Mujhe Teri Zaroorat Hai - 2 in Hindi Short Stories by Rose books and stories PDF | मुझे तेरी जरुरत है - 2

The Author
Featured Books
Categories
Share

मुझे तेरी जरुरत है - 2

प्रेम जैसे ही आँखें खोलता है वो खुद को किसी और जगहा पता है जैसे की वो कही दूसरे दुनिया में हो
वो उठ कर खड़ा होता है और यहां वहा देखने लगता हैं क्यू की वहा एक भी car या bus दिख नहीं रही थी
वो जरा आगे जाता हैं तो देखता है कुछ लोग उसे ही देख रहे होते है
प्रेम उन मैं से एक आदमी के पास जाता हैं और बोलता है में कहा हु अभी और ए कोनासा शहर है
पर उनको उसकी Language नही समझती
और वो वहा से चले जाते है ....


प्रेम वही खड़ा होता है उसके पास मोबाईल भी नहीं होता और उसे ए भी नहीं पता की वो कहा है और यहां कैसे आया....

उसे अचानक आवाज आती है तुम कोन हो
प्रेम पिछे देखता है तो वो एक सुंदर लड़की होती है जिसने red color का लहगा पहना होता हैं....

प्रेम उसे देखता ही रह जाता हैं.....वो उसे बोलती है मैने कहा तुम कोन हो बताते क्यू नही या मुंह में जबान नहीं
प्रेम:– तुम्हें देख तो बोलने का मन नहीं हो रहा
वो लड़की गुस्से हो जाती है और बोलती है सेनापती इसे बंदी बना लो
प्रेम:– मेरा गुन्हा क्या है में तो यहां कैसे आया पता भी नहीं वैसे क्या नाम है तुम्हारा
वो सेनापती उसे गुस्से में बोलता है तुम्हारी इतनी मजाल तुम हमारी राजकुमारी को नाम पूछोगे
प्रेम:– पता नहीं है इस लिए पूछ रहा हूं
सेनापती:– ए हमारी राजकुमारी है यहां की ओर इनका नाम निशानी है और ए इस राज्य के राजा की बेटी है
प्रेम:– अच्छा हुआ तुम दोनो को मेरी language समझ आई
निशानी:– चलो यहां से मुझे लगता हैं ए आदमी पागल है
वो वहा से चली जाती है
प्रेम उसे जाता देख हस रहा होता हैं वो उसे जाता देख बोलता है
आज तक मैंने ऐसी लड़की कही नहीं देखी आज तो इसने मेरा दिल ही चुरा लिया पर में यहां कैसे आया मुझे पता लगाना चाहिए नहीं तो ने यही फसा रहुगा
वो वहा से बहार जाने के लिए रास्ता ढूंढ रहा होता हैं ......

उसे अचानक से कुछ दिखाई नहीं देता और वो वही गिर जाता हैं और कुछ देर बाद जब वो आँखें खोलता है तो वो घर में होता हैं प्रेम खुद को घर में देख बोलता है वो निशानी कहा गई
राज:– कोई निशानी नहीं है यहां
प्रेम:– पापा में यहां kais
राज:– तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया था हमे पता चला तो हम बहोत चिंता में थे पर भगवान का लाख लाख शुक्र है की तुमको कुछ नही हुआ
प्रेम की मॉम उस के लिए खाना ले कर आती है और बोलती है
नैना:– जाया चोट नही आई यही अच्छा है नहीं तो मेरा क्या होता अच्छा हुआ जो भी हुआ
पर प्रेम तो आपने ही खयालों में खोया था और बार बार उसे निशानी ही दिख रही होती है


पार्ट पर कमेंट आना चाहिए क्यू की में इतने मेहनत से लिखती हूं पार्ट और आप कोई भी कॉमेंट नहीं करते तो मुझे इतना ही बोलना है की पार्ट पर कॉमेंट किया