शौहर के साथ घूमते समय उसे ऐसा लगा था सचमुच रात को उसने सच बोला था।दोस्तो ने पार्टी में उसे जबर्दस्ती शराब पिला दी होगी।लेकिन ऐसा सोचना उसका भरम था जो जल्दी ही टूट गया था।वह जान गई कि उसका शौहर शराबी था।उसे शराब की लत थी।
और धीरे धीरे शौहर के दूसरे एमल भी सलमा के सामने आ गए थे।सिगरेट और सट्टे का भी वह शौकीन था।शौहर की ज्यादातर कमाई उसके खुद के शोक पूरे करने में खर्च हो जाती थी।वह घर खर्च को पैसे देता उसमे खर्च नही चलता था क्योंकि महगाई आसमान छू रही थी।जरूरी चीजों की भारी कमी थी।वह शौहर से शिकायत करती
इतने कम पेसो में खर्च नही चलता
"तो मैं क्या करूँ?मेरे पे जो है दे देता हूँ।अगर खर्च नही चलता तो खुद कमाओ
और सलमा चुप रह जाती।पहले तो सलमा शौहर को प्यार से समझाती थी।उसे उम्मीद थी शौहर प्यार से समझ जायेगा।लेकिन वह नही सुधरा तब उसने उसे समझना छोड़ दिया था।
सलमा अक्सर सोचती क्या उसने ऐसे ही शौहर की कल्पना की थी।उसके अब्बा को न जाने कहा से उसमे गुण नजर आ गए थे।औऱ उसने निकाह से पहले इतनी तारीफ कि थी।
चाहे उसका शौहर नशे में हो या न हो रात को उसका शरीर रौंदने को जरूर चाहिए था।उसका मन हो या न हो वह ना नही कर सकती थी।उसे चुपचाप उसके आगे बिछना ही पड़ता था
औऱ संघर्ष औऱ दुखो के बीच जीते हुए वह गर्भवती हो गयी।उसके गर्भवती होने पर जफर उसका बहुत खयाल रखने लगा।उसके खाने पीने पर ध्यान देने लगा।अक्सर वह उसके फूलते पेट पर हाथ रखकर कहता
मेरा नन्हा सा लाडला बेटा इसमें पल रहा है।जफर बेटा चाहता था।वह चाहता था सलमा उसे बेटा ही पैदा करके दे।
अब यह तो सलमा के हाथ मे नही था।खुदा कि मर्जी थी।वह लड़का पैदा करे या लड़की।और ऐसा ही हुआ।जफर बीटा चाहता था लेकिन सलमा के गर्भ से बेटी पैदा हो गयी।
विज्ञान के नजरिये से भी इसके लिए सलमा दोषी नही थी।मर्द ही दोषी होता है लेकिन सारा दोष सलमा पर मदः दिया गया।
जफर के व्यवहार में बेटी को देखते ही एक दम बदलाव आ गया।सलमा क्या करती।
बेटी के जन्म के बाद।जफर बात बात पर उस पर गुस्सा करने लगा।एक दिन शाम को वह काम से वापस घर आया तो उसके साथ एक युवती भी आई थी।शौहर के साथ अजनबी युवती को देखकर वह बोली
यह कौन है
नगमा
कौन नगमा।मैं तो पहली बार देख रही हूँ
"यह नगमा है।कराची की रहने वाली है।मेरी कम्पनी में मेरे साथ ही काम करती है"जफर ने बीबी को नगमा के बारे में बताया था।
"घर क्यो लाये हो
"नगमा को मैं तुमसे मिलाने के लिए लाया हूँ
"मुझसे।क्यो
"मैं और नगमा निकाह कर रहे है
"एक बीबी के होते
"क्या करूँ।तुम बेटा पैदा करके दे नही सकती।मुझे बेटा चाहिए।
"अब हो जाएगा
"मैं तुम्हारे साथ रिस्क नही ले सकता।क्या पता फिर बेटी हो जाये
"सलमा क्यो घबरा रही हो।मैं तुम्हारी सौतन नही।छोटी बहन बनना चाहती हूँ
"मतलब तुंमने ।ेेरे घर को उजाड़ने के फैसला कर ही या है,"सलमा बोली,"तुम जवान हो ,हसीन हो।तम्हे चाहने वाले तुम से निकाह करने वाले बहुत मिल जायेंगे
"तुम सही कह रही हो।लेकिन मुझे तो जफर पसन्द है।"