Bhayanak Yatra - 1 in Hindi Horror Stories by नंदी books and stories PDF | भयानक यात्रा - 1

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भयानक यात्रा - 1

उसका शरीर शिथिल हो चुका था, आंखो में डर और बोलने की ताकत भी नही रही थी।
सतीश ने जूली को देखा तो हक्काबक्का रह गया,बिंदास रहने वाली लड़की अचानक से ऐसी हालत में देख के इसके मन में बहुत से सवाल आ रहे थे।

डिंपल देख यार तुझे तो आना ही पड़ेगा , वैसे भी 2 साल हो चुके है हमे मिले हुए और अभी सबको 3 दिन की छुट्टियां है सब मिल रहे है हम कुछ प्लान कर रहे है,बर्मन ने कहा।
डिंपल ने बोला देख यार मेरा बॉस ना छुट्टियां वाले दिन भी काम करवाता है लेकिन कोशिश करूंगी की में सबके साथ आ पाऊं।
हां लेकिन कैसे भी तुझे तो आना ही है -बर्मन ने कहा।

सतीश, जूली,बर्मन,डिंपल,विवान और हितेश कॉलेज के ऐसे दोस्त जिससे हर कोई परिचित था। क्यू ना हो टॉपर्स भी वो और बैकबेंचर्स भी,कॉलेज का नाम रोशन करने वाले भी वो और कॉलेज में मस्तियां करने वाले भी वो।
4 साल पहले सबकी कॉलेज पूरी होने के बाद सबको कही न कही अच्छी जॉब लग चुकी थी।
विवान और हितेश का खुद का बिजनेस था,
डिंपल आईटी डिपार्टमेंट में काम करती थी,जूली मॉल में सुपरवाइजर थी ,और सतीश होटल में जाना पहचाना शेफ था, हालाकि बर्मन के पास कोई काम नहीं था लेकिन सबसे ज्यादा अमीर वही था क्यू की उसके पापा लैंडलॉर्ड थे।

3 दिन के ट्रिप के लिए सबको बर्मन ने फोन कर दिया था,डेस्टिनेशन था गोलकुंडा किला, हैदराबाद।।

बर्मन सबको जैसे बता रहा था वैसे ही अपने आप को भी समझा रहा था ,देख बर्मन 3 दिन है धांसू ट्रिप बना दे, कॉलेज में जो हल्लाबोल करते थे वही करना है,बस लाइफ को फिर से जीना है और वो मन ही मन मुस्कुराने लगा।

(ट्रिप जाने के दिन सुबह)

सफर पे निकलते सब सामान चेक करने के बाद बर्मन ने एक के बाद एक सबको कॉल लगाया और सब रास्ते में थे,और सतीश तो बस उसके सामने गाड़ी से उतरा ही था,
कुछ ही देर में सब आ गए सिर्फ डिंपल को छोड़कर।

ये डिंपल का ना हर बार का है,हमेशा लेट लतीफ है इसीलिए हम उसको लेट लतीफ बुलाते है कभी टाइम से आती नही है,और थोड़ी देर में ऑटो में से डिंपल उतरी।

लो जी आ गए हमारे लेट लतीफ🤣, विवान ने कहा और सब एकसाथ हस दिए।
सब ने एक दूसरे को चीयरअप किया और निकल पड़े एक अनजान सफर में।उनको पता नही था की ये सफर उनके लिए कुछ अलग सा होने वाला है।
बर्मन ने गाड़ी का जुगाड पहले से ही कर लिया था सबके लिए ,सब अपने अपने समान के साथ गाड़ी में बैठ गए।अब इंतजार था तो बस गोलकुंडा पहुंचने का,6 घंटे के सफर के बाद सब पहुंच गए गोलकुंडा के पास में बुक किए हुए होटल पे।
चेक इन करके सब अपना सामान रखने चले गए,
शाम तक सब ने अच्छे से आसपास का बाजार घूमा और दूसरे दिन जाना था गोलकुंडा किल्ले पे।
रात को खाना खाने के बाद होटल के बाहर के हिस्से में बैठके पुरानी बाते करके यादों को ताजा करने लगे, ड्रिंक्स और सिगरेट के मजे लेते हुए अंताक्षरी और गेम्स खेलने लगे,
,सुना है किल्ले पे कई बार भूत का एहसास हुआ है -हितेश ने कहा।
हां यार सुना तो मेने भी है लेकिन हमे क्या ?हम तो दिन में जाने वाले है सब होंगे वहा तो डरने की कोई बात नही है–बर्मन ने कहा।

हां यार चलो रात ज्यादा हो गई है से जाते है,
और सब ड्रिंक की वजह से लड़खड़ाते रूम तक पहुंच के सीधा बेड पे सो गए।
बर्मन ने सबको जल्दी उठा दिया ,और फ्रेश होके सब चल पड़े एक किल्ले पे जो था लोगो के नजर में डरावना।
सुबह 8 बजे लोग पहुंच गए थे किल्ले पे और वह देखे तो बहुत सारे लोग किल्ले में विजिट के लिए जा ही रहे थे,दिन का समय था की गाइड लेके आया था तो कोई किताबो में से इस किल्ले का इतिहास जान के आया था,किसी को बुजुर्ग ने बताया था किल्ले के बारे में तो किसी को लोगो से पता चला हो।
किल्ले पे हालाकि सुबह 7 बजे के बाद भीड़ लगनी शुरू हो ही जाती थी लेकिन शाम को ५:५० को दरवाजे बंद करना चालू कर देते थे,प्रवासी लोगो के सुरक्षा के खातिर ये नियम बनाया गया था।

किल्ले में जाते ही हितेश ने मजाक में कहा ,देखना कोई चुड़ैल न आ जाए!
और अचानक से जूली ने बड़ी बड़ी आंखे करके हितेश को कहा तू मेरा मजाक बना रहा है,आवाज थोड़ी डरावनी लग रही थी,सब अचानक से डर गए ऐसे जूली को देख के ,,,,और दूसरे ही पल जूली ने हसते हुए कहा
क्यू डर गए ना।
सबको पहले तो समझ नही आया की जूली ने ऐसा किया क्यू,लेकिन बाद में सब जूली को देख के हसने लगे गए! लेकिन हितेश बोला – क्या यार जूली,मेरी तो हालत खराब हो गई थी तुजे ऐसा देख के मुझे लगा सच में तुज़मे कोई आ गया है।
सब हितेश के सामने देख के हसने लग गए,हितेश को पसीना आ चुका था।

सब जब किल्ले के अंदर गए तो कुछ लोग गाइड लेके आए थे,गाइड समझा रहा था किल्ले के बारे में और उसके पीछे सब चल रहे थे,बाते सुनाई दे रही थी तो सब ने किल्ले के बार में जान ने के लिए वो गाइड के पीछे ही चलना बेहतर समझा।
किल्ले के अंदर रानी का कमरा था, वहा एक गाइड रूक गया ,और थोड़ी देर तक वहा देखने के बाद बोला – यहां आसपास रहने वाले लोग मानते है की इस किल्ले में राजा के मर जाने के बाद रानी को भी राजा के साथ इसी किल्ले में दफन कर दिया गया था,और तब से रानी की आत्मा इस किल्ले में रात को आती है,कई बार रानी के नृत्य करने की या फिर उनके चलने की आवाज बहुत लोगो ने सुनी है।इसीलिए रात को यहां कोई रुकने की हिम्मत नही करता है।

और ,गाइड आगे बढ़ गया,उनके पीछे सबने पूरे किल्ले के बारे में जान लिया।किल्ले के पास में एक छोटे से चाय की टपरी थी ,किल्ले में घूमने की वजह से सब थकान महेसुस कर रहे थे तो सब ने चाय पीना पसंद किया,बर्मन को छोड़ के।बर्मन हमेशा कैपचिनो पीना पसंद करता था,लेकिन चाय की टपरी पे वो था नही। बर्मन वाशरूम की तरफ जाने लगा,सब चाय पी रहे थे शाम के 5:00 के आसपास समय हो चुका था,चाय नाश्ता करके वो बस निकल ने ही वाले थे तब विवान ने देखा बर्मन अभितक लौटा नही है। गांव था तो सबको लगा की बर्मन कहीं वाशरूम जाके वहां के मौसम को देखने रूक गया होगा ।लेकिन काफी देर तक बर्मन ना आने की वजह से सबकी आंखों में चिंता दिख रही थी।

किल्ले के बंध होने में बस १५ मिनट की देर थी,सबने बर्मन जिस और गया था वहीं जाके नजदीक में देखा तो बर्मन वहां नही था,जूली और डिंपल चले गए किल्ले के अंदर ढूंढने के लिए ।थोड़ी देर बाद सब ,सब जगह ढूंढ के वापिस आए लेकिन बर्मन कहीं मिला नही।

बर्मन अचानक कहां चला गया,,, फिर वो रास्ता भटक गया था??या कुछ और हुआ है बर्मन के साथ??
पढ़ते रहिए,,,,