Raat ka Safar - 1 in Hindi Thriller by Sonali Rawat books and stories PDF | रात का सफर - 1

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रात का सफर - 1


कुछ दोस्तों ने यह सोचा की हमे एक साथ अनिल के गांव में जाना चाहिए क्योकि अनिल से मिले हमे बहुत साल हो गए है, वह अपनी खेती की वजह से गांव में चला गया था उसके बाद उससे मिलना नहीं हुआ था, इसलिए सभी ने यही योजना बनाई थी, इसलिए अगले दिन वह सभी साथ में चलने के लिए तैयार थे, लेकिन एक दोस्त ने कहा की यह सफर कम से कम 150 किलोमीटर का है, हम ऐसा करते है की रात में सफर करते है, दिन में बहुत ज्यादा ट्रैफिक होगा, हमे परेशानी भी हो सकती है, सभी को उसकी बात ठीक लग रही थी, मगर एक को यह पसंद नहीं आ रहा था, क्योकि वह रात को कही नहीं जाता था, उसे लगता था की रात का सफर अच्छा नहीं होता है, क्योकि शायद वह अँधेरे से डरता था, सभी को सब कुछ ठीक लग रहा था, मगर उसकी बात पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा था, क्योकि उन्हें लगता था की वह डर जाता है इसलिए मना कर रहा है, सभी ने कहा की अगर तुम्हे जाना है तो रात में ही जाना होगा नहीं तो जाने की कोई भी जरूरत नहीं है, सभी की बात वह मान गया था, अगली रात को उन्हें अपनी कार से उस गांव में जाना था, जिससे की वह सुबह पहुंच जाए सभी लोगो को घर से ले लिया गया था, उसके बाद कार से ही गांव में जाने लगे थे यह सफर 150 किलोमीटर का था, वह सभी लोग कार को धीरे ही चला रहे थे, तभी सामने से अचानक ही बहुत तेजी से कार आयी और उसे बचाने के लिए उन्होंने ने कार कोदूसरी दिशा में मोड़ दिया था, जिससे कार एक पेड़ से जा टकराई थी, सभी लोग बहुत ज्यादा डर गए थे, क्योकि उन्हें लग रहा था की आज बचना बहुत मुश्किल है, सभी लोग कार से निचे उतरे और देखा की वह कार कहा गयी थी, वह वहा पर नहीं थी, उनमे से एक बोला की पता नहीं कौन था इतनी तेजी से कार चला रहा था की हमे तो बहुत डर लगा था, उसकी वजह से हमारी कार पेड़से टकरा गयी थी, पता नहीं कौन पागल है, जो बहुत तेजी से यहां पर कार चला रहा है, यह जंगल का रास्ता ही ठीक है अगर हम यहां से जाते है तो कुछ दुरी तक कुछ भी नहीं होगा, सभी ने उसी रस्ते से जाने का निश्चय किया था, मगर एक ने मना कर दिया था क्योकि जंगल से जाना ठीक नहीं है किसी ने भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया था, सभी को यही लगता था की इसे तो डर ही लगता रहता है, सभी ने जंगल से जाने का निश्चय कर लिया था, कार को जंगल की और से ले जाया गया था, जंगल में बहुत ज्यादा अँधेरा था, मगर रास्ता ठीक लग रहा था, तभी सामने उन्हें एक पेड़ गिरा हुआ नज़र आया था, यह पेड़ कैसे गिरा होगा कुछ पता नहीं था मगर वह रस्ते के बीच में था सभी को अब उतरना ही पड़ा था क्योकि पेड़ को रस्ते से हटाना भी जरुरी था l