Pyar ki ek anokhi dasta - 3 in Hindi Love Stories by Akansha books and stories PDF | प्यार की एक अनोखी दास्ताँ - 3

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प्यार की एक अनोखी दास्ताँ - 3

ऐसे ही सारा दिन बीत गया आज स्कूल में उतनी पढाई नही हुई, और छुट्टी का time हो गया में और निया स्कूल बस के लिये रोके थे तभी बस आई और हम बस में बैठ गये तभी निया -आरोही वो देख हमारे हमारे class टॉपर मैने उस तरफ देखा तो वो वही लड़का था
निया- यार, कितना cute है ना ये और यार उसका नाम क्या था मुझे याद नही आ रहा है तभी मै उस लड़के को देखते हुए अपनी सोच मै गुम मेरे मुह से निकला अध्विक निया - तुझे कैसे पता चला मै - अरे यार जब सब स्टूडेंट क्लास का introduction हुआ तब पता चला निया - अच्छा मेरे ध्यान उसे देखने में था नाम मैने सुना नही देख ना कितना मस्त ला रहा है और हसने लगी। उसे देख कर मुझे भी हँसी आ गयी तभी हमको हँसते देख अध्विक हमारी तरफ देखने लगा उसे अपनी तरफ देख हम चुप हो गये कुछ time बाद हमारा घर आ गया अभी अध्विक भी बस से उतरता है निया - ये हमारे मोहल्ले में रहता है क्या मैने तो उसे पहली बार देखा है उसे मैने बोला पता नही यार मैने भी पहली बार देखा निया - तु पूछ उसे की ये इस मोहल्ले में रहता है मैने बोला तु पागल है क्या मैं क्यों पूछूँ इतना ही है तो तु पूछ ले। वो कुछ नही बोली बस हँस दी ऐसे ही हम घर तक पहुच गये बस जहाँ रूकती थी, इसे थोड़ी दूर पर हमारा घर था तो हमे थोड़ी दूर चल कर जाना पढता था। bye बोला और अपने अपने घर में चले गये घर पहुँच कर पापा - और बेटा कैसा रहा तुम्हारे नये स्कूल का पहला दिन मैने बोला सही था, पापा बोले और निया के अलवा कोई दोस्त बना की नही। मैने बोला पापा आप को तो पता है की में जल्दी लगो से दोस्ती नही कर पाती और रही बात निया की तो उसकी जगह कोई नही ले सकता उसे मेरे बारे में पता है की मुझे क्या पसंद है क्या नही पसंद है आपको पता है मुझे माँ के बारे में बात करना अच्छा नही लगा वो कभी भी उस बारे में बात भी नही करती और ना किसी को करने देती है, पापा - वो तो है बहुत प्यारी बच्ची है वो उसके बाद हमे खाना क्या और मैं room मे चली गयी room में आकर में बालकनी में चली गयी अभी मुझे अध्विक का ध्यान आया में अंदर जा कर अपना लैपटॉप ले कर आई और अपना फेसबुक account login किया और अध्विक name search किया अध्विक नाम के बहुत लोग show हो रहे थे, मैने profile check करी थोड़ी देर बाद मुझे अध्विक ka account मिल गया में account को check करने लगी अध्विक की बहुत सी फोटो थी में एक एक कर के उसकी सारी फोटो देखने लगी वो उन फोटो मे बहुत smart लग रहा था उसकी फोटो देखते देखते कब 2 घंटे बीत गये पता भी नही चला मेरा ध्यान तब टूट जब निया मुझे आवाज लगते लगते मेरे रूम मे आ गयी निया - आरोही आरोही कहा है तु तेरा ध्यान kidhar है मे मुझे कब से चिल्ला रही थी और बोलते हुए आरोही तेरा ध्यान किधर है coaching का time हो गया है time देखा 5 बाज गये है वो बोलते बोलते रुकी,तभी उसने मेरे लैपटॉप पर किसी की profile open देखी वो लैपटॉप की तरफ झकते हुए बोली तूने किसी profile check रही है मैंने उसकी बात सुन जल्दी से लैपटॉप को बंद किया और उसका हाथ पकड़ कर रूम मे लगते हुए profile किसी profile checkkar rahi तुझे देखने मे गलतफहमी हो हो गयी हो गयी nia- अच्छा तो ही बता तु क्या देख रही थी तेरा ध्यान किधर था मैंने कुछ सोचते हुए बोला यार में neet का syllabus check कर रही थी निया बोली अच्छा मैं हा मे जवाब दिया और उसका हाथ और अपना bag लेकर मैने बोला जल्दी चल वरना हम coaching ke लिये late हो जायेंगे और हम दोनों coaching के लिये निकल गये