Sathiya - 65 in Hindi Fiction Stories by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव books and stories PDF | साथिया - 65

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साथिया - 65

" अच्छा तो यह सब कुछ मानसी के लिए हो रहा है?" रिया बोली।

" मानसी के लिए कुछ भी नहीं हो रहा है, क्योंकि उसे तो मेरे दिल की बात पता भी नहीं है। और परिस्थितियों भी ऐसी आ गई कि मैं उससे कुछ कह नहीं सकता क्योंकि वह मुझे अब की नहीं समझेगी पर मैं इतना समझ गया हूं कि तुम्हारे साथ में कभी खुश नहीं रह सकता। तुम्हारे साथ में मैने बहुत कुछ खोया है रिया और कुछ खोने की मुझ में हिम्मत नहीं है। प्लीज हो सके तो मुझे माफ कर दो।" नील ने कहा और कॉल कट कर दिया।

पीछे खड़ी निशी। ने उसकी सारी बातें सुन ली थी। उसने जाकर नील के कंधे पर हाथ रखा तो नील ने पलट कर देखा।

" इसका मतलब तुम मानसी को प्यार करते हो?" निशी बोली।

" मेरे फीलिंग्स से क्या होता है? सिर्फ मेरे चाहने से क्या होता है वह भी तो चाहे तब मतलब है। पर उसके मन में भी शायद बाकी सब लोगों की तरह गलतफहमी घर कर गई है। कई बार उसकी आंखों को देखकर ऐसा लगता था कि उसके दिल में मेरे लिए फीलिंग है पर अभी रिया के यहां से जाने से पहले ही ना जाने ऐसा क्या हुआ कि वह मुझसे दूर-दूर रहने लगी। मुझे इग्नोर करने लगी यहां तक कि मैने यह भी कहते सुना कि मैं अगर दुनिया का आखिरी लड़का होऊंगा तब भी वह मुझसे शादी नहीं करेगी।" नील ने इमोशनल होकर कहा।

" कोई बात नहीं है भाई सब सही होगा...!! तुम्हारा दिल साफ है और प्यार सच्चा है तो वह तुम्हारी फिलिंग्स को जरुर समझेगी और आज तुमने रिया के सामने सब कुछ क्लियर करके बहुत अच्छा किया। कम से कम एक जगह से तो टेंशन कम हो उसके बाद दूसरा सोचेंगे" निशि ने नील से कहा।

" हां अक्षत ने भी यही कहा मुझे कि पहले रिया को सीधा-सीधा बोलूं उसके बाद कुछ और करना है। इसलिए आज हिम्मत करके उसको दो टूक जवाब दे दिया है। अब विश्वास है मुझे कि वह मेरे रास्ते नहीं आएगी।"

"ठीक है ना फिर तुम मनु से बात क्यों नहीं करते हो?" निशी बोली।

" अभी नहीं थोड़ा टाइम देना होगा मुझे उसे...!! मनु को एक बार यह बात क्लियर हो जाए कि मेरे और रिया के बीच कुछ नहीं है उसके बाद उसे अपने दिल की बात कहने की कोशिश करूंगा और साथ ही समझाने की भी कि हम दोनों के बीच में कभी कुछ नहीं था। पर न जाने क्यों मुझे ऐसा लगता है कि क्या वह समझेगी या नहीं समझेगी। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता निशी।" नील ने परेशान होकर कहा।



"समझेगी वह जरुर समझेगी थोड़ा सा समय दो खुद को भी और उसे भी..!! और देखो शायद सब सही हो जाए।" ऐसी बोली।

" आई हॉप सो..!"

*******

उधर अक्षत अपने कमरे से नीचे आया तो देखा नीचे अलग ही तमाशा चल रहा था।

उसे सब देख समझते देर नहीं लगी कि मिस्टर और मिसेज दीवान को इस बात से प्रॉब्लम है कि उनकी बेटी का रिश्ता यहां नहीं हो पा रहा है।


" यह तो गलत है मिस्टर चतुर्वेदी आपने तो हमें ऐसा कुछ बताया ही नहीं था कि अक्षत की शादी हो चुकी है..?? आप लोगों के ये बहाने हैं क्योंकि आप नहीं चाहते कि संजना की शादी अक्षत के साथ हो ..!! मिसेज दीवान बोली ।

" देखिए मिसेज दीवान आप गलत समझ रही है। और वैसे भी इस तरीके से रिश्ते नहीं किए जाते। रिश्ते शर्तों पर नहीं किए जाते हैं। आप मानसी और आरव के रिश्ते की बात करने के लिए आए थे ना कि अक्षत और और संजना की।" साधना बोली।


"हां ठीक है मानते हैं कि हम आरव के लिए आए थे पर अगर हमें अक्षत पसंद आ गया तो इसमें बुराई क्या है? पर आपका बेटा वह कहता है कि वह शादीशुदा है। पता नहीं रूम में किसकी तश्वीरें लगा रखी है और उन्हें दिखा रहा है कि वह उसकी वाइफ है।" मिसेज दीवान नाराजगी बोली तो अरविंद और साधना ने अक्षत की तरफ देखा।

" प्रॉब्लम क्या है आपको अगर मैं शादीशुदा हूं..?? और अपनी वाइफ को इनसे इंट्रोड्यूस कराया तो आपको प्रॉब्लम क्या है? और फिर मैने तुमसे कहा ना कि अगर इन्हें कोई आपत्ति नहीं है तो शादी की जा सकती है।" अक्षत बोला।

" आप क्या मजाक समझते हैं चतुर्वेदी जी..?? आपके बेटे को बिल्कुल भी अक्ल नहीं है क्या ? एक शादी होने के बाद दूसरी शादी कैसे पॉसिबल है? और उसमें भी इनका कहना है कि कानूनी अधिकार ईनकी पहली पत्नी को मिलेगा भावनात्मक अधिकार इनकी पहली पत्नी को मिलेगा। इनके जीवन पर उनके प्यार पर सब कुछ पर अधिकार इनकी पहली पत्नी का होगा तो मेरी बेटी से क्यों रिश्ता जोड़ने की बात कर रहे हैं?" मिस्टर दीवान बोले।

" पर हमने तो रिश्ता जोड़ने की बात की ही नहीं थी...!! रिश्ता तो अपने जोड़ा। आपने कहा कि मानसी की शादी तभी होगी जब मेरी शादी संजना के साथ होगी...!! और मै शादीशुदा हूँ तो आपको प्रॉब्लम क्यों है ..?? अभी भी मैं आपसे कह रहा हूं कि आप मानसी और आरव का रिश्ता तय कीजिए और बात खत्म कीजिए।" अक्षत बोला।

" ऐसे कैसे बात खत्म हो जाए...?? इस अनाथ लड़की को हम इसी वजह से तो अपनाने को तैयार थे क्योंकि हमने सोचा था कि हमारी बेटी की शादी आपके घर में हो जाएगी। या तो अक्षत या तो इशान ..!! संजना जिसे पसंद करे वरना आरव के लिए लड़कियों की कमी नहीं है हमें जो हम इस तरीके की किसी अनाथ लड़की से शादी करें जो कि किसी दूसरे के घर में रह रही हो वह भी बिना किसी रिश्ते के...!" मिसेज दीवान बोली।

" आप अपनी हद भूल रही है मिसेज दीवान..!! आप मेरी बेटी के बारे में कुछ भी उल्टा सीधा नहीं बोल सकती।" साधना नाराज हो उठी।


"प्लीज मम्मी आप यह बिना मतलब की बात है क्यों कर रही हो? मुझे मानसी पसंद है और फिर हम यहां सिर्फ मानसी के साथ रिश्ता जोड़ने के लिए आए थे।" आरव बोला।

" तुम चुप रहो...!! तुम्हें कुछ भी नहीं पता है और दुनियादारी की समझ नही। और अगर शादी होगी तो इसी शर्त पर होगी कि संजना की शादी अक्षत से होगी और इसकी पहली पत्नी कहां है कौन है हम नहीं जानते पर इसकी पत्नी सिर्फ और सिर्फ संजना रहेगी..!! समझ गए आप लोग..!" मिसेज दीवाना बोली।

"आंटी जी पर मुझे यह रिश्ता मंजूर नहीं है...!! तभी मनु की आवाज आई तो सब ने उसकी तरफ देखा।

"आपने ये क्या तमाशा लगा रखा है..? जब से सुन रहि हुं की आप अब थमेगी अब रुकेंगी पर आपकी तो कोई लिमिट ही नही...! आप क्या मुझे रिजेक्ट करेंगी मैं अपको खुद रिजेक्ट करती हुं। आप मेरे लायक नही।" मनु बोली तो मिसेज दिवान और संजना की आंखे बड़ी हो गई तो वहीं अक्षत मुस्करा उठा।

"मैं कोई चीज हूं क्या या यहां एक्सचेंज ऑफर चल रहा है कोई कि एक चीज दोगे और दूसरी चीज ले जाओगे...?" मनु बोली।

अक्षत के चेहरे पर मुस्कुराहट और बढ़ गई।

" जीती जागती लड़की हूं मैं। जिसकी भावनाएं है जिसकी फीलिंग्स और हां आपके बेटे से भी बड़ी कम्पनी है मेरी आरव के एरिया में ही आहूजा एंड आहुजा के नाम से आरव को पटा ही होगा जिसे अंकल देखते है पर हमने पैसे और पोजिशन की घमंड नहीं दिखाया आपको..?" मनु बोली तो आरव ने गहरी सांस ली।


" और अनाथ कोई खुद की खुशी से नही होता और यूं बार-बार मुझे अनाथ अनाथ बोलती जा रहि है आप। शर्म आनी चाहिए आप मुझे अनाथ बोल रही हैं और जब पापा आपसे मिलने गए थे तब पापा ने मुझे बताया था कि आप बड़े ही इंटरेस्ट से पूछ रही थी कि मेरे मम्मी पापा ने मेरे लिए क्या छोड़ा है...? तो आपको बता दूं की अच्छी खासी प्रॉपर्टी छोड़ी है पर क्योंकि मैं अनाथ हूं तो इस हिसाब से आपके घर की बहू बनने के लायक नहीं हूं।" मानसी बोली।


"मानसी आई "म सॉरी ।।।" आरव बोला ।


" आराव प्लीज अब आप बीच में ना ही बोले तो बेहतर होगा, क्योंकि आपने यहां पर कोई भी मिस बिहेव नहीं किया है न ही कोई बदतमीजी की बात की है। और मैं नहीं चाहती कि मेरी किसी भी बात से आप हर्ट हो या आपको लगे कि मैने आपके साथ बदतमीजी की है। पर आपकी मम्मी पापा और आपकी बहन का जो व्यवहार है उसके हिसाब से वह यही डिजर्व करते हैं कि उन्हें धक्के मार के घर से निकाल दिया जाए..!" मनु ने कहा तो अरविंद ने उसके कंधे पर हाथ रखा।



" यही तो मैं कह रही थी अनाथ लड़की है दूसरों के घर में रह रही है संस्कार सीख कुछ है ही नहीं इसके अंदर तो...!! आखिर दिखा दीया न इसने ..!!" मिसेज दीवान बोली।।

" जितने मेरे अंदर संस्कार है जितनी मेरे अंदर सीख है उसका अगर चौथा हिस्सा भी आपमें और आपकी बेटी में होता तो आप आज इस तरीके की बातें नहीं करती, और खबरदार जो मेरी परवरिश पर प्रश्न चिन्ह उठाया तो..!! मुझे अरविंद चतुर्वेदी और साधना चतुर्वेदी ने पाला है और उनके और इस घर के बच्चों के ऊपर कोई उंगली उठा दे इतनी किसी की औकात नहीं है। और हां मैं अनाथ हूं या ना हुं पर इतना मैं जानती हूं कि मुझे अपने घर की बहू बना के ले जाएं इतनी आपकी हैसियत नहीं। इसलिए अच्छा होगा कि आप यहां से चले जाए क्योंकि मुझे न हीं आप पसंद है क्योंकी आप निहायती घटिया और बदतमीज है ..! ना ही आपका परिवार पसंद है क्योंकि आप का परिवार लालची है और असंस्कारी भी। और ना ही आपका बेटा पसंद है क्योंकी गलत बात होते हुए अपनी आंखो के आगे भी जो न बोल पाए न रोक पाए ऐसे बिना रीड की हड्डी वाले लडके के साथ शादी मुझे मंजूर नही।" मनु बोली।

क्रमश:

डॉ. शैलजा श्रीवास्तव


तो भाई एक धमाका मनु ने कर दिया है और अब तो धमाके पर धमाके होने ही है। तो बस पढ़िये फॉलो कीजिये और कमेंट भी