We are yours in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | हम तेरे है

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हम तेरे है

1.
इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,
ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।
मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,
मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।
नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने का,
इसीलिए तो आज छोड़ के गई तो भी...
जता के हक अपना ओ मुझे आज भी किसी का होने नही दी।

2.
अधूरा था सफर उस बिन...
काश! पकड़ के हाथ मेरा हमसफ़र बन गया होता मेरा।।

3.
काश, मेरी मुहब्बत ऐसी होती...
जब भी होता तनहा मैं सीने से मुझे लगाती ओ,
गम के लम्हो में ओ मुझपे बदरी बन के छा जाती ओ,
कुछ बाते ओ लबो से सुनती, कुछ अपनी भी कह जाती ओ,
गले से लग के सुन के धड़कन कुछ बाते पढ़ जाती ओ।
काश, मेरी मुहब्बत ऐसी होती...
ख्वाब बनाती पलको का और खुद ख्वाइश बन रहती ओ,
बन के सांस मेरी हरपल इस फिजा में बहती ओ,
होता उसके दिल की धड़कन, जान मेरा भी होती ओ,
पूछे जब कोई नाम मेरा तो जान मेरी मुझे कहती ओ।
काश, मेरी मोहब्बत ऐसी होती...
होठो पे रख के होठ मेरे मेरी सांसो में घुल जाती ओ,
मुझे लगाती सीने से, मेरे सीने से लग जाती ओ,
अपने जिश्म में मुझे छुपा के अपना मुझे बनाती ओ।
मैं बन जाता जान और रूह मेरी बन जाती ओ।।

4.
उसे लगा, उसकी खातिर बद्दुआ करेंगे हम।
ना जी ना...
उसे उसके जैसा मिले, ये दुआ करेंगे हम।।

5.
ओ मेरे ख्यालो मे छाया कुछ इस कदर था,
जैसे ओ ही और बस ओ ही मेरी रह गुजर था।
मेरे सीने से भी लग के देखा था उसने,
कि ओ मुझमे कहां - कहां और किस कदर था।
सच कहें तो... मेरी रूह में भी मैं उस तरह नही,
शमील ओ यारो... मुझमे जिस कदर था।।

6.
जब शरमा के सिमटती थी
ओ मेरे आगोश मे,
उसके जिश्म की खुसबू और आँखो की हया
मदहोश कर जाती थी मुझे।
उसके चेहरे की चमक और होठो की मुस्कान का
कहर न पुछो यारो...
मुस्कुराते हुए गौर से देखने की उसकी अदा
खामोश कर जाती थी मुझे।।

7.
सिर्फ एक तुझे पाने के लिए...
बहुतो को नजरअंदाज किया था।।

8.
मेरे हर आँशुओ की कीमत
उन्हें उस वक्त समझ आयेगी
जब मेरी तरह ओ भी
रोयेंगे किसी और के लिये।।

9.
ओ समझ ही नही पाया, मेरे इश्क की हद को।
वरना...
मुझे तो उसकी हर अदा और हर सजा से भी इश्क था...

10.
ओ दुआ में किसी और को मांगा करता था..
जिसे खुदा से हरपल मांगा करता था मैं दुवाओ में।।

11.
सबसे लड़ने झगड़ने वाला।
अगर डांटने पर..
सीने से लग जाये तो,
ये इश्क है।।

12.
जाने को तो चले गये अपनी याद भी ले जाते,
मै भी तेरी तरह खुश रह लेता अपनी यादो से भुला के तुझे...

13.
सुनो ...

तुझे सोचू तो मेरी ये,
सांस बहकती है।
महसूस करुं तुझको तो
मेरी पलक भी झुकती है।
सीने से लगूँ जब मैं तेरे
तब शुकुन सा मिलता है मुझको।
तेरे इश्क़ की खुसबू से हरपल
मेरी ये रूह महकती है।

14.
खजाना तो ओ नही था हमारा,
पर उसे खोकर हम फ़क़ीर हो गये...

15.
तेरे ना होने से साथ आज मै अपना सब कुछ गवां बैठा हूँ,
तेरे बेरुखी का दर्द सिने से लगा बैठा हूँ ।
तेरी हर बेरुखी हर रुसवाईयो के बाद भी,
तेरी चाहत को अपने दिल के आईने मे छुपा बैठा हूँ ।
आंशुओ की बरसात होती जा रही है इन आँखो से,
फिर भी इनमे तेरे ही प्यार का सपना सजाये बैठा हूं।
कही लग ना जाये तेरे पाव मे कोई काटा,
इसलिए तेरे हर रास्ते मे मै अपना दिल बिछाये बैठा हूँ।
कभी तो आकर देख लो एक बार मेरे हालात,
तेरी मुहब्बत मे मै खुद को किस कदर लुटाये बैठा हूँ।
ना जाने कब उठ जाये मेरी अर्थी इस जहा से,
बस तेरे इन्तजार मे ही मै साँसो का साज सजाये बैठा हूँ ।।