1.
लोग अपनी अच्छाईयों का दिख़ावा करते हैं
मैं खुद की कमीयों से मशहूर होना पसंद करती हूँ
2.
मेरा खुदा वाकिफ हैं मेरे बेदाग किरदार से
मुझे गलत बोलने वाले पहले अपना किरदार देखे
3.
बड़ी मुद्दतों के बाद हुआ था भरोसा किसी पर
फिर उसने साबित कर दिया कोई भरोसे के काबिल नहीं
4.
बड़े महंगे होते हैं ये सावले रंग वाले
ये हर किसी की पसंद नहीं बनते
5.
ख्वाब तो देख लूँ ताबीर से डर लगता है
अपनी तक़दीर की तहरीर से डर लगता है
6.
ज़हर में भी इतना ज़हर नहीं होगा
जितना ज़हर मेरे अंदर भरा हुआ हैं
7.
आईना भी देखे तो देखता रहे मुझे
खूबसूरती की वो मिसाल हुँ में
8.
ज़िक्र मेरा ही फ़क़त उसकी ज़ुबाँ पर आए
इतनी शिद्दत से कोई चाहे तो मज़ा आ जाए
9.
बहुत अच्छा लगता है उन लोगों से बात करना
जो अपने ना होकर भी अपने होने का अहसास दिलाते हैं
10.
अनदेखे बेनाम धागों में यूं बांध गया कोई
कि वो साथ भी नहीं और हम आजाद भी नहीं
11.
हमसे मिलना हो तो अपने खुद के किरदार में आना
ये दोगले चेहरे पढ़ने की बुरी आदत हैं हमें
12.
किसी की ज़िन्दगी में ज़बरर्दस्ती जुड़ने
से बेहतर अकेले रहना पसंद करता हूँ
13.
अल्फाज़ो को एक नया मोड़ दिया हैं
बीते लम्हो को पीछे छोड़ दिया हैं
14.
अपनी फिल्ड के इतने बड़े खिलाडी बनो
तुम्हारे आने और जाने से बाजी पलट जाये
15.
लगता हुँ नादान सा पर जीने का तरीका जानता हुँ
में गहरे दर्द में भी हसने का सलीका जानता हुँ
16.
करके काजल से दोस्ती एक दिन
मैं भी उतरूंगा किसी की आँखों में
17.
हमें किसी के सामने अच्छा बनने का शोक नहीं
में उनके लिए खास हुँ जो हमें समझते हैं
18.
शक्ल की ख़ूबसूरती सिर्फ़ आँखों को भाती है
लेकिन किरदार की ख़ूबसूरती दिलों पर फ़तह कर जाती हैं
19.
चाहत का एहसास होगा तो वो लौट आयेगा
सिफारिश और मन्नत से मोहब्बत कहाँ मिलती है
20.
अपनी तन्हाई में तन्हा ही अच्छा हुँ
हमें जरूरत नहीं दो पल के सहारो की
21.
ना सीरत नजर आती हैं ना सूरत नजर आती हैं
यहाँ हर इंसान को बस अपनी जरुरत नजर आती हैं
22.
तलब हो या ताल्लुक बस गहरा होना चाहिए
23.
लहजे को परखने का हुनर भी रखो
लोग लफ्ज़ कम तीर ज्यादा मारते है
24.
तमीजदार होने का नुकसान ये भी है कि
हजार बातें दिल में रह जाती है
25.
शिकायते इतनी हैं की दिल फटा जा रहा हैं और
सब्र इतना आ चूका हैं की अपने हाल पर खुश हूँ
26.
आओ मोहब्बत करने का हुनर आजमाते हैं
इश्क़ तुम करो निभा कर हम दिखाते हैं
27.
जो मेरी आंखों से बयां हैं
वो लफ्ज़ शायरी मे कहाँ हैं
28.
किसी ना किसी को तो रास आऊंगी में भी
कोई तो होगा जिसे दिखावा नहीं सादगी पसंद आएगी
29.
जिससे भी मिलिये मोहब्बत से मिलिये
लोग बताते नहीं हैं मगर तन्हा बहुत हैं
30.
में हर मुश्किल से टकराना चाहती हूं
ज़िंदगी में बहुत आगे जाना चाहती हूं
31.
अपनी ही धुन मे रहो तो अच्छा हैं
दुनिय़ा का क्या पता कब बदल जाये
32.
मग़रूर हूँ मैं ख़ुद के क़िरदार पर कोई
तुम सा नहीं तो कोई मुझ सा भी कहाँ
33.
मन में रखकर दुनिया भर का गम
खुश दिखाई देती हुँ तस्वीरों में
34.
बड़ी ठोकरे खाके समझदार बनी हुँ
अब दिल की बातो पर ध्यान नहीं देती
35.
अमीर नही हु तो क्या हुआ ईतनी गरीब भी नही हु
के किसी को अपने स्वाभिमान की कीमत लगाने दु
36.
सूरत सीधी सादी पर सीरत कमाल रखती हुँ
में वो हुँ जो अपना हर अंदाज़ बेमिसाल रखती हुँ