broken relationships, lost relationships in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | टूटे रिश्ते, छूटे रिश्ते

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टूटे रिश्ते, छूटे रिश्ते

1.
गिरते तो सभी है, मगर हारता केवल वों ही हैं,
जो फिर से उठने का साहस नहीं करता हैं।

2.
सुनो आज तुमसे अपने दिल की बात कहती हूं
इस दुनिया में सबसे ज्यादा
प्यार मैं तुमसे करती हूं...!

3.
ख़्वाहिश नही मुझे मशहूर होने की,
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है !

4.
अपने आप पर काम करना शुरू करो,
बांकी सब कुछ खुद ब खुद हो जाएगा I

5.
इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है,
एक अपने प्यार से दूसरे अपने परिवार से…!

6.
अब उन्हें कैसे बताएं,
हम तैयार भी तो उनके लिए ही होते है।

7.
मां बाप की लाडली तो सभी होती हैं।
हमसफर की लाडली होना
नसीब की बात होती है|

8.
सोच रहा हूं कि थोड़ा वजन बढ़ा लू
लोग आजकल मुझे हल्के में लेने लगे हैं

9.
गैरों से बेरुखी बरदाश्त भी कर लें मगर क्या करें...
वो कहते हैं न कि अपनों से रूसवाई सही नहीं जाती...!

10.
तलब अपनी बढ़ाओ पहले फिर हम से प्यार करना...
इश्क जब ना संभले तुमसे तब ही हम से इजहार करना...!

11.
मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो,
होती है जो सीने में,
वो हलचल भी तुम हो...!

12.
मांगना ही छोड़ दिया हमने वक्त किसी का...
क्या पता उसे इंकार करने का ही वक्त ना हो...!

13.
बिछड़ गए हैं जो उनका साथ क्या मांगू,
ज़रा सी उम्र बाकी है इस गम से निजात क्या मांगू,
वो साथ होते तो होती ज़रूरतें भी हमें,
अपने अकेले के लिए कायनात क्या मांगू...?

14.
“रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है,
कि लोग अक्सर टूटना पसंद करते है पर झुकना नहीं!
लूट लेते हैं अपने ही वरना गैरों को कहाँ पता,
इस दिल की दीवार कहाँ से कमज़ोर हैं..."

15.
बेवक्त बेवजह बेबसी बेरुखी तेरी...
फिर भी बेइंतहा चाहने की बेबसी मेरी...!

16.
तुमने हर बार ही मन को छूआ,
जाना,
समझा।
जीवन के सबसे कठोर समय में भी तुम्हारी नर्म हथेलियों से एक चट्टान सरीखा संबल मिला।
मैं आज भी जब खो जाता हूँ दूर कहीं अँधेरे में ...
तुम्हारे अहसास,
तुम्हारे शब्द,
मेरी बाहें पकड़ लौटा लाते हैं।
सुनो !
तुम यूँ ही रहना...

17.
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में,
बड़े ही खास हो तुम मेरी इस जिंदगी में...

18.
जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं
उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना
तो सुकून सा आ जाता है
मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो
उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना
ये जो एहसास होता है ना
ये वो एहसास होता है
जिसे लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता
और इस एहसास को मैं तुम्हारे साथ जीना चाहती हूं

19.
"कितना भी कर ले सबर"
"तेरे लिए तो बेसबर ही रहते हैं"

20.
उम्र बीत सकती है बात को निभाने में,
बात से मुकरने में देर कितनी लगती है...

21.
काश तू भी बन जाए तेरी यादों की तरह,
ना वक़्त देखे ना बहाना, बस चली आये...

22.
इस प्रकार,
हम बंद आंखों के सामने देख सकते हैं।
कभी वो चेहरा जो मेरी गोद में सिर रख कर सोया था तो कभी वो चेहरा जिसकी निगाहें आज भी मेरा इंतज़ार करती हैं...
कभी वो चेहरा जो हर पल मुझे मुस्कुरा देता है।
वो चेहरा जो मेरी खुशी में मुझसे ज्यादा खुश और मेरे गम में उदास रहता है...
लेकिन आज तुझे साक्षात देखने की चाहत बहुत है..
जो दिल के इतना करीब रहता है वो नजरों से इतना दूर क्यों है!