Crazy Love - 9 in Hindi Love Stories by Harsha meghnathi books and stories PDF | क्रेजी लव - 9

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क्रेजी लव - 9

प्रोफेसर की बात सुनकर Mr Roy उसे कहते है, इतना खुश मत होइए सब गड़बड़ हो गई है।

क्या? क्या गड़बड़ हो गई हे? प्रोफेसर ने कहा। सबकुछ सही तो हो रहा है। मैने TV पर news देखी। सब कुछ plan के मुताबिक ही हो रहा है।

मुझे लगता हे हमारी प्लान की जानकारी किसी और को लग गए थी। ओर हमारा खेल किसी और ने ही खेल लिया। Mr Roy थोड़े कन्फ्यूज होकर कहते है।

क्या मतलब हे आपका की हमारा खेल किसी और ने खेला हे। प्रोफेसर ने उलझते हुए पूछा।

हमने जिन आदमियों को यह काम करने के लिए कहा था। वो सब गायब है। यहां तक कि उनमें से किसीको कॉल भी नहीं लग रहा। उन लोगों ने हमसे इस काम के बदले अच्छी रकम लेने का सौदा किया था। तो फिर वे बिना रकम लिए कही गायब तो नही हो सकते थे। तो फिर वे लोग क्यू अपना फोन बंध करके बैठेंगे। कुछ न कुछ गड़बड़ जरुर हुई है।Mr Roy ने टेंशन से कहा।

अच्छा ऐसी बात हे या फिर आप मुझे उलझाना चाहते हे। देखिए Mr Roy , अगर आपने मुझसे कोई चालाकी करने की कोशिश की तो ठिक नही होगा। प्रोफेसर गुस्से से कहते है।

अरे भला में क्यू कोई चालाकी करुंगा वो भी तुम्हारे साथ। अगर तुम हमे साथ न देते तो ये सब हमारे लिया नामुमकिन था। तो फिर में तुम्हारे साथ दगा केसे कर सकता हूं। Mr रॉय उसे समझाते हुए कहते हे।

ठीक है तो फिर, में इस बारे में कुछ जानने की कोशिश करता हू की वे लोग कहा गए? लेकिन आप भी हमारा ख्याल रखएगा ठीक है? कहकर प्रोफेसर कॉल कट कर देता हे।

वहा दूसरी ओर विश्वजीत किसी खंडहर जेसी जगह पर बहुत पुराने मकान के अंदर चार लोग के सामने चेयर पर बैठा था। उन चारो आदमियों को जंजीरों से बंधा हुआ था। विश्वजीत उससे कुछ सवाल कर रहा था। उसकेे जवाब न देने पर विश्वजीत उसे टॉर्चर कर रहा था।विश्वजीत ने उन लोगो से कहा मुझे सब पता है तुम लोग क्या करने वाले थे और किसके कहने पर करने वाले थे। मे सिर्फ़ तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं। अब कहोगे या फिर और मारू।

तभी बीच वाला आदमी कहता है देखिए सर आपको कोई गलतफेमी हुई हे। हम आपको बहुत अच्छी तरह से जानते है इसलिए हम आपके किसी काम में दखल अंदाजी नही करते। ओर ना ही कभी करेंगे।

लेकिन तुमने मुझे हर्ट करने की कोशिश की हे, मुझे विश्वजीत राठौर को तो फिर ऐसे केसे में तुम्हे जाने दू। विश्वजीत गुस्से से कहता है।

हमने? हमने आपको कब हर्ट किया? हमने आपके किसी काम में कोई दखलगिरी नही की हे। ना ही आपके इलाके के किसी लोगो को परेशान किया है। वो आदमी घबरा कर कहता है।

हा, अभी तक किया नही था पर करने वाले थे। उससे पहले ही हमने तुम लोगो को उठवा लिया। विश्वजीत दात पिस्ते हुए कहता है।

तभी दूसरा आदमी कहता है सर हम सब रोज चोरी,किडनैप, मर्डर, जेसे जुर्म करते हे। कई जुर्म किए हैं, और कई अभी बाकी है जिसकी हमने एडवांस पे मेंट ली हुई है। हमे पता नहि है कोनसा काम हम करने वाले थे जिससे आपको तकलीफ हुई। अगर आप हमे पता देंगे तो वादा करते हे सर हम उसकी पे मेंट भी वापस कर देगें और उसका काम इस बार ही नही पर कभी भी नही करेंगे।

तभी विश्वजीत उन लोगो से कहता है। Mr रॉय का नाम सुना हे?

Mr रॉय का नाम सुनते ही उन चारो लोगो के कान खड़े हो जाते हैं। वो समझ जाते हे की किस काम पर उन्हें यहां जंजीरों में जकड़ कर टॉर्चर किया जा रहा हैं।

उन लोग मे से एक कहता हे, सर क्या Mr रॉय के साथ आपकी दुश्मनी है? हमे पता नही था। अगर पता होता तो हम उसका काम हाथ में ही न लेते। अब आपने बता दीया हे तो हम उसे उसका पे मेंट भी वापस कर देगें।

विश्वजीत जोर जोर से हसते हुए कहता है यहा से जा सकोगे तभी तो पे मैंट वापस करोगे।

तभी चारो गिड़गिड़ाते हुए कहते है सर please हमे छोड़ दीजिए अब हम Mr रॉय का कोई काम नहीं लेंगे। ओर आपने हमे इतना मारा हे अब हमारे शरीर में बिलकुल ही जान नही हे। आपने हमे मारकर अपना बदला ले लिया। अब हमे जाने दीजिए please।

पर विश्वजीत कहता है, क्या तुम लोगो ने मेरे बारे में सुना नही हे। में बुरे लोगो के साथ क्या करता हू।

तभी वो चारो लोग एक दूसरे के चहरे को देखने लगे। उनके चहरे पर बहुत डर उभर आया था। उन लोगों ने विश्वजीत के बारे में बहुत सुना था।वो जानते थे की विश्वजीत गुनहगारों को खुद सजा देता था। ओर गुनहगारों को वो दूसरा मोका कभी नही देता था। उसकी सजा तय होती थी, सजा ए मौत।इसीलिए उस इलाके मे सभी विश्वजीत से डरते थे।

उन चारो के शरीर का कोई ऐसा हिस्सा बाकी नही बचा था जहा से खून न निकल रहा हो। ओर अब तो मौत का खौफ उन लोगो के चहरे पर साफ साफ दिखाई दे रहा था।

अब विश्वजीत अपना फ़ोन निकाल कर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन करता हे ओर उसे कहता हे। चलो अब मुझे पुरी बात बताना की Mr रॉय ने तुमसे क्या करने को कहा था और उसके लिऐ उसने आप लोग को कितने पैसे दिए। चलो सुरु करो कहकर विश्वजीत रिकॉर्डिंग करने लगता हे।

रिकॉर्डिंग करने के बाद विश्वजीत गोपाल को आवाज़ लगाता है।

गोपाल कुछ आदमियों के साथ वहा आकर कहता है, जी हुकूम।

अभी इन लोगो को मारना नही हे। कुछ दिनों तक इन लोगो को यही रखना होगा तो तुम यहा सख्त पहरा रखना। ओर इन लोगो की जंजीरे खोलना नही, इसे जिंदा रखने जितना खाना इसे खिलाते रहना। ठिक हे। ये कहकर विश्वजीत वहा से चला जाता हे।

उसे जिंदा रखेंगे ये बात सुनकर उन चारो के चहरे पर थोड़ी खुशी दिखती हे।

विश्वजीत सीधे अपने पैलेस आता हे। आकर वो दबे पांव अपने कमरे मे जाता हे। उसे लगा सायद इषिता सो रही होगी। पर इषिता सोफे पर बैठी बैठी कुछ ड्रॉ कर रही थी।