Vyadhi - 1 in Hindi Fiction Stories by Naresh Bokan Gurjar books and stories PDF | व्याधि - भाग 1

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व्याधि - भाग 1

व्याधि भाग 1


जिंदगी हर रोज की तरह अपने हिसाब से चल रही थी। सुबह की ताजा ओस पेड़ पौधों के पत्तों को नयी ताजगी का एहसास करा रही थी। पक्षी चहचहाकर सबका मन मोह रहे थे। दूर के जंगलों से ठंडी हवा शहर में घुस आयी थी। शायद दूर जंगलों में बीती रात बारिश हुई होगी। जब भी शहर से लगते जंगलों में बारिश होती है तो ऐसी ही ठंडी ठंडी हवा शहर की तरफ दौड़ी चली आती है।


सुबह के आठ बज चुके थे। कोमल की जैसे ही आँख खुली उसका ध्यान दीवार पर लगी घड़ी की तरफ गया। वह उठ खड़ी हुई। उसके पास ही उसका पति रमेश सोया हुआ था। कल ही दोनों की शादी हुई थी। पिछले दो सालों से दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे थे। रमेश एक चरम रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर है। कोमल उसी के हॉस्पिटल में एज ए नर्स काम करने आयी थी और वहीं से दोनों के प्यार की शुरूआत हुई।


हॉस्पिटल की ड्यूटी खत्म होने के बाद दोनों अक्सर डिनर पर साथ जाते। घंटों एक दूसरे के साथ बीताते। रमेश अपने घर में अकेला रहता था। कोमल दूसरे शहर से यहाँ नौकरी करने आयी थी। दोनों की बढ़ती नजदीकियों के चलते रमेश ने कोमल को अपने घर ही रहने के लिये राजी कर लिया। इससे पहले वह एक किराये के मकान में रहती थी। जहाँ उसके अलावा एक और फैमिली भी रहती थी। रमेश जब कोमल से मिलने एक दो बार वहाँ गया तो वहाँ रहने वाली फैमिली को अच्छा नहीं लगा। इसलिये कोमल ने भी वह घर छोड़कर रमेश के साथ रहने का फैसला कर लिया। रमेश और कोमल स्वभाव में एक दूसरे के पूरक थे। दोनों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग थी।


अपनी नयी नयी शादी के बाद दोनों ने हनीमून पर जाने का फैसला किया। रमेश कोमल को किसी शांत जगह पर लेकर जाना चाहता था जहाँ किसी प्रकार का शोर ना हो। कोई परेशान करने वाला ना हो। ना फालतु की ट्रेफिक हो ना बार बार बजने वाले फोन की आवाज। जहाँ बस वो हो और कोमल हो। ऐसी एक जगह उसके दिमाग में थी भी। वह जगह शहर से बहुत दूर किसी जंगल को पार करके एक सुंदर से कस्बे में थी। उस कस्बे में डॉक्टर रमेश का एक घर भी था जिसे उसने बहुत पहले खरीदा था।


डॉक्टर रमेश के वहाँ आने की खबर वहाँ के चौकिदार को जैसे ही लगी उसने फौरन मकान की साफ सफाई का प्रबंध करा दिया। उसको मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्टर रमेश कोमल के साथ शाम के चार बजे तक वहाँ पहुँचने वाले थे।


इधर कोमल ने अपना सारा सामान पैक कर लिया था और साथ में रमेश का भी। दोनों ने वहाँ महिने भर रहने का प्लान बनाया था और वह कस्बा शहर के काफी दूर था तो जरूरत का सारा सामान तो लेके जाना ही था। गाड़ी पहले ही बाहर तैयार खड़ी थी। डॉक्टर रमेश ने उठने के बाद सबसे पहले अपनी गाड़ी की साफ सफाई की। डॉक्टर रमेश अपनी गाड़ी खुद ड्राइव करना पसंद करते थे।


रमेश, मैंने सब सामान पैक कर लिया है जरा इसे गाड़ी तक लाने में मेरी मदद कर दो, घर के अंदर से कोमल ने आवाज लगायी।

रमेश फौरन अंदर चला गया और अंदर से दो भारी भरकम बैग उठाकर गाड़ी के पास ले आया। फिर दोनों ने मिलकर बैग गाड़ी की डिग्गी में डाल दिये और गाड़ी में बैठकर निकल पड़े।