You're mine in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | आप मेरे हो

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आप मेरे हो

1.
प्रेम में मांगा नहीं जाता
प्रेम में दिया जाता है
प्रेम किया नही जाता
प्रेम हो जाता है

प्रेम में स्वार्थ नहीं होता
प्रेम में निश्चल होना होता है
प्रेम को मापा नही जाता
प्रेम को भक्ति की तरह किया जाता है

प्रेम एक तरफा भी होता है
प्रेम को दूर से भी निभाया जाता है
प्रेम बार बार नही होता
प्रेम एक ही बार में संपूर्ण होता है

प्रेम पागल नहीं होता
प्रेम में धैर्य रखना होता है
प्रेम को सोचा नहीं जाता
प्रेम एक सतत प्रक्रिया है

प्रेम में किसी को बांधा नही जाता
प्रेम में इंसान खुद बंध जाता है
प्रेम में बहाव होता है
प्रेम को एक जगह रोका नहीं जाता

प्रेम में लीन होना पड़ता है
प्रेम में शुद्ध होना होता है
प्रेम अधूरा नही होता
प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता

2.
तुम्हारे साथ होती हूं जब
जीती हूँ मैं
अपना बचपन
कुछ नादानियाँ
कुछ शैतानियां
अपनी मनमानियां
और ज़िद्दीपन.

तुम्हारे साथ होती हूं जब
करती हूं तुमसे
प्यार और मनुहार
इज़हार...इकरार
देखकर तुम्हारी आँखों मे
खुद को सजाती हूं..संवारती हूं
पल पल खुद को निखारती हूं
दिखाती हूं
अपनी शोख अदाएं
जो तुझको भरमाएं.

तुम्हारे साथ होती हूं जब
मिलता है मुझे
सुकून..बेहद बेहिसाब
हो जाती हूँ मैं परिपक्व
मिलता है तुम्हारी प्रिया को
उसका अस्तित्व
होता है एहसास कि...
हम...जीवन रथ के
दो पहिये हैं...
एक भी लड़खड़ाया तो,
जीवन रथ का रुकना
तो तय है....

तुम्हारे साथ होती हूं जब
तो लगता है
कि, अकेली नही हूं मैं
खड़े हो तुम सदा..
मेरे साथ ढाल बनकर
विश्वास दिलाते हो..
हर अच्छे बुरे दिनों में
मुझे साथ पाओगी तुम
और कहते हो
फिक्र किस बात की..
"मैं हूं ना..."

3.
कभी कभी लगता है
बेवजह ही हूँ मैं
जहां नहीं रहना
वहीं से दूर जा नहीं पाती
मन होता है पर
मन ही नहीं लगता।

इस कदर भी तन्हा नहीं थी
जितना खुद को खो कर हो गयी हूँ
हर शख्स कहने को मेरा है यहां
मगर अपना कोई मिलता नहीं।

मिट जाना चाहती हूँ
दिखूं न किसी को कहीं
ऐसे सबकी नजरों से
ओझल हो जाना चाहती हूँ।

हाँ मैं अब दूर जाना चाहती हूँ....

4.
कभी - कभी कहने को कुछ नहीं होता, बस हम सामने वाले की सुन सकते हैं, उसकी कहानी, उसका दर्द, उसके आशुओं मे छुपे प्रेम को,

हम चाहते हैं उसके हर दर्द को अपना बना ले, उसके हर आँसू को पी जाए, और उसकी हर पीड़ा को उसके मन से अलग कर दे, लेकिन हम कर नहीं पाते, नही पोछ पाते उसके आँशुओ को,

कभी - कभी हम सिर्फ़ सुन सकते है...

5.
बिखर कर भी संभल जाना
मज़ाक थोड़े है

यादों की किताब में
फट चुके पन्नों को संभाल कर रखना
मज़ाक थोड़े है

आंखों में आंसुओं को पाल कर रखना
मज़ाक थोड़े है

दिल में बसे इन्सान को
दिल से निकाल कर रखना
मज़ाक थोड़े है...

6.
सब्र, शुक्र, और सुकून

सब्र उसके लिए जो मांगने के बाद भी नहीं मिला, इतना सब्र की एक दिन जरूर मिलेगा,

जो मिला है उसका हमेशा शुक्र करना चाहिए, राम ने हमें बहुत कुछ दिया है, जैसे साफ़ कपड़े, घर, खाना, और पानी, और सबसे जरुरी हमें जो प्यार करते है, उनको इगनौर ना करे, क्योंकि वो हैं तभी आप है, इन सबका शुक्र करे,

और हमेशा इस सुकून मे रहे की मैने कभी किसी का दिल नहीं तोड़ा, कभी किसी को धोख़ा नहीं दिया, कभी भी जान बुझ के किसी के साथ बुरा नहीं किया, इसलिए वो जो ऊपर बैठा हैं मेरे साथ कभी बुरा नहीं होने देगा, इस बात का सुकून होना चाहिए..