है और यही उनका मुख्यालय भी है, सारी सूचनाओं को यही एकत्र कर उनका विश्लेषण किया जाता है, फिर यहीं से भारत में फैले अपने संगठन के लोगों को आदेशित किया जाता है। भारत में चीन की गतिविधियों पर नियन्त्रण रखने हेतु उन्होंने अपना एक सेन्टर हमारे काश्मीर के अनंतनाग जिले में एक पहाड़ी पर बनाया है, उनका एन्टीना एक पहाड़ी पर है और वहां मिले सिग्नलों को उनसे लगभग एक कि0 मी0 दूर एक दूसरी पहाड़ी पर बने दो मंजिला मकान में किया जा रहा है, और यहीं पर वह विमान भी है।“

“हम करने क्या जा रहे है।“रक्षा सलाहकार ‘मि0 पाटिल’ ने पूछा।

“सर हमारी उत्तरी कमान की सेना की एक टुकड़ी कैप्टन ‘नीरज वर्मा’ के नेतृत्व में पहाड़ी पर बने दो मंजिला मकान को घेर चुकी है, हम पहले उस एन्टीना को अपनी एक छोटी मिसाईल से ब्लास्ट करेंगे, फिर हमारी सेना की टुकड़ी उस मकान को अपने कब्जे में लेकर वहां के सभी लोगों को जिन्दा पकड़ने का प्रयास करेगी।“

“ओ0 के0 गुड।“ मि0 पाटिल कुछ कहते इसके पहले प्रधान मंत्री ने कहा।

दो मिनट के मौन के बाद एन्टीना को ब्लास्ट कर देने की सूचना दी गयी।

थोड़ी देर बाद सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख ने सूचना दी कि सेना की कार्यवाही सफल रही, लगभग दस लोग मारे गये और बाइस को बन्दी बनाया गया है, विमान एवं बहुत सारा समान जिससे कम्यूटर, चिप्स, सेटलाइट मोबाइल आदि बरामद किया गया है और उसे विश्लेषण के लिये रक्षा अनुसन्धान केन्द्र भेजा जा रहा है, हमारी सेना में कोई भी हताहत नहीं हैं, मिशन को सावधानी और सफलता पूर्वक पूरा किया जा चुका है।

‘पाटिल’ ने कृतिका और तकनीकी टीम को सफलता की बधाई दी तो रक्षा मंत्री के उत्तरी कामान के प्रमुख कैप्टन ‘नीरज’ और सेना के सभी जवानों को बधाई दी।

रक्षा मंत्री ने अभी अपना बधाई सन्देश खत्म ही किया था कि ‘कृतिका’ ने कहा। “सर” “अब क्या हुआ” ‘मि0  पाटिल’ ने पूछा।`

“पाकिस्तान टी0 वी0 से अभी-अभी सूचना मिली है कि इस्लामाबाद के पूर्व में स्थित एक मस्जिद में आर0 डी0 एक्स0 से भरी एक वैन ने टक्कर मार दी है, जिससे वहां नमाज पढ़ रहे लगभग 200 लोग मारे गये हैं साथ ही चालीस लोगों के और भी मारे जाने की है सूचना है, वहां मलबे में ईंट पत्थरों के अलावा कम्प्यूटर का भी बहुत सारा सामान मिला है।“

“अच्छा हुआ जो काम हम नहीं कर सकते थे, उसे उन्होंने स्वयं कर दिया।“रक्षा मंत्री ने कहा।

“मगर उन्होंने अपने ही देश में ऐसा क्यों किया।“किसी तकनीकी अधिकारी ने पूछा

“अल जवाहिर’ का सरकार और दूसरे आतंकवादी संगठनों से ताल-मेल न होने एवं चीन से डर के कारण उन्होंने अपने ही पैर पर कुल्हाणी मार कर बहुत सारा डाटा और गोपनीय सूचनओं को नष्ट कर लिया।“रक्षा सलाहकार ने कहा।

“ये सब हमारी सरकार के बदले हुऐ तेवरों के कारण संभव हो सका है।“रक्षा मंत्री ने कहा।

‘मिशन स्टार’ की सौ प्रतिशत सफलता के लिये प्रधान मंत्री ने सभी को बधाई दी, यह मिशन पूरी तरह गोपनीय रखा गया था, हॉट लाइनों को बन्द कर दिया गया।