Pyar ek anokha rishta - 28 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग २८

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग २८

फिर मालती को केक देकर कहा कि सबको केक खिला दो।
मालती ने केक काटा और सबको खिला दिया।
कुछ देर बाद ही पंडित जी आ गए और फिर उन्होंने पंचांग देख कर परसों का ही एक अच्छा दिन बताया पर इतना जल्दी सब कैसे हो सकता है।
मिनल ने कहा मैं एक बार भाई साहब से पूछती हूं।
कुछ देर बाद ही मिनल ने कहा कि भाभी, भाईसाहब सब कल आ रहें हैं।।

परिणिति बहुत ही खुश हो गई और बोली कि अब चले शापिंग मॉल।।
राज ने कहा हां चलो अब जाना होगा ही वरना तो यह कंजूस नहीं देगा कुछ।।
राज ने थोड़ा जोर देकर कहा कि जिसको -जिसको जाना है वो तैयार हो जाओ।
जीनत ने कहा अरे यार तू भी चल।
हिना ने कहा अरे बाबा मुझे नहीं जाना है।
राज ने मन में कहा मुझे पता था कि वह नहीं जाएगी।
राज ने कहा अरे बाबा सुनील चले।
आखिर में सुनील और परी,जीनत और राज निकल गए।
आभा हिना के पास जाकर बोली ये कैसा विचार है भगवान का , हिना बेटा तुम क्यों नहीं गई।
हिना ने कहा अरे ऐसे कैसे चली जाऊं मैं तो एक विधवा हुं तो मुझे नहीं जाना चाहिए। ये बोल कर हिना वहां से चली गई।

उधर यह लोग शापिंग मॉल में पहुंच गए पर परी तो एकदम नकचढ़ी है उसे कुछ पसंद नहीं आ रहा था।

सुनील ने कहा अरे बाबा अब तो पसंद कर लो।

फिर एक पिंक कलर का लहंगा पसंद किया और फिर वहां से मैचिंग का सारा समान पसंद किया।
राज ने घर में सबके लिए साड़ियां पसंद किया और फिर जीनत को भी बोला कि कुछ पसंद कर लो।
जीनत ने भी एक लंहगा पसंद किया और फिर वहां से ये सब एक शेरवानी पसंद किया वो भी लहंगे से मैचिंग करता हुआ।
राज ने कहा देख लो दुल्हे राजा पसंद आया।
सुनील ने कहा हां यार तेरी पसंद तो मस्त होगा।
फिर राज को याद आया तो वो बोला कि तुम लोग देखो क्या क्या बाकी रह गया मैं बस आया।
राज वापस उस साड़ी वाले के पास जाकर हिना के लिए एक आसमानी रंग कि साड़ी ले लिया। ये रंग हिना पर जंचेगा।
सबके लिए साड़ियां लिया मैं कैसे हिना के लिए भुल गया।
फिर सब वही पर रेस्तरां में जाकर कुछ पिज्जा बर्गर किंग और फिर आइसक्रीम खा लिया।


फिर वहां से सब वापस घर आ गए।
घर में सब उन लोगों का इन्तजार कर रहे थे।

फिर परी ने सबसे पहले अपना सारा समान दिखाया।
उसके बाद राज ने आभा से कहा कि मां यहां साड़ियां है आप लोग पसन्द कर लिजिए। और हां एक मालती को भी दे दीजिए।
जीनत इधर उधर देखने लगी और फिर बोली अरे हिना कहां है?
आभा ने कहा वो अपने कमरे में है।
लेकिन तभी हिना आ गई और बोली अरे वाह आप लोग आ भी गए।
जीनत ने कहा हां यार ये देख मेरा लहंगा।। राज ने दिया है।
हिना ने कहा अच्छा वाह ! अच्छा है।
वैसे सूरज आ गया है क्या?
सब लोग हिना को देखने लगे और फिर सब हंसने लगे।
राज ने कहा ओह तो यह सूरज है कौन?
फिर तभी राज ने सबके सामने ही हिना को वो पैकेट देते हुए कहा कि यह सूरज ने दिया है आपके लिए!
हिना ने अपनी आंखें बड़ी कर ली और फिर बोली ओह ये बात है तो सूरज खुद क्यों नहीं आया?
राज ने कहा क्या करें बिचारा वो तो डर गया था।
सब लोग हंसने लगे और फिर सब खाना खाने बैठ गए।
राज ने कहा कि अब जल्दी से खाना खाने के बाद सब सो जाएं सुबह जल्दी उठकर सब काम करवाना होगा।
आभा ने कहा हां यह बात सही है समय कम है और काम ज्यादा।

फिर सब खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में जाने लगे।
फिर सुनील राज को खींच कर अपने कमरे में ले गया और फिर बोला अरे छुपा रूस्तम सिंह कब वो खरीद लिया बताया नहीं।।
राज ने कहा अरे यार मुझे तो याद नहीं रहा पर मां ने मुझे बताया था कि हिना के लिए साड़ी ले लेना।
सुनील ने कहा ओह तो यह बात है।
राज ने कहा चल चलता हुं थोड़ा सा पेंडिंग काम है।
सुनील ने कहा अरे वाह क्या बात है गुड नाईट।
राज ने हाथ हिलाकर कहा हां ठीक है।
राज फिर ऊपर अपने कमरे में चला गया।
और उसे यह जानना था कि हिना ने साड़ी देखा कि नहीं?
हिना के कमरे की लाइट जल रही है इसका मतलब वो जाग रही हैं।
राज कमरे में जाकर सबसे पहले वाट अप पर हिना को मैसेज किया कि सूरज ने पूछा कि साड़ी कैसी लगी?
हिना अपने कमरे में साड़ी खोल कर देख रही थी।
जीनत ने कहा अरे वाह क्या बात है क्या साड़ी है यार।
हिना ने कहा हां माई फेवरेट कलर।
जीनत ने कहा हां पर एक बात समझ नहीं आईं।
हिना ने कहा अरे बाबा क्या?
जीनत ने कहा नहीं रे कुछ नहीं।
फिर हिना साड़ी को अलमारी में जाकर रख दिया।
और फिर अपना मोबाइल उठाया तो देखा कि मैसेज राज का।
हिना ने ओपन किया तो मैसेज पढ़ कर हंसने लगी।
फिर उसने रिप्लाई किया।
अरे सूरज आएगा तब बताऊंगी।
राज ने जल्दी से मैसेज ओपन किया और फिर बोला मुझे पता था ऐसा ही मैसेज देंगी।
फिर राज ने मोबाइल फोन फेंक दिया और फिर सो गया।
उधर हिना तो रात भर सो नहीं पाईं उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके लिए भी एक साड़ी ले कर आएगा।।
ज़ीनत ने कहा जानती है पता नहीं चल पाया कब राज जाकर तेरे लिए साड़ी खरीद लिया कुछ बताया नहीं।lllllllllllll

हिना ने कहा हां,खरूस है कुछ कुछ।।
उधर राज भी कुछ भी बोलता हुआ कुछ गुनगुने लगा और वो भी सो गया।
दूसरे दिन सुबह सब काम शुरू हो गया राज ने कहा मेरे यार की शादी है मैं कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता हूं।

फिर बाहर लान पर सब टेंट लगाकर
खाना पीना का सामान लग गया।
कुछ देर बाद ही परी के मम्मी पापा आ गए।


आते ही परी ने कहा मम्मी आप आ गई। मुझे लगा कि आप लोग नहीं आओगे?
सपना ने कहा अच्छा मेरे जमाई राजा कहां है?
परी ने इशारे से कहा यह लो।
सुनील ने जल्दी से दोनों के पैर छुए और फिर बोला कि आईए।
पापा जी।
सपना ने कहा है।। सिर्फ पापा जी!
सुनील ने कहा अरे नहीं, मम्मी जी भी।
सब हंसने लगे।
परीतोश ने कहा अरे जमाई राजा क्या करते हो?
फिर सुनील ने अपनी लम्बा चौड़ा व्यौरा दिया।
इतने में राज आ गया और फिर बोला अरे अंकल आंटी आप लोग फैश हो जाईए फिर नाश्ते में मिलते हैं।
परी के मम्मी पापा के जाते ही परी और सुनील में बहस होने लगी।
सुनील ने कहा आज तक किसी ने भी ऐसे पुछा नहीं मुझे।
परी ने कहा हां यह तो ससुर जी है तुम्हारे।
राज ने कहा बस करो यार अभी बहस करने का समय नहीं है।
फिर रिश्तेदार लोग आने लगे।
बस सब एक बात ही बोल रहे थे कि राज के साथ शादी क्यों नहीं करवाया?
राज ने कहा किस किस का मुंह बंद करें।
फिर सब लोग नाश्ता करने लगे।
हिना और जीनत भी नाश्ता करने पहुंचे।
मिनल मासी ने हिना को परी के मम्मी पापा से मिलवाया।
हिना ने दोनों के पैर छुए।
सपना ने कहा ओह तो यह है हिना।
बहुत ही सुन्दर और सौम्य है।
आभा और मिनल ने कहा हां और क्या पर ये तो इसकी किस्मत ही ऐसी थी कि इतने कम उम्र में यह सब देखना पड़ा।
सपना ने कहा क्या भाभी आप लोग आजकल के होकर ऐसा बोल रहे हो, बिचारी का जिंदगी फिर से बसाना चाहिए था।।।
हिना कुछ भी नहीं बोली और एक्सक्यूज मी प्लीज कह कर आगे बढ़ गई।
राज ये सब पीछे से सुन रहा था।
और फिर बोला अरे आप लोग चलिए नाश्ता करने।
फिर सब नाश्ता करने लगे।
हिना और जीनत भी नाश्ता कर रहे थे और बार बार राज से सामना हो जा रहा था।
हिना ने कहा अरे आपको बहुत जल्दी है देवर जी!
राज ने मन में सोचा यह क्या फिर से देवर जी ओह !ओह !ओह !माई गॉड।।।
फिर सुनील और परी भी एक दूसरे को देखते हुए नाश्ता करने लगे।

नाश्ता करने के बाद ही राज ने माइक पर कहा अब आप सभी से अनुरोध है कि डाइंग रूम में आ जाईए जहां पर एक कार्यक्रम होगा।
सब खुशी होकर वहां पहुंच गए।
राज ने शुरू किया।।।
जिंदगी में पहली बार हद तक जा सकता हुं।
जहां तक कोई जा नहीं सकता।।
मैं तेरा साथ पाने के लिए कुछ भी कर सकता हूं।
जो कोई भी नहीं कर सकता।।
प्यार के हर एक लम्हे का सफर लंबा हो चला।
सदियों से जो प्यार दबा था वो ज़ख्म सा हो चला।
पता नहीं आगे का सफर कैसा होने वाला है।।
तेरे दर पर खड़े हैं कब से सनम तेरे लिए।।
जान भी बाकी है वो भी कब से सम्हाले हुए हैं तेरे लिए।।
प्यार का जूनून सा सवार होता जा रहा है।
एक नशा सा कोई चढ़ता जा रहा है।
कम्बक्त इश्क का रोग ऐसा होता है।
ये जब होता है तो फिर होता है तो हो जाता है।।
शुक्रिया
सब लोग खुशी से झूम उठे और फिर तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया।।
राज ने कहा अब सुशील और परी एक डांस करने के लिए आएंगे।
हिना ने पुरी शायरी रेकार्ड कर दिया।
और सोचने लगी कि यह क्या था?
पुरी कहानी जैसी मेरी और राज की।


क्रमशः