Raat ka Safar - 2 in Hindi Thriller by Sonali Rawat books and stories PDF | रात का सफर - 2

Featured Books
  • जर ती असती - 1

    असं म्हणतात की, मनुष्य जेव्हा जन्माला येतो तेव्हाच हे ठरून ज...

  • नियती - भाग 33

    भाग 33इकडे मायरा अश्रू गाळत... डाव्या हातात ओढणी घेऊन डोळे प...

  • वाटमार्गी

    वाटमार्गी       शिदु देवधराच्या तांबोळातल्या कलमाना आगप फूट...

  • परीवर्तन

    परिवर्तन राजा चंडप्रताप नखशिखांत रक्‍ताने भरत्ला होता. शत्रू...

  • स्कायलॅब पडली

    स्कायलॅब पडली                           त्यावर्षी ११ जुनला श...

Categories
Share

रात का सफर - 2

रात का सफर-2

सभी निचे उतरे और पेड़ को रस्ते से हटाया गया जिससे आगे जाने के लिए रास्ता मिल सके, सभी कार में बेथ गए और उस रस्ते से जाने लगे, अभी कार को चले ही आधा घंटा हुआ था की सामने से एक आदमी दौड़ता हुआ आ रहा था सभी की नज़र उस आदमी पर गयी तो वही पर कार को रोक दिया था, उसके बाद वह आदमी उनके पास आया और कहने लगा की आगे जाना ठीक नहीं है आप यही से वापिस चले जाए, क्योकि आगे रास्ता ठीक नहीं है, उस आदमी को देखकर सभी ने पूछा की आप यहां पर क्या कर रहे है वह कहने लगा की में भी इसी रस्ते से जा रहा था, मेरी कार आगे खराब हो गयी है और मुझे कोई भी मदद नहीं मिल रही है इसलिए में मदद के लिए यहां पर आया हु, सभी ने कहा की आप हमारे साथ में बैठ जाए, वह आदमी उनकी कार में बैठ गया और कार आगे की चलने लगी सभी बाते करते हुए जा रहे तभी बहुत ज्यादा अँधेरा हो अचानक ही हो गया था, यह किस कारण हुआ था समझ नहीं आ रहा था, कार को रोक दिया गया था, सभी निचे उतरे तो वह आदमी कही भी नज़र नहीं आ रहा था l
सभी ने अपने चारो और देखा मगर वह नज़र नहीं आ रहा था, अब थोड़ी रौशनी आ रही थी, वह आदमी कहा चला गया है, उसे तो हमारी मदद चाहिए थी, वह अचानक से गायब हो गया था, कुछ समझ नहीं आ रहा था, इसलिए सभी ने कहा की हमे यहां से चलना चाहिए तभी वह डरने वा दोस्त बोला की एक तो मेने यह कहा था की जंगल से नहीं जाना चाहिए और उसके बाद तुम चले आये हो अब मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा है, ऐसा करते है की अब यहां से चलते है और कोई भी अब कार को कही नहीं रोकेगा,
उसके बाद सभी लोग कार में बैठ गए और चलने लगे, कुछ दुरी तय की थी तभी कोई उन्हें लिफ्ट मांगता हुआ नज़र आया वह कौन था जो रात को यहां पर लिफ्ट मांग रहा है, उन्होंने ने कार को धीमा किया और उससे पूछा की तुम्हे कहा जाना है, वह कहने लगा की में रास्ता भटक गया हु, मुझे आप आगे तक छोड़ देंगे उन्होंने ने कहा की ठीक है पीछे बैठ जाओ, मगर कुछ देर तक भी वह पीछे नहीं पहुंचा था, कुछ दोस्त बहार निकले तो देखा की यहां कोई नहीं है, तुमने किसके के लिए कार रोकी थी, वह आदमी यहां नहीं है वह भी कही चला गया है, यह सब क्या हो रहा है अब यहां पर रुकना ठीक नहीं है, सभी ने अब यह विचार कर लिया था की अब कार कही भी नहीं रुकेगी, वह बहुत तेजी से कार चला रहे थे, आखिर वह उस गांव में पहुंच चुके थे, जिस जगह पर उन्हें जाना था, मगर यह सफर उन्हें याद रहेगा, उसके बाद रात का सफर उन्होंने ने कभी नहीं किया था l