मेरी कॉलेज और बच्चों की तरह कोई खास नहीं गुजरी कॉलेज की समय मेरे अधिक दोस्त भी नहीं थी
सॉरी मैं आपको शुरुआत से बात..!
मेरा नाम रोशन है और मैं राजस्थान के दोसा जिला में
रहता हूं मेरी कॉलेज भी दोसा से ही है govt p.g college
वहां से मैंने अपनी पढ़ाई की है bsc bio. से
जैसा कि मैंने बताया की कॉलेज में मेरे अधिक दोस्त नहीं थी ऑन दो ही थे वो भी कुदगर्ज..
फिर 1 साल बाद में उनसे अलग हो गया पहला साल मेरा वहां के लोगों को समझने में ही चला गया। दूसरे साल मेंअकेला पड़ गया था कोई दोस्तभी नहीं था। मैं रोज कॉलेज जाता और अपनी पढ़ाई करके घर आ जाता। लेकिन मेरी क्लास में एक लड़की थी उसका पता मुझे भी दूसरे साल लगा था । उसका नाम मुस्कान था दोसा से 150 किलोमीटर की दूरी पर उसका घर था । लेकिन वह दौसा ही रहती थी हॉस्टल में ..! एक दिन मैंने उसको सारे कॉलेज के सामने ही प्रपोज कर दिया। बट उसने मना कर दिया और उस दिन से वह मुझे फिर कहीं नहीं दिखाई दी!! ना मैंने उसे कभी ढूंढने की कोशिश कि!!..
फिर सेकंड ईयर में मैंने कोचिंग क्लास ज्वाइन करी!
वहां पर मेरे वह दो दोस्त भी थे जिनको देखते ही मुझे उल्टी आती है पहले तो मन ही मन में उनको बहुत सारी गाली दी!!. लेकिन क्या कर सकते हैं कोचिंग तो करनी ही थी और दौसा में एक सब्जेक्ट की एक ही कोचिंगथी। हमने फिर से बोलना शुरू कर दिया। लेकिन यहां भी हमें एक लड़की मिली उसका नाम भी मुस्कान ही था वह दौसा की ही थी। उसको g.f बनाने की सोच तो ।बाद में पता चला कि वह किसी और से सेटहै। दूसरा साल भी ऐसे ही गुजर गया।
फिर थर्ड ईयरमें मेरे बडे पापा का लडका मेरे साथ रहने आ गया! हम साथ साथ रहने लगे उसका नाम दिलराज था। उसकी कई बड़े-बड़े गुंडों से जानकारी थी। उनका करीब 50 60लोगों का समूह था । मैं भी उन लोगोंमें रह कर उनके जैसा बन गया। लेकिन मैंने कभी गलत काम में साथ नहीं दिया। कॉलेज में भीसभी को पता चल गया था कि मैं उस गैंग में से एक हूं । तब से मुझ से सब डरने लगे थे और जानने भी लगे थे। लेकिन कुछ कारण दिलराज को पुलिस ने पकड़ लिया। उसे समय हमने सभी जानकारी को फोन करके दिलराज को जेल से बाहर करने को कहा लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की। आखिर लास्ट में 6 महीने के बाद हमने ही कुछ करके कैश को क्लोज करवा दिया। दिलराज तो बाहर आ गया था। फिर जब से हम कोई भी काम करते तो पूरी योजना के साथ करते थे। लेकिन यह भी ज्यादा दिन नहीं चला क्योंकि हमारे मां-बाप ने हमें अलग-अलग शहर में पढ़ने के लिए भेज दिया था। हमसे सारी गुंडा गर्दी दूर हों गई। फिर थर्ड इयर समाप्त होने के बाद ना तो वो दोस्त मिले ना ही वह लड़कियां। सभी अलग-अलग रहकर रह गए। और किसी को पता भी नहीं था कि कौन किस शहर में है।
बिछड़ कर दूर चले जाते हैं।😥
दोस्त अपने दोस्तों से।🥺
बेटे अपने मां बाप से।❣️
कमाने के लिए वो अपने गांव को छोड़ जाते हैं..?