एक छोटे से गांव में, मनन नाम का एक किसान रहता था। वो अपने बीवी और बाल बच्चों का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं था। वो पुरा दिन खेतों में काम करता था। परंतु वो इतना पैसा नहीं कमा पता था की घर परिवार चला सके। एक दिन उसकी बीवी तंग आकर बोली की कोई और काम क्यों नहीं कर लेते। क्या फायदा ऐसे खेती का जो इतना मेहनत के बाद भी दो वक्त की रोटी नसीब ना हो।
बीवी की ये बात मनन के दिलों पे जाके कांटे की तरह चुभ गई। वो बहुत उदास हो गया 😔🥺😔😬
उसने फिर खेतों में काम करने चल दिया और आज पुरे रास्ते अपने बीवी की ताना को याद करते हुए, दुखी के साथ खेत में पहुंचा वो वहीं बैठ कर अपने खेतों को देखते हुए बोलता है। हे भगवान क्या फायदा ऐसे खेती का जो मेरे बीवी बच्चों को खुश ना रख सके उसे दो वक्त का रोटी न खिला 🍶 सके वो वहीं रोने लगा 😔😔😔🥺🥺
वैसे ही बगल से एक साधु गुजरे, वो बोलते हैं, बालक क्या हुआ क्यों परेशान हो। बहुत उदास लग रहे हो । ?
मनन अपने अंशुओ को छुपाता हुआ 🥺🥺
मुस्कुराने लगता है 🥺☺️🙂🙂 और बोलता है नहीं बाबा ऐसी कोई बात नहीं है, मैं भला उदास क्यों रहूं। और इतना बोलते ही मनन बाबा का ध्यान भटकाते हुए बोलता है। वो सब तो ठीक है, पर बाबा अपको तो हमनें पहले कभी नहीं देखा, आप कहां से आए हैं और आपको क्या काम है यहां कैसे 🤔🤔 बाबा मुसकुराते हुए बोलते हैं बालक हमसे छुपा रहे हो , 😁😅मेरा तो काम है लोगों की मदद करना।
जाओ बालक हमसे कुछ नहीं छुपा है हमे सब पता है। जाओ मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हुं। तुम बहुत जल्द माला माल हो जा ओगे, और बाबा वहां से चले जाते हैं। मनन पुरा दिन सोचते सोचते घर आ जता है। और अपने बीवी को सारी बात बताता है कि बाबा उसे आशीर्वाद दिए हैं, वो अब माला माल हो जायेगा। लेकिन मनन की बीवी, बाबा जैसे लोगों में विश्वास नहीं रखती थी, वो बोली कोई ढोंगी बाबा होगी मैं नहीं मानती ये सब बातें बकवास है। अगर आप नहीं कमा सकते तो झूठा बहाना मत बनाइए। , 😡😠
और वो गुस्सा होकर अपने बच्चो को लेकर मायके चली जाती है। यह देख मनन बहुत गुस्सा हुआ उसे अपने आप से नफरत होने लगा उसने गुस्से में खुद से वादा किया की अब वो अपने बीवी को मायके से तभी लायेगा जब वो एक बहुत ही बड़ा आदमी बन जायेगा उसके पास बहुत सारा पैसा हो और वो उसी गुस्से में, वो खेती करना छोड़ देता है। और मछली पकड़ने के लिए गांव के पास वाली नदी में एक छोटा सा जाल लिए पहुंच जाता है। वो दिन भर मछलियां पकड़ता है पर एक भी मछली नहीं पक राता 😔 वो उदास होकर घर वापस आ जाता है। 😔😔 और घर में कुछ भी न तो खाने का होता है। और नहीं कोई बनाने वाला 😔😔
वो अपने बीवी बच्चों के याद में लगातार रोए जाता है,🥺
रोए जाता है। तभी वो बाबा फिर से आते हैं। बोलते हैं, बालक हमें भूख लगी है, कुछ खाने को दो तो, 🥺🥺 मनन अब पुरी तरह से टूट चुका था। वो फूट फूट कर रोने लगा बोला बाबा हम लड़के हैं इसका मतलब ये नहीं की हमे तकलीफ नहीं होती , हमे भी तकलीफ होती है, दिलो में दर्द आंखो में आंसू छुपाए 😔🥺🥺चेहरे पे मुस्कान लिए हर वो लड़का खुश हो जरूरी नहीं 😭😭😭
बाबा बोलते हैं, बालक हमें सब पता है। लेकिन तुम मेरे लिए कुछ कर सकते हो तो जाओ अभी मेरे लिए तुम मछली पकड़ के लाओ। मनन बोलता है 😱🤯 बाबा इतनी रात को मछली पकड़ने जाए पर कैसे जब पुरा दिन में नहीं पकड़ पाया तो रात की अंधेरे में कैसे पकड़ पाऊंगा 🤯🤯🤔🤔। बाबा बोलते हैं जाओ बालक जैसे ही तुम नदी किनारे जाओगे तुम्हें एक सुनहेरी चमकती हुई, मछली मिलेगी उसे पकड़ कर ले आना। मनन नदी किनारे जाता है। बड़े मुश्किलों के बाद उसे वो मछली दिखा। वो उसे जल्दी से अपने जाल की सहायता से पकड़ लेता है। लेकिन वो मछली काफी बड़ी और वजनदार थी। मनन उसे ठीक से उठा भी नहीं पा रहा था। लेकिन जैसे ही मनन ने अपने जालों में उसे फसाया और, उसे पकड़ा तो देख कर हैरान हो गया वो मछली पुरी तरह से सोने का था । पूरा सुनहेरा मछली, वो उसे लेकर जैसे ही आने को चाहा तभी मछली से आवाज आई मुझे छोड़ दो मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं वो भी भूखे हैं हम पे दया करो हमे छोड़ दो 🙏🙏🙏 मनन यह सुनकर रूक जाता है और भुख क्या चीज होती है वो भला मनन जैसे गरीब आदमी से अच्छा कौन जान सकता है। उसने उस मछली को पानी में छोर दिया और घर खाली हाथ वापस लौटा। बाबा को सारी बात बताता है। बाबा मुसकुराते हुए बोलते हैं। तुम परीक्षा में सफल हुए। जाओ बालक पानी ले आओ। वो पानी लाने को घर के अंदर जाता ही है उसे कुछ समझ नहीं आता है की कैसा परीक्षा। और वो पानी लेके आता है तो देखता है साधु बाबा तो है ही नहीं। और जहां वो बैठे थे वहीं वो सुनहरा मछली रखा होता हैं। और वो पूरे सोना का होता है। अब उस मछली में जान नहीं होती है। और इस प्रकार वो माला माल हो जाता है । है अपने बीवी बच्चों को घर बुलाता है। और वो अमीर होने के बाद भी खेतों में काम करता है। और अब खुशी खुशी अपना जीवन बिताने लगता है । लेकिन 🤯🤯🤔?