Pagal - 22 in Hindi Love Stories by Kamini Trivedi books and stories PDF | पागल - भाग 22

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पागल - भाग 22

भाग–२२
आखिर वैशाली कितने थप्पड़ खायेगी । और इतना मार खाने के बाद भी सुधरती नही । मेरे मन में आया।

"राजीव सच कह रही हूं मैं, प्यार करती है ये तुमसे पूछ लो इससे " राजीव मेरी तरफ सवालिया नजरों से देख रहा था । मैं उसकी नजरों का सामना नहीं कर पा रही थी लेकिन मैं लगातार रो रही थी राजीव बर्दाश्त नहीं कर पाया और वैशाली को जोर से पकड़ कर गुस्से में बोला ।
"देख , ये मुझसे प्यार करती हो या नही , पर अब मेरी जिंदगी में तेरी कोई जगह नही , अपना गंदा मुंह लेकर मेरे सामने से चली जा और आज के बाद कभी किसी के साथ ऐसा मत करना वरना मैं तेरा वो हाल करूंगा कि अपना मुंह छुपाने के लिए भी तुझे जगह नहीं मिलेगी।"

वैशाली रोती हुई वहां से चली गई।
राजीव जब वैशाली पर गुस्सा कर रहा था तब मैं वहां से कैब बुक करके होटल के लिए निकल गई थी। राजीव जब पलटा तो उसे मैं कही नही मिली । उसने देखा मैं कैब में बैठ रही थी , उसने तुरंत ऑटो रुकवाई और मेरे पीछे पीछे होटल आया । मैं डर रही थी कि राजीव के सवालों का क्या जवाब दूंगी। वो क्या सोचेगा मेरे बारे में । वो वैशाली की बातों पर यकीन कर लेगा तो मुझसे नफरत करेगा । नहीं मुझे उससे ये बात छुपानी होगी कि मैं उसे प्यार करती हूं ।

राजीव ने आकर मुझसे पूछा " मुझे छोड़कर क्यों भाग आई?"
मैने कोई जवाब नही दिया ।
"तू उसकी बातों से हर्ट हो गई। वो क्या सोचती है ये मायने रखता है या मैं क्या सोचता हूं ये मायने रखता है?"
"तू क्या सोचता है?" मैने उससे सवाल पर सवाल कर दिया ।

"यही की तू मेरी सबसे अच्छी दोस्त है । कोई भी मेरा बुरा सोच सकता है पर तू नहीं तू कभी मेरे साथ न कुछ गलत होने देगी ना गलत करेगी। " उसकी ये बातें दिल को छू गई मैं उसके गले से लगकर रोने लगी।
"और तू रोया मत कर , देख किसी की बात दिल दुखाये न तो रोना नहीं सामने वाले को कसकर चांटा मार देने का"
"तुझ पर अजमाऊंगी मेने कहा ।
"मुझ पर मत आजमाना पछताएगी" उसने कहा ।
हम उस दिन दिल्ली घूमे शाम तक शॉपिंग की और रात को खाना खा कर होटल वापिस आए मैं बहुत थक चुकी थी ।
"बेड पर मैं सोऊंगी।" मैने ब्लैंकेट लेकर बेड पर बैठते हुए कहा।
"नहीं मैं बेड पर सोऊंगा , तू सोफे पर सो जा " राजीव ने मेरे हाथ से ब्लैंकेट छीन कर बेड पर चढ़ गया ।

"राजीव प्लीज यार मुझे सोना है बेड पर"
"नहीं"
तभी हमारे रूम का लैंडलाइन फोन बजा "हैलो"
"हेलो , इस देट मिस्टर राजीव ?"
"या स्पीकिंग"
"सर , अ लेडी वांट्स तो मीट यू"

"हु?"
"हर नेम इज वैशाली"
कुछ सोचते हुए राजीव ने कहा
"ओके, आई एम कमिंग" वह बाहर जाने लगा।
"क्या हुआ?"
"कुछ नही तुम सो जाओ मैं थोड़ी देर में आता हूं"
"राजीव कहां जा रहे हो"
"नीचे रिसेप्शन में कुछ काम है री झल्ली , आता हूं"
"मैं चलूं?"
"नहीं दो मिनिट का काम है"
"जल्दी आना "
"ओके"
राजीव चला तो गया पर मैं सो नहीं पाई जब तक वो वापिस नही आ जाता मैं कैसे सो सकती थी।

कुछ देर बाद राजीव वापिस आया तो वो नशे में धुत्त था ।
लड़खड़ाते हुए वो कमरे में घुसा । कमरे में घुसते ही वह टेबल से टकरा कर गिरने को हुआ मैने उसे हाथों से सहारा देकर संभाला ।
"राजीव , तुमने शराब पी है?"
"नही, वो वैशाली ने अपने दोस्त के साथ मिलकर जबरदस्ती मुझे पिलाई, फिर वो मुझे एक कमरे में ले गई लेकिन मैं वहां से भाग आया "

अब मुझे वैशाली पर बहुत गुस्सा आ रहा था । वो राजीव को फंसाना चाहती थी।
"मैं छोडूंगी नही उस कमिनी को"मैं रूम से बाहर जाने को हुई तो राजीव ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
"नहीं , अभी मत जाओ मुझे छोड़ कर " वो अपनी बहकी और टूटी फूटी आवाज मैं बोल रहा था।
"ठीक है , मैं यही हूं सो जाओ तुम , कहकर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया ।"

क्या हुआ था राजीव और वैशाली के बीच ? क्यों पी थी राजीव ने शराब?