Rahashymai Haweli - 2 in Hindi Horror Stories by गुमनाम शायर books and stories PDF | रहस्यमई हवेली - 2

Featured Books
Categories
Share

रहस्यमई हवेली - 2

रोहन उस पागल को गुस्सा करके भगा देता है.लेकिन शगुन डर जाती है,और घबरा जाती है बच्चो को अपने सीने से लगा लेती है..रोहन शगुन को कहता है के वो पागल था डरो मत और ढाबा चलते है फ्रेश हो जाते है और कुछ खा लेते है।

वो लोग जाते है और टेबल पर बैठ जाते है खाने का ऑर्डर देते है...एक आदमी लगड़ाते हुए खाना ले कर आता है और टेबल पर रख देता है और वो घूर घूर कर रोहन शगुन और बच्चो की तरफ देखने लगत है।

शगुन उस व्यक्ति को देख कर थोड़ा सहम जाती है.और खाना खाने लगती है.और रोहन से कहती है के ये व्यक्ति मुझे अजीब लगा.रोहन कहता है कोई बात नही तुम खाना खा लो फिर हम जल्दी से निकलते है हवेली की तरफ।

बच्चे शगुन और रोहन खाना खा कर ढाबे वाले को पैसे देते है और हवेली का रास्ता पूछते है..तो ढाबे वाला हक्का बक्का हो जाता है..के ना जाने क्या पूछ लिया हो उसने..और रोहन सोचने लगता है के ये ऐसा क्यों कर रहा है।

वो ढाबे वाला उसे कहता है साहेब आप यहां से सीधा जाओ पेट्रोल पंप आयेगा वहा से लेफ्ट टर्न ले लेना थोड़ी दूरी पर हवेली है..फिर वो रोहन को बोलता है के आप लोग हवेली क्यों जाना चाहते हो.वो हवेली ठीक नही.रोहन मुस्कुरा कर चले जाता है अपनी कार के और।

शगुन रोहन को बोलती है के ये सब हमारे साथ बहुत अजीब हो रहा है तुम बात क्यों नहीं मानते इनकी.. रोहन कहता है घबराओ मत तुम बस थोड़ी देर मैं हम हवेली मैं पहुंच जायेंगे...एक बार जब हम हवेली पहुंच गए फिर अब ठीक हो जायेगा...और यहां के लोगो ने अफवाह उड़ाई हुई है हवेली के बारे मैं यहां ऐसा कुछ नही।

और रोहन शगुन और बच्चे अपनी कार के और बढ़ते है और शगुन पलट कर ढाबे के मालिक की और देखती है और वो भी शगुन की तरफ घूर रहा होता है जैसे के वो बोलना चाहता है के आप हवेली मत जाओ।

फिर रोहन शगुन को कहता है के बच्चो को ले कर कार मैं बैठ जाओ।
रोहन शगुन और बच्चे सब कार मैं बैठ जाते है और हवेली की तरफ बढ़ने लगते है..कुछ दूर जाते ही रोहन जोर से कार का ब्रेक लगता है,और कार रुक जाती है।

फिर रोहन कार से उतर कर कार के आगे पीछे देखने लगता है, शगुन पूछती है क्या हुआ अर्जेंट ब्रेक क्यू लगाया. और क्या देख रहे थे.तब रोहन कहता है के मुझे लगा के मेरी कार के आगे कोई था और वो मेरी कार के नजदीक आ गया था...
और ऐसा लगा जैसे मेरी कार से टकरा गया हो.. इसलिए मैंने ब्रेक लगाया लेकिन जैसे ही मैंने बाहर जा कर देखा तो वहा कोई नही था।

रोहन फिर से कार स्टार्ट करता है और हवेली की और बढ़ता है.चारों तरफ अंधेरा सुनसान रास्ता अजीब सी आवाज़ और अचानक रोहन फिर से कार का ब्रेक लगा देता है..शगुन फिर से पूछती है क्या हुआ इतना जोर से ब्रेक,तो रोहन कहता है के मुझे आगे का रास्ता ही नही दिखा ऐसा लगा के सिर्फ अंधेरा है और मेरी आंखे किसी ने बंद कर दी हो।

आगे का जानने के लिए मेरे साथ बने रहे
आगे की स्टोरी में