Tanmay - In search of his Mother - 55 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 55

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Tanmay - In search of his Mother - 55

55

आत्मा

 

राजीव को नंदनी का फ़ोन आया तो उसने आने से मना करते हुए कहा,

 

मैं अपनी बहन  के जा रहीं  हूँ, वापिस आकर बात करेंगेI

 

अरे! आज मिलने का तय हुआ था , उसका क्या होगा?

 

तुम पैसे ट्रांसफर कर दो न ?

 

तुमने मेरे अकाउंट में  कुछ छोड़ा हैI मुझे अपने दोस्त से पैसे माँगने होंगेI एक से बात हुई  है, वो आज देता तो मैं तुम्हें रुपए देताI उसने उसे समझाते हुए कहाI

 

ठीक है, वापिस आकर मिलते हैंI वो फ़ोन रखती, उससे पहले ही राजीव बोल पड़ा,

 

सुनो ! नंदनी, मैं  कहता हूँ, अब बस करो यार ! जो हो गया, सो हो गया , उसे भूल जाओI

 

ऐसे कैसे भूल जाओ, न मैं भूलूंगी और न ही तुम्हें भूलने दूँगीI उसने यह  कहते हुए फ़ोन काट दियाI राजीव को उस पर गुस्सा  आ रहा है, मगर वह कर भी क्या सकताI उसने बुझे मन से जमाल को फ़ोन करके, नंदनी के न आने के बारे में  बतायाI वह फ़ोन रखकर अपने बिस्तर पर आँख बंद करके लेट गया I तभी मालिनी  आ गई, उसने उससे कहा, मैं तुम्हें कई दिनों से देख रहीं  हूँ, तुम परेशान लग रहें हों, अब तो नैना भी वापिस आने वाली हैI उसने उसे तंज किया, जिसे राजीव समझ भी गयाI उसने मुँह बनाते हुए कहा,

 

नैना सिर्फ मेरी पड़ोसी है और अच्छी बात है कि वह वापिस  आ रही हैI

 

हाँ, अच्छी बात है पर मुझे लगता है कि  वह अब अभिमन्यु जी के साथ नहीं रहेंगीI  राजीव उसके  चेहरे को ताकने लगाI

 

हाँ, सच कह रही हूँ, ऐसे क्यों देख रहें होI अब तुम बताओ कि क्या बात है? उसने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहाI

 

उसने उसका हाथ  उठाते हुए जवाब दिया ,कुछ नहीं, बस काम की टेंशन हैI यह कहकर वह  बॉलकनी में  रखी  कुर्सी पर बैठ गयाI

 

रुद्राक्ष ने पुलिस स्टेशन में  अभिमन्यु को बुलाया, इस तरह अचानक बुलाए जाने से वह परेशान  हो गयाI उसने फ़ोन पर पूछा भी कि क्या बात है, मगर उसने कुछ नहीं बतायाI अभिमन्यु के आते ही उसे डेडबॉडी रखे रूम में  ले गएI    

 

अभिमन्यु ने मुँह पर रूमाल रखकर उसे देखा तो उसकी आँख भर आईI  पुलिस ने नैना की ज्वेलरी दिखाईI  उसका पर्स दिखाया तो उसकी रुलाई फूटने को हुई I   रुद्राक्ष ने उसे सँभालते हुए कहा,

 

मिस्टर सिंह, आपको तन्मय को भी संभालना हैI  अभिमन्यु को किसी तरह कुर्सी पर बिठाया गयाI  उस पानी दिया गयाI  क्या आपको किसी पर  शख हैI

उसका तो दिमाग ही सुन्न हो गया हैI  उसने बड़ी मुश्किल से न में सिर हिलाया और भरी आवाज में  बोला,

 

आप पता लगाये कि  किसने मेरी नैना के साथ ऐसा कियाI  थोड़ी देर की पूछताझ के बाद अभिमन्यु घर भेज दिया गयाI  घर जाकर उसने बड़ी मुश्किल से तन्मय  को संभाला, मगर उसका रो-रोकर बुरा हाल हो रहा हैI  राघव उसके साथ ही रहाI  तीन दिन बाद डेड बॉडी दे दी गई और फिर नैना का संस्कार किया गयाI सभी रिश्तेदार और आस पड़ोस अभिमन्यु को सांत्वना देकर चले गएI  प्रिया अभिमन्यु के पास ही रुकीI  तन्मय को राघव के दादा-दादी अपने घर ले गएI  आधी रात का समय है, तन्मय बड़ी मुश्किल से  सोया है, तभी  सपने में  वह अपनी मम्मी नैना को देखता है, नैना उसे बुला रहीं हैI 

 

तन्मय ! तन्मय ! इधर आओ, बेटाI

 

तन्मय जाकर उससे लिपट जाता हैI  मम्मा, आप मुझे छोड़कर नहीं जा सकतीI 

 

मैं कही नहीं गई हूँI  वह उसके आसूँ पोंछती हैI 

 

सब कह रहे है, आप मर गईI

 

तुम्हें क्या लगता है,

 

मुझे पता है, आप मुझे छोड़कर नहीं जा सकतीI 

 

मेरे बच्चे मैं कही नहीं गई हूँ  और एकदम से नैना चली जाती हैI

 

मम्मा ! मम्मा ! तभी तन्मय की आँख खुल जाती है और उसक साथ राघव भी जाग जाता हैI

 

तनु, कोई सपना देखा क्या,

 

हाँ, रघु, मुझे लगता है कि मेरी मम्मी ज़िंदा हैI 

 

पर यह कैसे हो सकता है?

 

कुछ भी हो, मेरा मन नहीं मान रहा I 

 

पर हम क्या कर सकते हैंI  तन्मय सोचने लग गया, तभी उसकी नज़र टेबल पर रखी, अपनी टीम की ग्रुप फोटो पर गईI  उसे देखकर वह बोल पड़ा,

 

रघु तूने एक बार बताया था कि यह सोहन की बहन रश्मी दीदी ने आत्मा को बुलाना जानती  हैI

 

तू कहना क्या चाहता है?

 

यही कि मुझे सोहन की दीदी से मदद चाहिएI

 

ठीक है, कल सुबह उससे बात करते हैंI 

 

अगली सुबह पुलिस स्टेशन में  खलबली मची हुई हैI  रुद्राक्ष और शिवांगी के साथ श्याम भी नैना मर्डर केस के बारे में  बात कर रहें हैंI

 

सर आपको क्या लगता है, किसने मारा होगा?

 

हो सकता है, नैना जिसके साथ हो , उसी ने मारा होI मुझे लगा था कि  नैना का केस  सॉल्व हो गया, मगर यहाँ तो गुत्थी उलझती जा रहीं हैंI  रुद्राक्ष ने पेपर वेट घुमाते हुए कहाI

 

तभी किसी के आने की आहट ने उन्हें चौका दियाI  सबने दरवाजे की तरफ देखा तो इंस्पेक्टर सिद्धार्थ शुक्ला खड़ा हैI  35-36 साल के सिद्धार्थ का गठीला शरीर, गेहुआ रंग और चेहरे पर दाढ़ी हैI उसने रुद्राक्ष से हाथ मिलाया और शिवांगी और श्याम ने भी सिर हिला दियाI

 

रूद्र, बहुत दिनों बाद एक केस में  साथ काम करने वाले हैI

 

एक केस में ?

 

कमिश्नर सर ने मुझे नैना मर्डर केस की छानबीन के लिए भेजा हैI अब तीनो एक दूसरे का चेहरा देखने लगेI  रुद्र ने चिढ़कर जवाब दिया

 

मुझे सर से यहीं उम्मीद थीI

 

स्कूल में  तन्मय ने सोहन से मदद मांगी, पहले तो उसने मना कर दिया, मगर तन्मय की दयनीय हालत को देखकर उसने हाँ कह दीं और उसे आज रात अपने घर आने के लिए  कह दियाI 

 

रात को तन्मय सोहन के घर अकेला जाना चाहता था, मगर  राघव ने उसे जाने नहीं दियाI  दोनों  दोस्त सोहन के कहने पर घर की बेसमेंट में  पहुँचेI  जहां रश्मी  एक  कार्डबोर्ड पर सिक्का और मोमबत्ती जलाए उनका इंतज़ार कर रहीं थींI  बेसमेंट में  अंधेरा है, उसकी  दीदी ने कहा भी अगर वह डर रहें है तो वापिस  चले जाएI मगर उन्होंने मना कर दिया और फ़िर तीनो ने एक सिक्के पर हाथ रखा और तन्मय ने सवाल किया," क्या  मेरी मम्मी आपकी दुनिया में है ?"

कुछ  देर की ख़ामोशी के बाद सिक्का कार्डबोर्ड पर लिखे, यस की तरफ बढ़ने लगा और चारो की धड़कने तेज़ हो गईI