Rahashymai Haweli - 6 in Hindi Horror Stories by गुमनाम शायर books and stories PDF | रहस्यमई हवेली - 6

Featured Books
Categories
Share

रहस्यमई हवेली - 6

रोहन शगुन को पानी पिलाता है..और अपने सीने से लगा लेता है और कहता है क्या हुआ तुम को ऐसा क्यों चिल्ला रही थी.. तब शगुन कहती है के रोहन वे हवेली ठीक नही हमे इस हवेली को छोड़ देना चाहिए.और अपने साथ हुआ हादसा बताती है,,अभी उनकी बात खतम ही नही होती है तो बच्चो के कमरे से आदित्य की आवाज आती है जोर जोर से रोने की...शगुन और रोहन दोनो भाग कर उसके कमरे में जाते है, तो देखते है के आदित्य उठ कर बैठ गया है।

शगुन और रोहन आदित्य से पूछते है क्या हुआ बेटा नींद से क्यों उठ गए अब क्या देख लिया तुमने.तब आदित्य बोलता है के वो तस्वीर मैं जो अंकल है वो मेरी तरफ आए और मुझे गले से लगा लिया और अचानक मुझे लगा लिया.वो बच्चा कुछ समझ नही पाता है.लेकिन होता ऐसे है के उस हवेली मैं कुछ आत्माओं का प्रवास होता है जिसको जिंदा रहने के लिए किसी इंसानी जिस्म की जरूरत होती है.और रोहन जिस अंकल की बात कर रहा था वो आत्मा उसके जिस्म मैं परवेश कर चुकी होती है।

रोहन शगुन ये दोनो इस बात से अनजान थे के उनके बेटे पर बड़ी मुसीबत आ गई है.. आधी रात बाहर तूफान सा मौसम ऊपर से हवेली मैं बिजली नही रोहन और शगुन मिल कर आदित्य और आदि को ले कर अपने कमरे मैं ले जाते है और सुला देते है। अब रोहन को भी फिकर होने लग जाती है के ये मेरे परिवार के साथ क्या हो रहा है.और वो फैसला करता है के सुबह उठ कर वो हवेली के बारे मैं पूछताछ करेगा के ये सब हवेली मैं क्या और क्यों हो रहा है.आखिर ये सब की वजह क्या है।

रोहन बीच में दो बच्चे और उसके बाद शगुन फिर से सोने की कोशिश करते है शगुन को डर के मारे नींद नही आती और
रोहन को ये सोच कर के मेरे परिवार मैं ये सब क्या हो रहा है और क्यों।

फिर थोड़ी देर बाद फिर से आदित्य की आंख खुल जाती है,लेकिन इस बार आदित्य की आंखों का रंग बदला बदला सा रहता है, आदित्य मैं उस आत्मा की सारी शक्ति आ जाती है,, आदित्य अपनी आंखों के इशारे से जल रही मोमबत्ती को हवा मैं उड़ाता है...कमरे में रखी चेयर आगे पीछे होने लगती है..आदित्य लाइट और पंखे की तरफ देखता है और लाइट और पंखे चलने लगते है..शगुन देखती है के बिजली आ गई हैं.तो थोड़ी राहत की सांस लेती है.और सोने की कोशिश करती है...लेकिन उसे पता नही होता के ये सब आदित्य कर रहा है।

शगुन इन सब बातों से बेखबर होती है..आदित्य अचानक मुस्कुराने लगता है और तस्वीर से बाते करने लगता है..जैसे के सारी हवेली और सब उसके वश मैं हो..और धीमे लहजे मैं कहने लगता है के अब यहां से कोई जिंदा बच कर नही जायेगा...में इस पूरे परिवार से बदला जरूर लूंगा...फिर थोड़ी देर बाद आदित्य भी सो जाता है।

सुबह होती है शगुन किचन से नाश्ता बना कर खाने की टेबल पर ले आती हैं रोहन नाश्ता करता है और शगुन को बोलता है मैं काम से नजदीक के गांव जा रहा हूं ये बोल कर रोहन चला जाता है... वहा पर आदित्य अपने आंखों के इशारे से प्लेट हवा मैं उड़ाता है तो कभी गलास हवा मैं उड़ाता है..अचानक ये सब शगुन देख लेती है और डर जाती है और रोहन को फोन लगती है..लेकिन रोहन कार ड्राइव करता है उसका फोन नही उठा पाता है।

यहां आदित्य की आंखे लाल और आवाज भारी व्यक्ति की तरह सुनाई देती है..वो बोलता है शगुन को के अब तुम्हारी मदद के लिए यहां कोई नहीं आएगा..तुम सब अब मेरे शिकार हो..शगुन हैरान हो जाती है के ये आदित्य क्या बोल रहा है और ऐसे बर्ताव क्यू कर रहा है।

शगुन आदि को ले कर कमरे की तरफ भागती हैं और दरवाजा बंद कर के फिर से रोहन को कॉल लगती है..लेकिन अब रोहन के मोबाइल मैं नेटवर्क नही होता..शगुन डर के मारे पसीना पसीना हो जाती है..उसके मन मैं एक अलग ही तूफान चल रहा होता है वो आदित्य के पास जाने से भी डरती है..वहा आदित्य सब कुछ हवा मैं उड़ाता हुआ भरी आवाज मैं बोलता है तुम सब मरोगे एक एक कर के तुम सब मरोगे

शगुन कमरे का दरवाजा बंद करने जाती है तो आदित्य के आंखों के इशारे से दरवाजा खुल जाता है..घर मैं तेज़ हवाएं चलने लगती है लाइट पंखे बंद चालू होने लगते है.शगुन घबरा कर बार बार रोहन को फोन करती है लेकिन रोहन का फोन नही लगता है..थोड़ी देर बाद आदित्य फिर से अपनी नॉर्मल आवाज मैं शगुन को मां कर के आवाज देता हैं..शगुन सोचती है के आदित्य के साथ कुछ हुआ है वो उसके नजदीक जाती है तो देखती है आदित्य बेहोश हुआ होता है..

शगुन को कुछ समझ नही आता है और वहा रोहन गांव पहुंच जाता है और पूछताछ करने लगता है गांव वालो से

आगे का जानने के लिए मेरे साथ बने रहे
आगे की स्टोरी में