Mahila Purusho me takraav kyo ? - 83 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 83

Featured Books
  • तमस ज्योति - 51

    प्रकरण - ५१मेरे मम्मी पापा अब हमारे साथ अहमदाबाद में रहने आ...

  • Lash ki Surat

    रात के करीब 12 बजे होंगे उस रात ठण्ड भी अपने चरम पर थी स्ट्र...

  • साथिया - 118

    अक्षत घर आया और तो देखा  हॉल  में ही साधना और अरविंद बैठे हु...

  • तीन दोस्त ( ट्रेलर)

    आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं हम एक नया उपन्यास जिसका...

  • फाइल

    फाइल   "भोला ओ भोला", पता नहीं ये भोला कहाँ मर गया। भोला......

Categories
Share

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 83

अभय ने अपने सीओ से बात करली थी । किंतु सीओ ने हंसते हुए कह दिया था ... हालात का सामना तुम खुद करो । अभय अपने आपको हालात का सामना करने के लिए तैयार करता है । उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव आजाते हैं ।

अभय तैयार होने के लिए कांस्टेबल से कुछ समय मांगता है ..कांस्टेबल अभय को सहमति दे देता है और कहता है हमे 8 बजे तक पहुँचना है सर !
15 मिनट बाद... अभय अपने रूम से तैयार होकर बाहर आगया ..
अभय पुलिस कांस्टेबल को देखकर बोला सर ! मै तैयार हूँ ..आपने चाय पी ? हां सर चाय पी ली ..अब आप भी पी लीजिए! हम थोड़ा ओर वेट कर लेंगे ।
अभय ने खुद चुल्हे पर रखी चाय एक कप मे छान ली और खड़े खड़े ही पीने लगा .. चाय पीने के बाद अपनी मा से कहा मा तुम चिन्ता ना करियो मै जल्दी ही आजाऊंगा । मा का चेहरा उतरा हुआ है उसने कुछ भी नही कहा सिर्फ अपने पुत्रको निहारती रही ..अभय कांस्टेबल के साथ जिप्सी मे बैठकर जारहा है ..मा ने गाड़ी मे बैठे अपने पुत्र की आवाज सुनी ..वह अपने पापा से कह रहा था ..पापा ! आप मा को डाक्टर को दिखाकर ले आना । ...
पुलिस की जिप्सी मे बैठे हुए अभय को मौहल्ले के लोग देख रहे हैं ..अभय ने भी उन्हे एक क्षण देखा फिर अपना मुंह दूसरी ओर कर लिया ..
ऐसा अक्सर होता है लोगों को जिज्ञासा रहती है पडौस मे क्या हो रहा है । वे प्रयास करते हैं सच को जानने के लिए..पहले तो आपस मे एक दूसरे से पूछते हैं जब सच्चाई पता नही लगती तो अनुमान लगाकर कुछ कहने लगते हैं । एक ने कहा ..शायद फौज से भगौड़ा होकर आगया है ..सेना ने पुलिस को इतला कर इसे पकड़वाया
होगा । दूसरा नीम की दातुन कर रहा था थूंककर बोला तुम सही कह रहे हो सेना भगौड़े को छोड़ती नही । तीसरे ने कहा नही नही ऐसा नही हो सकता मै अभय को अच्छे से जानता हूँ वह बहुत बहादुर है , अब तो वह अफसर बन गया है न अभी कोई जंग हो रही है वह क्यों भागेगा भला । एक काम करते है चलो उसके घर जाकर पूछते हैं । वहा पहले से ही अभय के जाने के बाद पडौस की महिलाएं अभय के घर इक्ट्ठा हो चुकी थी। वहां उनमे बातचीत हो रही थी । एक महिला ने पूछ रही थी ..कस्तुरी! यह पुलिस किस लिए आई थी ..उसमे तो तेरा छोरा भी बैठा था ..क्या बात होगयी? कस्तुरी को जबाब देते नही बन रहा था , मोहल्ले के सभी लोग गौर से नजरे जमाये थे .. कस्तुरी कुछ कहती उससे पहले ही अभय का पापा बोलने लगा .. ऐसा कुछ नही है ..युनिट से फोन आया था ..सीओ ने पुलिस की मदद के लिए जाने को कहा है ।
उस महिला ने कहा ओऽ..तो यह बात है ..लेकिन यह तो कल ही आया है न ? हां हां कस्तुरी ने जबाब दिया । महिला ने कहा देखो कस्तुरी तू चिंता न करियो हम तुम्हारे साथ हैं .. कस्तुरी ने अब भी कुछ नही कहा .. महिलाओ के पीछे खड़े एक आदमी ने अभय के पापा से कहा .. अरे भाई विजय ! हमें चिन्ता होगयी थी इस लिए चले आये.. तेरा छोरा समझदार है फिर फौज से भागकर क्यो आगया .. उधर कस्तुरी ने लंबा सांस छोड़ते हुए कहा ..मुझे इसी बात का डर था ..लोग कैसी कैसी बातें करेंगे मेरे बेटे को लेकर .. कस्तुरी गंभीर होकर बोली .. मेरा बेटा कायर नही है .. जब वह आजायेगा तब तुम खुद जान जाओगे... उस आदमी ने फिर कहा .. कस्तुरी ! तुम ऐसा क्यों कह रही हो .. हम सब आपके परिवार के साथ है ..कस्तुरी ने फिर कहा ..मै जानती हूँ आप कितने साथ हैं .. विजय बीच बचाव करते हुए बोला ..भाई जी आप बुरा मत मानियो..कस्तुरी दिल की साफ है ... उसी आदमी ने फिर कहा अरे विजय मै समझता हूँ बेटा इसका लाडेसर है उसके खिलाफ यह कुछ नही सुनती ... लेकिन बड़ो का लिहाज तो रखना ही चाहिए न !