Merry Christmas in Hindi Film Reviews by S Sinha books and stories PDF | मेरी क्रिसमस - फिल्म समीक्षा

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मेरी क्रिसमस - फिल्म समीक्षा

 

                                         फिल्म समीक्षा - मेरी  क्रिसमस  

जनवरी 2024 में  एक हिंदी सस्पेंस थ्रिलर मूवी “ मेरी क्रिसमस “ रिलीज हुई थी जो अब OTT पर Netflix पर भी उपलब्ध है  . हालांकि फिल्म की कहानी के लेखक श्रीराम राघवन ( साथ में पूजा सूरति    , अरिजीत विश्वास और अनुकृति पांडे ) हैं पर दरअसल यह फिल्म फ्रेंच लेखक फ्रेड्रिक डार्ड के उपन्यास “ Le Monte  Charge  यानि बर्ड इन ए केज , Bird in a Cage “ पर आधारित है  .  इसके निर्माता रमेश तौरानी , संजय राउतराय और केवल गर्ग हैं और निर्देशक श्रीराम राघवन हैं  . निर्माता रमेश तौरानी को इस फिल्म के लिए  “ टिप्सी फिल्म “ का नया ब्रांड  मिला है  . 

जो भी हो बहुत दिनों के बाद सस्पेंस फिल्मों के शौक़ीन दर्शकों को एक अच्छी हिंदी  सस्पेंस थ्रिलर मूवी “ मेरी क्रिसमस “ देखने को मिली है  . वैसे यह फिल्म तमिल भाषा में भी है  . 

मुख्य कलाकार - विजय सेतुपति , कैटरीना कैफ , टीनू आनंद , संजय कपूर , विनय पाठक और राधिका आप्टे  हैं  . 

फिल्म की कहानी -  “ मेरी क्रिसमस “  मुंबई में एक क्रिसमस की रात की  रोमांचक एवं थ्रिलर मूवी है , तब मोबाइल नहीं हुआ करता था  . क्रिसमस की रात की पार्टी में एक रेस्ट्रॉन्ट में अल्बर्ट ( विजय सेतुपति ) और मारिया ( कैटरीना कैफ ) की मुलाकात होती है , दोनों प्यार में लूजर हैं  . मरिया अपनी गूंगी बेटी एनी से साथ गयी है  . अपने पति के साथ उसका रिश्ता ख़राब था  . वह वहां किसी के बुलाने  पर डेट पर जाती है  पर बच्ची को देख कर वह आदमी भाग जाता है  .  कुछ देर बाद दोनों पुनः एक थियेटर में मिलते हैं और उसके बाद मारिया को मदद करने के लिए अल्बर्ट उसके घर तक छोड़ने जाता है  .  क्रिसमस ट्री पर खुद का ख़रीदा हुआ ‘ बर्ड इन केज ‘ खिलौना वह टांग देता है  ताकि एनी उसे सांता क्लॉज़ का गिफ्ट समझे . एनी को सुला कर मरिया और अल्बर्ट  दोनों ड्रिंक और डांस करते हैं फिर  घूमने निकलते हैं  .  मारिया अपने पति से खराब रिश्तों की कहानी अल्बर्ट को सुनाती  है  .  वापस आने पर मारिया अपने पति जेरोम , जिसने अपने सीने में खुद गोली मार ली है , को सोफे पर मृत देखती है  . पहले अल्बर्ट ने खुद को दुबई रिटर्न आर्किटेक्ट बताया था , अब उसने कहा कि अपनी प्रेमिका रोजी ( राधिका आप्टे ) की हत्या के जुर्म में सात साल की सजा काट कर कुछ ही समय पहलेआया है  . हालांकि मन ही मन वह मारिया को चाहने लगा है पर  वह और झंझट में नहीं पड़ना चाहता है इसलिए वहां से निकलने के पहले अपनी मौजूदगी के सभी निशानियाँ  मिटा देता है  . 

एक स्टाल पर कॉफ़ी  पीते समय  अल्बर्ट ने मारिया को एनी के साथ जाते देखा  . मारिया फिर बेटी के साथ चर्च मिडनाइट मास में जाती है जहाँ वह बेहोश होने का बहाना बनाती है और वहां उसकी मदद करने एक शादीशुदा आदमी रोनी ( संजय कपूर ) आता है , वहीँ उसे अल्बर्ट भी मिलता है  .  वे मारिया के घर आते हैं  . अल्बर्ट को वहां डेड बॉडी और बर्ड इन केज  न देख कर आश्चर्य हुआ  .  रोनी का इरादा अकेली मारिया के साथ रात गुजारने का था  . वहां मारिया ने वही सब कुछ किया जो अल्बर्ट के साथ - ड्रिंक , डांस फिर बाहर घूमना  . जब मारिया एनी को सुला कर आयी तो अल्बर्ट ने क्रिसमस ट्री पर पुनः बर्ड इन केज को देखा  . रोनी ने बाहर घूमने जाते समय अल्बर्ट को रास्ते में छोड़ दिया  . पर यह चुपचाप पीछे की सीढ़ी से मारिया के घर में आया  . अल्बर्ट ने डेड बॉडी को वापस  ठीक उसी जगह पाया  . तब तक मारिया घूम कर लौटने  पर एनी को सुलाने बेबी के रूम में गयी जहाँ उसे अल्बर्ट मिला  . उसने अल्बर्ट को डांटते हुए निकल जाने को कहा  . इधर रोनी ने मारिया के पति हो मृत देखा . रोनी ने पुलिस को बुलाया  .  जब अल्बर्ट पीछे से भाग रहा था उसने नीचे पुलिस की गाड़ियां देखी  . वह डर कर वापस अंदर जाना चाहा पर डोर अंदर से लॉक देख कर ऊपर के फ्लोर पर गया . वहां भी रूम हूबहू नीचे जैसा ही था , सिर्फ एक सोफे और जेरोम की डेड बॉडी को छोड़ कर  . मारिया जब ऊपर गयी तब  अल्बर्ट को देख कर वह टूट गयी और जेरोम को मारने की बात कबूली  . दोनों ने मिलकर दूसरा डुप्लीकेट दिखने वाले रूम को नष्ट कर देना ठीक समझा , इसी दौरान अल्बर्ट को रोनी का वॉलेट मिला  .  शक के आधार पर शुरू में पुलिस रोनी को अरेस्ट करती है  .  बाद में   पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर परेश कामदर ( विनय पाठक ) उन्हें जाने को कहता है पर शहर से बाहर नहीं  .  पुलिस ने सभी को पुलिस स्टेशन बुलाया . अगले दिन अल्बर्ट रोनी का वॉलेट लौटाने चर्च जा रहा था  . 

पूछताछ के दौरान रोनी ने कहा कि  उसने जानबूझ कर वॉलेट मारिया के यहाँ छोड़ा था ताकि उसे दुबारा मरिया से मिलने का बहाना मिले  . उसने अल्बर्ट का नाम लिया तो  पुलिस ने अल्बर्ट को भी बुलाया . पुलिस सभी का लिखित स्टेटमेंट ले रही थी . .  पुलिस को किसी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिल सका  इसलिए इसे सुसाइड का मामला समझ कर केस बंद  करने वाली थी  .

सभी जाने ही वाले थे कि एनी का बर्ड इन केज वाला खिलौना छूट गया था जिसे खोजते वह इंस्पेक्टर की टेबल पर गयी  .इंस्पेक्टर से  खिलौना पा कर एनी बहुत खुश और उत्तेजित हुई और इसे किसने दिया है पूछने पर उसकी आवाज वापस आयी और उसने अल्बर्ट की ओर इशारा कर कहा ‘ सांता ‘ ने   . जहाँ एक तरफ बेटी की आवाज  वापस आने पर मारिया बहुत ख़ुश थी वहीँ दूसरी तरफ पुलिस को जेरोम की हत्या का  संदेह उस पर हुआ  . वह अंदर से डरी थी  . तभी आगे बढ़ कर अल्बर्ट ने रोनी का वॉलेट वापस कर हत्या के समय अपनी मौजूदगी दिखा कर मारिया को बचा लिया   . दरअसल मारिया ने एनी को अपने ही पति से बचाने के लिए उसे ऐसी मौत दी थी जो आत्महत्या लगे   . उसने मारिया को वेडिंग रिंग पहना कर अपने प्यार का सबूत देते हुए अपनी क़ुर्बानी दी ताकि एनी अनाथ न हो जाय और मारिया  अपनी बेटी के साथ रहे  . 

एक तरफ जहाँ अल्बर्ट के जेल जाने के बाद मारिया से उसका रिलेशन दर्शकों की नजर में अस्पष्ट रहा है दूसरी तरफ असली खूनी बच गया है  .  कैटरीना कैफ ने इस फिल्म में अपनी  फ़िल्मी कैरियर  का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया है  .उनका बॉडी लैंग्वेज , उनके डायलॉग और एक्टिंग सभी सशक्त हैं  .  विजय सेतुपति का अभिनय भी दमदार रहा है उन्होंने बहुत कम बोल कर भी सराहनीय भूमिका निभाई है  . आरम्भिक दृश्य को छोड़ कर उस के बाद कैटरीना पूरी फिल्म में एक ही ड्रेस में नजर आयी हैं और विजय तो मात्र एक ही ड्रेस में पूरी फिल्म में रहे हैं  .   कुल मिला कर निर्देशन भी सफल रहा है  . 

“  मेरी क्रिसमस “ एक दर्शनीय फिल्म है और मूल्यांकन की दृष्टि से  व्यक्तिगत रूप से 10 में 7 अंको की  हक़दार है  . 

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