** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 30 **
अभी तक हमने देखा की दिया और अक्षत डिनर करने के बाद अपने घर जा ही रहे थे, तभी मिताली का फोन आता है और उन दोनों को पता चलता है की नितिन का एक्सिडन्ट हुआ है, ये बात पता लगते है वो चारो सीधा ही हॉस्पिटल पहोच जाते है...
दो दिन हो गए थे पर अभी तक नितिन की हालत में कोई भी सुधार नहीं था, तभी डॉक्टर आते है...
"किसी तबियत है अब नितिन की...?"
अक्षत जल्दी से बोलता है...
"अभी हम कुछ कह नहीं सकते और केस धीरे धीरे बिगड़ रहा है..."
डॉक्टर बोलते है और वहा से चले जाते है...
शिव और अक्षत ही होते है और ये सुन कर वो दोनों को समज नहीं आ रहा था की अब वो आगे क्या करे...
तभी वहा मिताली के पापा मोहन भाई आते है और वो दोनों उन्हें सारी बाते बताते है...
"हमें पहले नितिन के पप्पा दिलीप भाई से बात करनी पड़ेगी..."
मोहन भाई चिंता करते हुए बोलते है...
वो तीनो मोहन भाई का वहा आने का इंतज़ार करते है और फिर उन्हें सारी बाते करते है...
दिलीप भाई जो ये सुन कर जाने टूट ही गए थे....
"आप हिम्मत रखिये..."
मोहन भाई उन्हें सभालते है....
अहाना का फोन आता है और वो शिव को मिताली के बारे में बताती है...
"अक्षत अभी मुझे अहाना का फोन आया था और उसने बताया की मिताली कुछ खा ही नहीं रही है तो हमें पहले वहा जाना चाहिए..."
शिव बोलता है....
अक्षत और शिव दोनों मिताली के पास जाते है...
मिताली जिससे दिया और अहाना खाने के लिए मना रहे थे पर मिताली जो बस जो नितिन के पास जाने के लिए कह रही थी...
वो जैसे ही वहा अक्षत और शिव को देखती है तो एक आस भरी नज़रो से उन दोनों को देखने लगती है...
"नितिन.... वो कहा है...?"
मिताली बोलती है...
ये सुन कर शिव और अक्षत दोनों मिताली के पास आते है और उसके पास बेथ जाते है...
"वो बहोत जल्दी ठीक हो जाएगा...
और जब तुम्हे इस हाल में देखेगा की तुम उसके आने वाले बच्चो का बिलकुल दयान ही नहीं रख रही हो तो वो तुमसे नाराज़ हो जायेगा...."
अक्षत जो उसे मनाने के लिए बोलता है और एक निवाला उसे खिला देता है...
दिया और अहाना उन तीनो को वैसे देख कर खुश होती है की मिताली अब कुछ खा तो रही है...
"पर नितिन कब ठीक होंगे..."
मिताली बोलती है....
"बहोत जल्दी ही...
और तेरे दोनों भाई है ना तेरे पास..."
शिव बोलता है और मिताली को गले लगा लेता है...
शिव अक्षत के सामने देखता है और दोनों के मन में आज डॉक्टर ने जो बाते कही उसी बारे में सोचते है...
देख अब हम दोनों नितिन के पास जा रहे है और तुम्हे अपना और बेबी दोनों का दयान रखना है..."
अक्षत बोलता है और मिताली हां में इसारा करती है...
"भाई..."
वो दोनों जा भाई रहे थे तभ मिताली बोलती है...
ये सुन कर दोनों रुक जाते है और मिताली के सामने देखने लगते है...
"भाई आप दोनों प्रॉमिस करो की नितिन को ले कर ही आओगे..."
मिताली बोलती है...
मिताली हमेशा उन दोनों को नाम से ही बुलाती थी और आज भाई सुन कर जानेवो दोनों अंदर तक सहर चुके थे...
"हां हम नितिन को ले कर ही आएंगे..."
अक्षत अपनी आँखे बंध करता है और हिम्मत करके बोलता है...
शिव की तो कुछ कहने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी और वो दोनों रूम से बहार निकल जाते है...
अहाना जो मिताली के पास बैठती है और दिया उन दोनों के पीछे पिच जाती है...
"अक्षत और शिव अब तुम दोनों आये ही हो तो खाना भी खाके ही जाओ..."
दिया बोलती है...
अक्षत और शिव पहले तो मना ही करते है...
"मेने कहा ना तुम दोनों खाना खाके ही जाओ...
अगर तुम दोनों ही इसा करोगे तो हम मिताली को कैसे सभालेगे...
और मुझे पता है वैसे भी दो दिन से कुछ ठीक से नहीं खाया होगा..."
दिया बोलती है और उन दोनों का हाथ पर कर किचन में ले जाती है...
वो दोनों कुछ नहीं बोलते और बेथ जाते है...
"चलो खाना खा लो और फिर बताओ क्या हुआ है...?"
दिया पहले खाना निकाल कर देती है और फिर बोलती है...
वो दोनों पहले एक दूसरे को देखते है फिर दिया को....
"तुम्हारे चेहरे ही बता रहे है कोई तो बात है..."
दिया बोलती है तभ शिव उसे डॉक्टर की कही बात बताते है...
ये सुन कर दिया भी चुप हो जाती है और वो दोनों थोड़ा बहोत खाके हॉस्पिटल जाने के लिए निकल जाते है...
दो दिनों से लगातार शिव ो अक्षत हॉस्पिटल में ही थे और इसी वजह से सुभे ही मोहन भाई ने उन दोनों को घर भेज दिया था...
अक्षत और शिव सो ही रहे थे तभी अक्षत के फोन की रिंग बजती है...
शिव जिसकी आंख खुलती है तो वो अक्षत को परेशान नहीं करना चाहता था और इसकी वजह से वो फोन में देखता है तो मोहन भाई का फोन था और वो फोन उठा लेता है...
रिंग की वजह से अक्षत की भी आंख खुल गयी थी और वो शिव को ही देख रहा था बात करते हुए...
जैसे ही शिव फोन रखता है अक्षत सवालिया नज़रो से उसे ही देख रहा था...
शिव की आँखों से आँशु आने लगते है और ये देख कर अक्षत जल्दी से खड़ा हो जाता है....
"क्या हुआ शिव..."
अक्षत बोलता है....
"वो...."
शिव बस इतना ही बोल पाता है और अक्षत के गले लग जाता है...
अक्षत जो कुछ बुरा होने के अदेसे से अपनी आखे बंध करता है...
शिव बता क्या हुआ है...."
अक्षत बोलता है....
भाई ....नितिन..."
शिव बोलता है....
"क्या हुआ होगा नितिन को...?"
"अक्षत और शिव मिताली का प्रॉमिस पूरा कर पाएंगे...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part -31 आपके सामने 23 february को आ जायेगा ...
इस कहानी में जुड़ने के लिए आप सभी का सुक्रिया...