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तलाश
वो कुक? उसका मेरे पति से क्या लेना देना?
यह तो हमारे साथ जाकर पता चलेगा? श्याम ने सख्ती से कहा l
राजीव ने मालिनी की तरफ देखते हुए कहा, तुम परेशां मत हो l
कैसे परेशां न हूँ, मैं भी आपके साथ चलूँगीl
नहीं, मैं अकेले ही जाऊँगा, तुम घर पर ही रहोl उसने उसे समझाते हुए कहाl
जीप में बैठे-बैठे वह सोच रहा है, जमाल ने उसे जान से मार दिया, लेकिन हमारी तो यह बात नहीं हुई थी l
उसके सामने वो पल लगा, जब वो जमाल से मिला था l
समझ गए न तुम्हें क्या करना है ?
हाँ, बिलकुल समझ गया l
देखो! उसे बस इतना डरा दो कि मेरा नाम उसकी जबान पर न आने पाए l
कहा तो है, आपका काम हो जायेगा l अगर आपको भरोसा नहीं है तो रहने दें l उसने उसके पैसे वापिस करते हुए कहा l
अरे ! नहीं ऐसी बात नहीं है l तुम मुझे उस औरत से छुटकारा दिलवा दो l
तभी पुलिस की गाड़ी पर ब्रेक लग गई और उसे बाहर निकाला गया l स्टेशन के अंदर आते ही उसे पूछताझ वाले कमरे में ले जाया गया l जहाँ रुद्राक्ष पहले से ही बैठा, उसका इंतज़ार कर रहा हैl
आइए, मिस्टर राजीव l राजीव के चेहरे पर घबराहट है l उसे लग रहा है कि यहाँ से वह सीधा जेल जाएगा l उसने खुद पर काबू पाते हुए कहा,
पूछिए, क्या पूछना है l
आपके और नंदनी के बीच क्या चल रहा था?
कुछ नहीं , वह मेरी कुक थी l
झूठ बोलना बंद करें, सिर्फ वो आपकी कुक नहीं थींl आपकी व्हाट्सअप चैट की सारी डिटेल्स हमारे पास हैl
जब उसने यह सुना तो उसकी हालत ख़राब हो गई l उसे पसीना आने लगा l
उसने फ़िर राजीव को घूरकर देखते हुए कहा, श्याम उसे हाज़िर करो l
उस आदमी को लॉकअप से लाया गया, अपने सामने जमाल को देखकर वह हैरान हो गया l
जमाल ने हमे सब बता दिया है, अब तुम बताओ l
क्या बता दिया है, यही कि तुमने उसे नंदनी का क़त्ल करने के लिए पैसे दिए थें l
क्या ! यह झूठ बोल रहा है,
मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था l क्यों बे ! उसने गुस्से में आकर उसका गला पकड़ लियाl पुलिस ने उसे उससे अलग किया और रुद्राक्ष गुस्से में बोला, इसे लॉकर में बंद कर दो l
सर, मेरी बात सुने l मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था l मुझे मेरे वकील से बात करने दें l वह इसी तरह चिल्लाता रहा, मगर उसकी किसी ने नहीं सुनी और उसे लॉकअप में बंद कर दिया गया l
सुबह तन्मय ने स्कूल में राघव को अपना प्लान बताया l रघु, मैंने पापा को कहा है कि हम दूसरे स्कूल के साथ एक मैच खेलने तीन दिन के लिए जयपुर जा रहें हैं l अगर अंकल को पता चल गया तो मेरे दादाजी को भी पता चल जायेगा, फिर हमारी खैर नहीं l
तुझे यह किसने कहा कि तू जा रहा है l
क्या मतलब ? मैं अकेला जा रहा हूँ l मैं तुझे साथ ले जाने का रिस्क नहीं ले सकता l तुझे पता भी है, कैसे जाना है? ग़ाज़ियाबाद का एक कोना है, और तो और इतना खतरनाक इलाका है कि तू सोच नहीं सकता l
जो भी हो, मैं अकेले ही जाऊँगा l
मैं तुझे अकेले नहीं जाने दूँगा l
रघु, ज़िद मत कर, तूने बहुत साथ दिया लेकिन अब और नहीं l प्लीज ज़िद मत कर l उसने रघु को गले लगाते हुए कहा l
मालिनी दनदनाती हुई पुलिस स्टेशन पहुँच गयी और रुद्राक्ष पर चिल्लाते हुए बोली, मेरे पति को यहाँ रखने का क्या मतलब बनता है l
रुद्राक्ष ने उसका रैवैया देखते हुए कहा, लगता है, आपको सच का पता नहीं है तो लीजिए सुनिए,
एक तो उनके नंदनी के साथ नज़ायज़ सम्बन्घ थें, दूसरा उन्होंने उसे मरवाने के लिए एक आदमी भेजा था l यह सुनकर मालिनी की आँखों के आगे अँधेरा छा गया l उसे यकीन नहीं हुआ, अब वह चिल्लाकर बोल पड़ी, ऐसा नहीं हो सकता l हरिलाल, जाओ इन्हे इनके पति से मिलवाओ l वह उसे राजीव के पास ले गया l एक ही रात में उसका हुलिया बदल चुका था l सूजी आँखे, चेहरे पर परेशानी, हाथ-पैर शिथिल पड़े हुए हैं l मालिनी उसे देखते ही उस पर चिल्लाई, "क्या यह सच है? " उसने नज़रे झुकाई और बड़ी हिम्मत करके बोला, मालिनी मेरा यकीन करो, मैंने नंदनी को नहीं मरवाया l मुझे पूरा यकीन है, तुम कुछ भी कर सकते हों l वह नफरत से उसे देखते हुए वहाँ से चली गई l थोड़ी देर बाद, रुद्राक्ष ने रूपम से पूछा, सिद्धार्थ कहा है? साहब तो अभी तक नहीं आए l लगता है, यह आज ही नैना के कातिल को पकड़ लेगा l
तन्मय ने पहले मेट्रो ली, उसने मेट्रो से राघव को मैसेज किया, यार! पापा को कुछ भी पता न चले, सब संभाल लियो l अब पेंतालिस मिनट की यात्रा के बाद वो सबसे आखिरी स्टेशन पर पहुँच गया l उसने वहाँ से पब्लिक ऑटो लिया और उसने उसे एक मोड़ पर उतारते हुए कहा, इससे आगे कोई ऑटो नहीं जाता l वैसे भी यह खतरनाक ईलाका है l तुम पता नहीं, अकेले क्यों जा रहें हो l अगर जरूरी न हो तो यहाँ से वापिस चले जाओ l उसने उसे समझाते हुए कहा l नहीं, भैया, मैं चला जाऊँगा l उसने उसे पैसे दिए और बड़ी सावधानी से इधर-उधर देखता हुआ, उस रोड पर चलने लगा l जहाँ आसपास सिर्फ ट्रक ही ट्रक खड़े हैं तथा एक दो मजदूर उसे काम करते हुए दिख रहें हैं l उसने गूगल मैप देखा तो उसे अभी और चलना था l
अभिमन्यु मॉल में बैठा, नए प्रोडक्ट लॉन्च के बारे में वेंडर से मीटिंग कर रहा है l तभी वहाँ प्रिया आती है और उसे बिजी देखकर उसका इंतज़ार करने लगती हैl थोड़ी देर में उसकी मीटिंग खत्म हो जाती है तो वह प्रिया को अपने केबिन में आने का ईशारा करता है l
क्या बात है, अब तो तुम्हारा मॉल मिनी मॉल नहीं रहा l
हम्म, अब मैंने साथ वाली दुकानें भी खरीद ली हैं l अब मुझे नए सामान के लिए स्पेस मिल गया है l अब मैं सोच रहा हूँ कि एक दो फ़ूड कोर्ट वालो से भी बात कर लो, ताकि लोग यहाँ कुछ बैठकर खाना भी एन्जॉय कर सकें l
वैसे आईडिया बुरा नहीं है, अच्छा आज डिनर साथ करें?
हाँ, कर सकते हैं, आज तो तन्मय भी नहीं है l टाइम का ध्यान भी नहीं रखना पड़ेगा l
क्यों कहाँ गया हुआ है ?
मैच खेलने जयपुर गया हुआ है l
तन्मय तेज़-तेज़ कदमों से उस रोड को पार कर रहा है l उसके कंधे पर एक बैग है, जिसमें पानी की बोतल और एक-दो कॉपी है l जब उसे लगा कि अब रोड खत्म ही होने वाली है, तभी किसी ने पीछे से उसकी गर्दन पर चाकू रखा, उसका मुँह दबाया और उसे खींचकर कही ले गया और उसकी आवाज गले में ही दबकर रह गई और आँखों के आगे अँधेरा छा गया l