Morbid - 8 in Hindi Fiction Stories by Srishtichouhan books and stories PDF | नासाज़ - 8 - तमंचे पे डिस्को

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नासाज़ - 8 - तमंचे पे डिस्को



शायद मेरी जिंदगी अब रुक सी गई है, इसमें अब वह खामोशी भी मर चुकी है, जो भले ही मेरे बेरंग जिंदगी में कोई खुशी तो न लाती थी , पर वह जरूर मेरे जिंदगी की ताल्लुकात अजनबियों को करवा जाती थी, मैंने जिंदगी में बहुत से धोखे खाए है, कई बार सड़कों पर भी दिन गुजारे है, भूखे पेट कई बार सोकर, आंखों के खारेपन की मिठास को चख कर मैंने अपनी भूख शांत की है, जब मैं अपनी टॉयलेट क्लीनर की बैच नहीं बेच पाती थी, मुझे किसी की हमदर्दी की जरूरत नहीं थी, मैंने कई बार कोशिश की कि मैं भी कोई साथी या हमराज बनाऊं, लेकिन एक बार के बुरे अनुभव के कारण मेरे कदम अब पूरी तरह से पीछे की ओर हट गए है,


और मुझे समझ आ चुका है कि अगर मैं अपने जिंदगी के अकेलेपन से भी बेवफाई कर गई तो फिर हो गया, मैं बेवफा नहीं बन सकती , एक बार प्रेम का दर्पण देखने के हड़बड़ाहट में गलत इंसान पर अपने जवानी के पहले एहसास को बर्बाद कर चुकी हूं, अब नहीं करना चाहती, किसी भी हालत में नहीं,

कई दफा जब फुटपाथ पर सोई हूं, ओल्ड एज होम को बचाने के लिए लिए 10 लाख के लोन को चुकाने के लिए मैंने अपनी अथडी जला डाली है, उस दर्द को जिया है , और हार नहीं मान सकती मैं, गलतियां कर चुकी हूं, उन गलतियों को पहचान चुकी हूं और दोबारा गलत नही बनना चाहती,


और अब इस पिज्जा शॉप में फसे मुझे 24 घंटे हो चुके है, इस गैंगस्टर के गुनाहों के पनाह में मैं खुद को दाखिल कर चुकी हूं, टंबलर अपनी दुकान में आगे से ताला लगा जा चुका था, अंदर एक अजीब सा डर था, मौत का नही, मौत से डरना तो मैने उसी दिन छोड़ दिया था, जिस दिन मैंने मां को ट्रक के नीचे आ कर मरते देखा था, मुझे मौत का डर नहीं है, मुझे अपने नाकामयाब होकर गुमनामी के मौत मरने से डर है, मुझे पता है मेरे मरने का दुख किसी भी को न होगा, वो बिना नेम प्लेट वाली लड़की का घर बस सूना हो जाएगा, ओल्ड एज होम के बुड्ढे अनाथ हो जाएंगे, मेरे संकल्प की कड़ी टूट जायेगी और बैंक वाले मुझे एक डिफाल्टर घोषित कर देंगे, कोई गम नही, जब नाम ही नहीं तो गम कैसा?


पापलोज अपने तमंचे को पैनी लेकिन जालिम आंखों से देख रहा था, वह बातूनी नही था, उसे भी शायद अकेलेपन का नशा था, उसके शरीर के रोम रोम से एक अजीब सा दर्द और खुद से नाराजगी थी, अचानक से वह उठा और मेरे दोनो हाथों को मेरे पीछे ले जाकर मोड़ दिया, मेरे कानो में कहने लगा, बिलकुल भी होशियारी न करू,


" पर मैने किया क्या है? तुम मुझे ऐसे पकड़ के क्यों रखे हुए हो?" मैने बगावत की आवाज को बुलंद कर उससे कहा


" चुप करो अपनी बकवास, तुम जैसी लड़कियों को मैं अच्छे से जानता हूं, चंद पैसों के लिए रण्डी बाजी करना, नेताओं की लौंडिया बन जाना और फिर बेचारी अबला नारी बनने का ढोंग , तुम बेशर्म होते जाओ और मैं अगर उल्टा जवाब दू तो मैने किया क्या है, पुलिस की सायरन मेरे कानो में पड़ी है, वो लोग शॉप का ताला तोड़ रहे है, और आज दोपहर को मैने तुम्हे काउंटर के टेलीफोन के पास काफी चक्कर लगाते देखा था! " मैं सन्न रह गई, मैने कभी न सोचा था कि वह इसका इल्जाम मुझ पर लगा देगा ,


" तुम सचमुच में एक दरिंदे हो, छोड़ो मुझे , वरना मैं चिल्लाऊंगी!!"


तभी जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते पुलिस फोर्स हमारे आंखों के सामने थी, उन्होंने ने उस मेटल के दरवाज़े को एक बड़े मशीन से तोड़ दिया था, एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने हमारे तरफ सावधानी से कदम बढ़ाए,


" पापलोज , लड़की को छोड़ दो, वरना तुम्हारे ऊपर लगे इल्जाम और सख़्त हो जाएंगे !" उसने चेतावनी भरी अपनी तीखी आवाज में पापलोज़ को धमकाया,


और यह कमीना , जोर की हसी हसने लगा, मानो वह अपने हसी से सामने वाले को घायल करना चाह रहा हो,

" ऐसे कैसे मैं इस नादान लड़की को छोड़ दूं? ऑफिसर सांड्रोस! अरे हम मुजरिमों के भी कुछ कायदे कानून होते है , और उन सब में से सबसे पहला कानून है , कि कानून को ही नही मान ना, और इस लड़की ने तो फिर मेरी मुखबरी आप तक पहुंचाई है? " और ऐसा करते हुए वह अपनी बंदूक की नोक मेरे चेहरे से फेरता हुआ सीधे मेरे सीने तक आ कर रुका, मेरे अंदर एक अजीब सी बेचैनी होने लगी , वह जज़्बात बेहद संगीन थे, बताने लायक नही पर सिर्फ महसूस करने लायक!


" देखो, उस लड़की ने हमे कोई मुखबरी नही पहुंचाई है, हमे हमारे खुफिया एजेंसियों के द्वारा तुम्हारे लोकेशन के बारे में पता चला है, इसमें इस लड़की का कोई हाथ नहीं है!" ऑफिसर सैंडरोज ने पापलोज को काबू में लाने की कोशिश की, अगर ऑफिसर सैंड्रोज चीता थे, तो पापलोज एक मदमस्त हाथी था, जो बेलगाम था, ज्यादा नुकसान करने में उसे किसी भी तरह का कोई परहेज नहीं था, बिलकुल भी नही,


पर मुझे बाकी पुलिस फोर्स के हलचल से मेरे जान जाने की संभावना पूरी दिख रही थी, मैं अपने आखिरी वक्त में अपनी मां को याद कर लेना चाहती थी, एक नाजायज औलाद का टैग लिए मैं बचपन से लेकर आज तक सिर्फ मेरी मां के लिए तरसी हूं, बाप बेनाम ही था मेरे लिए और उसका प्यार भी, मेरी नियति यही तय थी कि मुझे इस गैंगस्टर के हाथों मरना था, मैने एक लंबी सांस छोड़ी, और चेहरे में से सारे डर के भाव फेंक दिए,


"ऑफिसर, चालाकी करना मुझे भी अच्छे से आता है, पर मेरी चालाकी सच में कालचिरौंध के नागरिकों के सुरक्षा व्यवस्था पर एक क्वेश्चन मार्क छोड़ जाएगा, कि यहां की पुलिस कितनी नालायक है कि उसकी लापरवाही के वजह से एक बेकसूर नागरिक की जान चली गई, क्या आप mr. सैंडरोज बेंटिक ऐसा चाहेंगे कि आपके दस साल के बेदाग करियर पर यह काला दिन एक दाग बन जाए?" मैं अच्छे से जानती थी कि पापलोज किस प्रकार की साइकोलॉजी अपना रहा था, वह ऑफिसर सैंड्रोज को उनके नौकरी और फ्यूचर का डर भर रहा था, वह उनके मन को जितना हो सके कमज़ोर कर देना चाह रहा था,


" यह साइकोलॉजी के तरीके मुझ पर अपनाना छोड़ दो पापलोज, इससे तुम्हारे गुर्गे डरते होंगे, मैं नही, मुझे तुम्हारे बारे में भी फिकर है पापलोज, तुम में मुझे आने वाले कल को बदल देने की एक मजबूत काबिलियत दिखती है, पर अफसोस कि तुम इस ताकत को अपराध के लिए इस्तेमाल कर रहे हो, अभी भी वक्त है सरेंडर कर दो, जिंदगी तुम्हे दोबारा मौका देना चाहती है!" ऑफिसर सैंड्रोज अपनी बातों को पूरा जोर देकर , पापलोज को समझाने की कोशिशें कर रहे थे,


" जिंदगी मुझे कभी भी दोबारा या तिबारा मौका देगी ही नही ऑफिसर, क्योंकि वह भी जानती है कि मेरे जुर्म कितने खतरनाक है कि वह और प्रलय को सहन नही कर पाएगी, "

पापलोज के जिंदगी से बागी होते तेवर मुझे उसके चेहरे के तरफ झांक कर देखने में मजबूर कर देती है, यह एक गैंगस्टर है, जिसे भगवान ने एक बिजली से भी तेज दिमाग और मर्दानगी के शीर्ष पे बैठे मर्द के रूप में एक सुडौल शरीर और ताकत वर बाजुओं का मालिक बनाया था, इसके हल्की नीली आंखों में तूफान की आहट दिख जाती थी, यह एक बेरहम बादशाह था, जिसे कयामत ने खुद का मसीहा बनाया था, वह किसी भी पल को कयामत की रात बना देने में बिलकुल तैयार था, उसकी तैयारी का सबूत उसके अनुभवी हाथ दे जाते थे, उसकी वह गंभीर बिना खुशी वाली हसी एक अट्टहास की गर्जना थी,


" तो, फिर हमे तुम पर ओपन फायरिंग करनी ही होगी पापलोज , क्योंकि जिंदा या मुर्दा , तुम दोनो ही हालत में हमारे काम ही आओगे!"


ऑफिसर के जबान से यह बात निकल ही पाई होगी, कि एक गोली की आवाज हवा को चीरती हुई उस पिज्जा शॉप में गूंज उठी, पापलोज के तमंचे से बारूद का धुआं सारे माहौल में उड़ रहा था, मुझे मेरे पैरो में से रिसाव महसूस हुआ ….मैने हिम्मत करके अपने नीचे देखा,

पापलोज ने मेरे दाहिने पैर में गोली मारी थी।।।।।।।