Pagal - 24 in Hindi Love Stories by Kamini Trivedi books and stories PDF | पागल - भाग 24

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पागल - भाग 24

भाग–२४
राजीव और मैं वापिस आ चुके थे । राजीव मुझसे कुछ छुपा रहा था , और वो क्या ? ये बात सिर्फ वही जानता था और वैशाली। मैं भी जल्द ही जॉब पर लग चुकी थी। अब राजीव से मिलना कम कर दिया था। और सम्राट अंकल को साफ शब्दों में कह दिया था कि मुझे राजीव से शादी नहीं करनी है।
उन्होंने मीशा से जब ये कहा तो उसे सुनकर मीशा का कॉल मुझ पर आया ।
"शादी के लिए ना क्यों कह दिया तूने?"
"मीशा राजीव शादी नही करना चाहता है। कभी नहीं किसी से नहीं"
"तू शादी तो कर ले फिर वो अपने आप ठीक हो जायेगा "
"नहीं मीशा , शादी कोई गुड्डे गुड़िया का खेल नहीं है। इससे राजीव और मेरी दोनों की जिंदगी बर्बाद हो जायेगी।"
"लेकिन कीर्ति"
"लेकिन वेकिन कुछ नही मैने सही फैसला लिया है। और मैं देहरादून जाकर आगे की लाइफ सेट करूंगी । पापा मम्मी से बात कर चुकी हूं हम लोग ये शहर छोड़ कर चले जाएंगे । मैं राजीव के सामने रहूंगी तो हमेशा उसे पाने की चाह रहेगी।"
"पागल हो गई है क्या?"
"नही, अब होश में आ गई है ये पागल"
मैं रोने लगी थी । मीशा मेरा दर्द समझती थी। वो जानती थी कि मैं राजीव के बिना जी नहीं पाऊंगी। ना उससे दूर रह पाऊंगी। उसने सम्राट अंकल को कॉल किया ।

उधर अंकल ने राजीव से बात की
"राजीव बेटा ,"
"जी ताऊजी"
"वो शादी के बारे में तूने सोचा कुछ?"
"ताऊजी मैं शादी नही करना चाहता , पापा की प्रॉपर्टी में से कुछ पैसे लेकर खुद का बिजनेस खड़ा करने की सोच रहा हूं "
"तब तो बेटा तुझे शादी करनी ही होगी।"
"क्यों?"
"क्योंकि विराट ने अपनी विल में लिखा है कि राजीव को सारा पैसा और प्रॉपर्टी तब ही दी जाए जब वो शादी कर ले ।नही तो इस प्रॉपर्टी का 75% अनाथाश्रम या व्रधाश्रम में बांट दिया जाए। और हां शादी के एक साल बाद ही तुम्हे प्रॉपर्टी में से कुछ मिल सकता है तब तक नहीं"
"व्हाट?"राजीव को समझ नही आया कि उसके पापा ने इसी वील क्यों बनाई? आखिर उससे क्या भूल हुई उसने तो कभी पापा से गलत तरीके से बात नही की।
"हां, सच कह रहा हूं मैं, यकीन ना हो तो वकील से पूछ ले"
कहते हुए अंकल ने वकील साहब को फोन कर दिया ।
राजीव ने उनसे बात की तो उन्होंने भी यही कहा जो अंकल ने अभी अभी राजीव से कहा था। राजीव अपना सिर पकड़ कर बैठ गया। अंकल मुस्कुराते बाहर चले गए ।

"हाई राजीव" मीशा का वीडियो कॉल था।
"कैसी है , और मेरा भांजा कैसा है?"
"तुझे पता है भांजा ही है भांजी हुई तो?"
"नही भांजा ही होगा "
"राजीव , शादी के बारे में क्या सोचा?"
"सोच रहा हूं कर ही लूं" उसने कहा
"कोई लड़की है दिमाग में?"
"नही यार मीशा , तेरे दिमाग में हो तो बता ना"
"तेरी झल्ली, उससे ज्यादा तेरे लिए कौन अच्छी रहेगी?"
राजीव एक गहरी सोच में डूब गया। उसने कभी कीर्ति के बारे में ऐसा सोचा तो नही था ना उसे उन नजरों से देखा था। उसके लिए तो कीर्ति बस उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी।
मीशा ने जब उसे गहरी सोच में डूबे देखा तो उसको उसकी बात का असर होते दिखा , इसलिए वह फिर बोली" देख हर बार तेरा खयाल कौन रखता है? तुझे मुसीबतों से कौन बचाता है?हर पल तेरे लिए खड़ा कौन रहता है? झल्ली न उससे बेस्ट कौन होगा?"
मीशा की बातें राजीव को सोचने पर मजबूर करने लगी। मीशा आज रात देहरादून जा रही थी उसने फोन कट कर दिया । और राजीव उसी वक्त मेरे घर आया । इत्तेफाक से उस समय मम्मी पापा बाजार जा रहे थे ।
"आंटी , कीर्ति कहां है?"
"ऊपर अपने कमरे में" मम्मी ने मुंह बनाते हुए कहा । क्योंकि मम्मी को अब राजीव पर गुस्सा आने लगा था । खासकर जब मैने शहर छोड़ देने की बात की तब से।
मम्मी पापा मैन डोर लोक करके चले गए ।
राजीव मेरे कमरे में आया ।

"राजीव तू?" उसे अचानक देखकर मैं बहुत खुश हुई और खुशी से चिल्लाते हुए बोली।
मैं पैकिंग का सामान निकाल रही थी।
तभी मिहिर का फोन आया। राजीव ने स्क्रीन पर उसका नाम देख लिया । लेकिन आज वो गुस्सा नही हुआ था।क्योंकि वो जानता था मिहिर का फोन क्यों आया है।
"तो आ रही है ना मेरी शादी में?"
"यार , मैं"
"कोई बहाना नहीं"
"ओके आ जाऊंगी "
"ओके मैं और निशी तेरा इंतजार करेंगे, और राजीव के साथ बात कुछ बनी?"
"मैं बाद में बात करती हूं" मैने कहा ।
"क्या कह रहा था मेरे बारे में"
"नही वो कुछ नही तू क्यों आया है?"

"यार सब मेरी शादी के पीछे पड़े है"
"तो?"
"तो क्या ?"
"तो कर ले "
"किससे?"
"जो तुझे पसंद हो उससे"
"विल यू मेरी मी?"

उसके इस सवाल से मैं जम सी गई थी।🙄 हाथ पैकिंग करते करते रुक गए । ये क्या नया मजाक कर रही थी जिंदगी मेरे साथ?