कुछ महीनों बाद......🧐🧐
आज एक नया दिन था चरणनन्दन की जिंदगी में लेकिन ये महान आत्मा अभी तक बिस्तर पर फैल कर सोये पड़े हैं।
इनपर चचा की मार का कोई असर नहीं हुआ है। इनकी हरकत अब भी पहले जैसी ही है। बस अब थोड़ा पढ़ने लगे हैं चचा के डर से।
चचा की बड़ी कोशिशों के बाद चरणनन्दन ने बिस्तर छोड़ और चल दिये स्कूल जाने के लिए तैयार होने। वैसे आप सब को तो पता ही है कि कई बार फेल होने के कारण अभी 12 वीं मे ही है, और 19 साल के है ये लेकिन मजाल है जो इन्हें इतनी सी भी शर्म आती हो एकदम अकड़ के चलते हैं।
कुछ देर बाद चचा के ठेले ढकेले चरणनन्दन स्कूल तो पहुंच गए लेकिन महाराज का अंदर जाने का मन नहीं कर रहा था। 😂
वो वहां से भागने का सोचे ही की तभी उनकी फडफडाती नजर अपना स्कूल बैग टांगे एक कन्या पर पड़ गई और चरणनन्दन का मन बाग बाग हो गया। उसने झटपट खुद को देखा और जल्दी से अपने शर्ट का कॉलर ठीक किया और अपने कंधे पर अंतरंगी तरीके से टाँगा हुआ बैग अच्छे से टांग लिया। अब हमारे चरणनन्दन बन गए जेंटलमैन और चल दिये स्कूल के अंदर। 🧑💼
उस लड़की की बात करें तो वो 11 वीं में पढ़ती है पिंकी नाम है साधारण सी लेकिन बहुत सुन्दर है।
आज पूरा दिन चरणनन्दन जेंटलमैन बने रहे टीचरों को कोई शिकायत का मौका नहीं दिए, और इस बात से आज पूरा स्कूल हैरान था कि चरणनन्दन सुधरे तो सुधरे कैसे लेकिन जैसे भी था सभी बहुत खुश थे कम-से-कम ये नालायक सुधरा तो सही।
कमाल की बात ये थी कि चरणनन्दन अब टाइम से घर आ जाता और पढ़ने भी बैठ जाते अब ये रोज का हो गया था। और ये सब देख चचा तो खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।
खैर आज रक्षाबन्धन का दिन था और चरणनन्दन आज स्कूल जाने के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं था लेकिन चचा के सामने उसकी कभी चली है जो आज चलती।
इसीलिए उसे मन मसोस कर स्कूल जाना ही पड़ा। बेचारा स्कूल तो पहुंच गया लेकिन सब की नजरो से बचने की कोशिश जारी थी उसकी लेकिन कब तक आखिर में उसका बुलावा आ ही गया।
बेचारा खड़ा हो गया सभी लड़कों के साथ लाइन में एक एक कर सभी लड़कियों ने सभी को राखी बांधी लेकिन बेचारा चरणनन्दन अपने हाथ में इतनी राखियाँ देख उसका मूंह रोने जैसा हो गया था।
अब बारी पिंकी की थी वो भी चरणनन्दन के सामने खड़े हो गई लेकिन कुछ देर बीत जाने के बाद भी जब उसने हाथ आगे न बढ़ाये तो वो बोली " भैया हाथ आगे कीजिए" इतना सुनने के बाद उसके कान में ऐसा लगा काँच चुभ गए हों। 🤣
अब तक चरणनन्दन ने अपना हाथ आगे न किया था जिसे देखते हुए पिंकी अपने पास खड़ी मैडम को देखने लगी, जिसने चरणनन्दन को घूरते हुए ही उसका हाथ पकड पिंकी के आगे कर दिया जिसे देखते हुए पिंकी ने मुस्कुराते हुए उसे राखी बाँध दी, अब तो ऐसा लगा कि चरणनन्दन की दुनिया ही लूट गई खैर बेचारा कर ही क्या सकता था। 😂
कुछ देर बाद स्कूल की छुट्टी हो गई थी और अब चरणनन्दन घर जाने वाले रास्ते पर था। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ये बहुत दुखी होगा तो बिल्कुल गलत है आप सभी, वो बस थोड़ा सा दुखी हैं। इसीलिए आज बड़े दिनों बाद स्कूल से लौटते वक्त वो गुटखे की दुकान पर गया था, उसे देख तो दुकानदार भी हैरान था।
अब वोटका ना सही गुटखा ही सही उसी का नशा कर देवदास वालीं फिलिंग ले ले। 🧐🤣
कुछ महीने और वक्त बीत गया इसी तरह से और इस बार चरणनंदन अब 12 वीं फेल चरणनन्दन न हो कर 12 वीं पास चरणनन्दन बन गया है इसीलिए चचा बहुत खुश थे आज।
लेकिन जो सुधर जाए वो चरणनन्दन नहीं इसीलिए वो अब भी ऐसा ही है सिर्फ कुछ बदलाव जरूर हुआ है उसकी आदतों में। 🙄🙄
तो बस आज पैरनन्दन....अहहम.. मेरा मतलब चरणनन्दन की कहानी खत्म लेकिन वो नहीं खत्म...🙆🏻🤣
कहानी खत्म पैसा हजम............🤕🤕🙆🏻
समाप्त.........🤗