sfortuna da qualche parte in Hindi Short Stories by Rakesh Rakesh books and stories PDF | अभागन कहीं की

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अभागन कहीं की

काजल को पता था कि मेरी विधवा मां मेरा और मेरे छोटे भाई दीपू का पेट आज तक घरों में झाड़ू पोंछा बर्तन धोकर खान पका कर भरती आई है। अब मां के शरीर में इतनी शक्ति नहीं है कि वह मेरा पेट भरने के साथ मेरी शादी भी कर सके।

आठ वर्ष का छोटा भाई दीपू खुद मोहताज है, पिता जी की मौत के बाद मां ने किराए के मकान का किराया देने के बाद हम दोनों भाई बहनों और अपना पेट भरने के बाद दीपू कि पढ़ाई कैसे जारी रखी है। उस पर मेरी शादी की चिंता में मां रात दिन डूबी रहती है, इस वजह से मां की सेहत दिन-ब-दिन गिरती ही जा रही है, इसलिए मुझे नौकरी करके मां का हाथ बंटाना होगा।

लेकिन अनपढ़ काजल को तो पहले नौकरी मिलना मुश्किल होता है और जहां नौकरी मिलती है वहां गरीब मजबूर खूबसूरत काजल को अपनी इज्जत की रक्षा करना मुश्किल हो जाता है।

इधर खूबसूरत जवान बेटी को कब तक घर में रखुगी इस चिंता में काजल की विधवा मां पहले से ज्यादा बीमार रहने लगी थी, अब तो उसकी शक्तिहीन मां के लिए छोटे बेटे जवान बेटी का पेट भरना तक असंभव हो गया था, काजल की शादी तो दूर की बात थी।

अब काजल को तब तक तो नौकरी करनी ही थी जब तक की उसका मासूम भाई दीपू कमाने लायक नहीं हो जाता।

इसलिए काजल ऐसी जगह नौकरी करने का फैसला लेती है जहां सिर्फ महिलाएं ही महिलाएं हो और उसे ऐसी जगह मिल भी जाती है, महिलाओं के ब्यूटी पार्लर में।

अनपढ़ लेकिन बुद्धिमान काजल कुछ ही महीनो में इतनी होशियार ब्यूटीशियन बन जाती है कि उस इलाके की हर एक लड़की दुल्हन उसके हाथों से ही सजना संवरना चाहती।

ऐसे ही एक दुल्हन मशहूर महंगी ब्यूटीशियन से सजने संवरने की जगह काजल से सजने संवरने की जीद पर अड़ जाती है।

उसकी शादी में उसका चचेरा भाई भी विदेश से आया हुआ था, उस दुल्हन के चाचा चाचा यानी कि उसके चचेरे भाई के माता-पिता चाहते थे कि विदेश में बिजनेस करने वाला उनका बेटा अभय विदेशी नहीं बल्कि भारतीय लड़की से शादी करें।

उस दुल्हन के चचेरे भाई को काजल ब्यूटीशियन बहुत पसंद आ जाती है, इसलिए वह दुल्हन यानी कि अपने ताऊ की बेटी से काजल के घर का पता लेता है, ताकि अपने माता-पिता के साथ काजल के घर जा सके अपनी और काजल की शादी का रिश्ता लेकर।

और जिस रात काजल उस दुल्हन का मेकअप करके अपने घर पहुंचती है तो उसकी मां की हालात इतनी ज्यादा खराब थी कि अगर तुरंत अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जाता तो उसकी मां कि मौत हो जाती लेकिन काजल के पास इतने रुपए नहीं थे कि वह आपनी मां का अच्छा ईलाज करवा सके।

काजल ने कई बार सुना था कि महिलाओं के खूबसूरत घने लंबे बालों के अच्छे खासे रुपए मिल जाते हैं, इसलिए वह मां के ईलाज के लिए अपने रेशमी घने बाल बेंच देती है।

और जब चार-पांच दिन बाद वह विदेश में बिजनेस करने वाला अभय नाम का लड़का अपने माता-पिता के साथ काजल के घर अपनी और काजल की शादी का रिश्ता लेकर पहुंचता है, तो गंजी काजल को ठुकरा कर वापस विदेश चला जाता है।

तब काजल की मां दुखी होकर काजल से कहती है "अभागन कहीं की।"