Tanmay - In search of his Mother - 53 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 53

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Tanmay - In search of his Mother - 53

53

कातिल कौन?

 

दोनों ने देखा तो सामने रुद्राक्ष  और शिवांगी खड़े हैं।

 

इंस्पेक्टर आप?

 

जी मैं,

 

आइए बैठिए, किशन बिश्नोई ने उसे बैठने का ईशारा किया।

 

हम  यहाँ बैठने नहीं आए,

 

तो फ़िर  किसलिए?

 

उमा बिश्नोई जी आपको हमारे साथ पुलिस स्टेशन चलना होगा। आपके पति का कातिल मिल गया है।

 

यह सुनते ही दोनों हैरानी से उसे देखते हैं। यह  सुनकर  किशन बिश्नोई कुर्सी पर झटके से बैठ  जाता है।

 

क्या हुआ मिस्टर बिश्नोई? सब ठीक है?

 

आपने एक दम से भाई साहब का बताया न तो यह सुनकर थोड़ा  धक्का सा लगा। उसकी ज़बान लड़खड़ा जाती है।

 

चलिए, पुलिस स्टेशन चले। उमा कपड़े बदलने का बोलकर दो मिनट के लिए अंदर गई तो किशन बोल पड़ा,

 

कौन है वो ?

 

वो आपको वहीं  जाकर पता चलेगा। तभी उमा जीन्स और कुरता पहने बाहर  आ गई और दोनों उनके पीछ चलने लग गए।

 

उमा ! अगर सबसे बड़े भाईसाहब हुए तो?

 

मुझे लगता है कि  यह पुलिस वाले हवा में तीर चला रहें हैं। उमा ने धीरे से उसके कान में  कहा ।

 

राजीव को नंदनी का फ़ोन आया। वह उससे  दो लाख रुपए मांगने लगी। उसे इस बात की हैरानी  हुई कि  नंदनी अब  भी उससे  पैस  माँग  रही है। इसका  मतलब  जमाल  ने अब भी अपना काम नहीं किया है। पहले तो उसने मना किया, मगर जब फ़िर उसने उसे  धमकी देना शुरू किया तो वह राज़ी हो गया। उसने नंदनी का फ़ोन रखते ही तुरंत जमाल को फोन मिलाया

 

हाँ , हेल्लो

 

मुझे फिर नंदनी का फ़ोन आया था।

 

उस दिन बचकर निकल गई वो।

 

लेकिन इस दफा नहीं बचनी चाहिये। मैं तुम्हें अड्रेस सेंड कर रहा हूँ , आज यह काम हो जाना चाहिए।

 

ठीक है, कितने बजे जाना है?

 

ठीक शाम को सात बजे। उसने यह कहकर फ़ोन रख दिया और जब पीछे मुड़कर देखा तो मालिनी उसे हैरानी से देख रहीं हैं।

 

पुलिस स्टेशन पहुँचते ही दोनों को एक कमरे में  बिठाया गया। फ़िर  रुद्राक्ष दूसरे पूछताझ वाले कमरे में गया और  कुर्सी पर बैठते हुए बोला, शिवांगी अब उमा  बिश्नोई को भी अंदर  ले आओ। वह उमा को लेकर अपने साथ आई तो उसने कस्टडी में  बैठे अजीत को देखा तो उसकी आँखों को विश्वास नहीं हुआ। हैरानगी से  उसके मुँह से निकला, तुम ?

 

जी यह, हमने इसे  कल रात ही पकड़ा है। इसके प्लान तो देश छोड़कर जाने के थें, मगर यह मुमकिन न हो सका। उसने उमा के चेहरे को पढ़ने की कोशिश की। 

 

आपने ठीक किया, इस आदमी ने मेरी मासूम बेटी का फायदा उठाया और फ़िर उसकी वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर रहा था। इससे तो कड़ी से कड़ी सजा  मिलनी चाहिए। अब उसने नफरत से  अजीत की तरफ देखा, वह भी उमा को घूरकर देख रहा है।

 

बिलकुल मिलेगी, मगर यह बता रहा था कि आपने इसे पासपोर्ट और पैसे दिए थें, देश छोड़ने के लिए।

 

क्या ! वह सकपका गई। यह  बिलकुल झूठ बोल रहा है। आप इस क्रिमिनल की बातों का यकीन कर रहें हैं।

 

नहीं पर प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या ज़रूरत है।

 

हमारी टीम ने कल रात आपका पीछा किया और   जिस लड़के को आपने  पासपोर्ट और  पैस दिए थें, वह भी हमारी कस्टडी में है। तभी रूपम उस लड़के को पकड़कर उनके सामने  ले आया। फ़िर  रुद्राक्ष ने ईशारा किया तो उसे वहाँ से ले गए। अब उमा को काँटो तो खून नहीं। कितनी अजीब बात है न जिस आदमी ने आपकी बेटी से प्यार का नाटक किया, उसके साथ सम्बन्ध बनाते हुए वीडियो बनाई। फ़िर उसी वीडियो से उसको  ब्लैकमेल करते हुए उसका यौन शोषण करता  रहा और तो और आपकी ही बेटी से घर में  चोरी भी करवाई फ़िर भी आप ऐसे क्रिमिनल की मदद को तैयार हो गई। उमा की आंखो के सामने अँधेरा  छाने लगा। वह लड़खड़ाने लगी। उसे शिवांगी ने पकड़कर पास रखी कुर्सी पर बिठा दिया और श्याम रुद्राक्ष के कहने पर अजीत को वहाँ से ले गया ।

 

रुद्राक्ष ने फ़िर उमा की तरफ देखकर बोलना शुरू किया, आपको पता है कि आपके पति राजेन्द्र बिष्नोई को भी  अजीत की सच्चाई पता चल गई  थीं। उस रात वह उससे  वह वीडियो लेने जंगल गए थें, अजीत ने उनसे भी पैसे माँगे थें। वह एक करोड़ लेकर उसके पास पहुंचे, उसने पैसे भी ले लिए, मगर इसने उनका खून कर दिया। इसका  मतलब अजीत कातिल भी है। अब उमा की आँखों में  डर और वहशत दोनों नज़र आ गए। मगर उसने खुद को सँभालते हुए पूछा,

 

आपको यकीन है, अजीत ने ही उन्हें मारा है।

 

बिल्कुल जंगल में जो खून मिला था, वह अजीत और राजेन्द्र दोनों का है। झाड़ियों में पैर उलझने से इसके भी खून निकल आया था। इसने जिस तेज़ चीज़ से उनके सिर पर वार किया था, वो था एक लोहे का चिमटा जो इसने बाद में  ज़मीन में  दबा  दिया था। उस पर भी इसके हाथों  के निशान है। बैंक से राजेन्द्र बिश्नोई  ने एक करोड़ रुपए निकाले थें। उसकी भी डिटेल्स बैंक मैनेजर हमें  दे  चुका है।

 

और यह सब आपको अजीत ने बताया?

 

जी ! लेकिन  कानून सबूत माँगता है, इसलिए उसने जो बताया, वो सभी  सबूत अब  हमारे पास है।

 

यह सुनकर उमा का गला सूखने लगा।  पता नहीं, उसने राजेन्द्र को क्यों मारा? जब उसे पैसे मिल गए थें तो........

 

हम्म, आप बिल्कुल  सही कह रहीं है। मगर हमे यह समझ नहीं आ रहा कि आपने क्यों पैसे दिए। आपने सिर्फ पैसे नहीं दिए, आपकी जो मुंबई की प्रॉपर्टी आपके नाम थी, आपने उसके नाम कर दी।

 

अब उमा रुद्राक्ष को घूरकर देखने लगी।

 

आप कहना क्या चाहते है?

 

कहिए  तो आप, उमा  बिश्रोई  आपने यह सब क्यों किया। उमा ने जब कोई जवाब नहीं दिया तो वह चिल्लाकर बोला,

 

 

आप नहीं बता रही तो मैं ही बता देता हूँ कि  आपने ही उससे अपने पति का मर्डर करवाया । मगर तब आपको यह  नहीं पता था कि वह आपकी बेटी और आपके पति को भी  ब्लैकमेल  कर रहा है। आपको अपने पति से छुटकारा चाहिए था, आपने अजीत का पहले बैकग्राउंड खंगाला, वह पहले भी एक आदमी पर जानलेवा  हमला करने के  मामले  में छह महीने  हवालात की सैर कर चुका  था,   उसे आपने ही अपने पति की फैक्ट्री में  लगवाया । मगर अजीत तो आस्तीन का साँप  निकला, उसने आपकी बेटी शुभी को ही फंसा लिया। जब उसकी वह पोल खुल गई तो उसने आपकी भी सच्चाई बताने की बात कही, तब आपने उसे पैसे और पासपोर्ट दिया। रुद्राक्ष एक ही सांस में  बोल गया।

 

नहीं यह  झूठ  है। वह भी चिल्लाई।

 

यही सच है, आप भी कातिल है। कातिल की मदद करने वाला भी कातिल होता है । वह चिल्लाते हुए उमा के सामने  खड़ा हो गया।

 

अब उसके सब्र का बांध टूट गया, उसने भी चिल्लाकर कहा, हाँ, मैंने मरवाया राजेन्द्र बिश्नोई को।