Wo Ankahi Bate - 13 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 13

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वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 13

जब भी उसकी आंखों में देखता हूं तो कुछ हो जाता है।


रिचा ने कहा सच अंकल ऐसा ही होता था क्या पर ये को कुछ नहीं होता है!
बिमल ने कहा हां बेटा ये सच है ऐसे ही था मैं जब जवान था।
यश ने कहा हां ठीक है आगे बताओं।।
बिमल ने कहा हां ठीक है उसके बाद हम रास्ते में मिलते और दोनों अजनबी की तरह चले जाते थे। मुझे चांदनी की सहेली हेमा से दोस्ती कर ली। और फिर पता चला कि चांदनी को एक नौकरी की तलाश है पर उसे नहीं मिल रहा है।
बिमल ने कहा ओह तो ये बात है! क्या तुम्हारी सहेली बैंक एकाउंट में काम करेंगी?
हेमा ने कहा हां क्यों नहीं।
बिमल ने कहा पर उसे कुछ मत बताना।।
हेमा ने कहा उसे बहुत प्यार करते हो?
बिमल ने कहा हां, प्यार तो करना हुं बस खोना नहीं चाहता।।
फिर बिमल ने अपना नम्बर दे दिया और कल फिर मिलने को कहा।।
वहां से हेमा सीधे चांदनी के घर गई और जाकर नौकरी की बात बताई कि उसके चाचा जी के पहचान में है।
चांदनी बहुत खुश हो गई और फिर हेमा वहां से चली गई।

दूसरे दिन बिमल लैटर लेकर हेमा से मिला और बोला कि HDFC Bank में कल ये लैटर के साथ चली जाए।
हेमा ने थैंक यू कहा और वो भी वहां से सीधे चांदनी के घर चली गई और जैसा बिमल ने बताया था वैसे ही हेमा ने चांदनी को बताया।
चांदनी की आंखें भर आईं थीं और फिर हेमा को गले लगाया और बोली कि तुमने आज वो किया है जो कोई नहीं कर पाया।।
हेमा मन ही मन मुस्कुरा कर बोली कि ये सब जिसने किया हैं वो तुझे अपनी जिंदगी समझता है।

बिमल कहानी सुनाते हुए रो पड़े।।
यश ने कहा ओह पापा आप रो मत ।पर उस बैंक में आपकी पहचान किसके साथ थी?
बिमल ने हंसते हुए कहा अरे बाबा वो बचपन के दोस्त जयेस ।
यश ने कहा अच्छा वो मैनेजर थे वहीं??
बिमल ने कहा हां,
फिर इसी तरह एक महीने बीत गए।
मैं किसी काम से जयेस के पास मिलने गया तो वहां चांदनी ने मुझे देखा और फिर वो गुस्से में रिजाइन लैटर भेज दिया वो बहुत ही self-respect लड़की थी।

फिर मैं एक दिन चांदनी के घर उसकी सहेली के साथ पहुंच गया।।
चांदनी ने दरवाजा खोला ।
चांदनी ने अन्दर बुलाया और फिर बोली कि मुझे किसी की दया नहीं चाहिए!
बिमल ने कहा कोई दया नहीं कर रहा है तुम्हें तुम्हारे talent पर नौकरी मिली थी। क्या मैं तुमसे बात कर सकता हूं?
चांदनी ने कहा मुझे कुछ नहीं सुनना है।
बिमल ने कहा एक बार सुन लो।
चांदनी की मां ने कहा अरे बाबा एक बार सुन लो!
चांदनी ने कहा हां बोलो।
बिमल ने कहा चांदनी मैं तुमसे प्यार करता हूं और शादी करना चाहता हूं।।
चांदनी ने कहा पर मैं तुमसे प्यार नहीं करती हुं और ना ही शादी करना चाहती हुं।
हेमा ने कहा अरे चांदनी तुम इतना अच्छा इंसान कही भी नहीं पाओगी हां,
चांदनी ने कहा मेरा समय बर्बाद नहीं करो।।
बिमल भी वहां से मायुस हो कर निकल गया औरफिर ये दोनों अपने ,अपने रास्ते हो लिए।।

बिमल तीन महीने के लिए आफिस टूर पर कोलकाता चला गया अपने बुआ के घर।।वहां पर भी मुझे चांदनी का ना कहना बहुत खल रहा था और फिर एक दिन बुआ की तबीयत बिगड़ी तो जब बिमल अपनी बुआ जी को कोलकाता में सबसे बड़े सर्जन कार्डियोलाजिस्ट के पास गए और बुआ की रिपोर्ट दिखाया तो डाक्टर ने कहा कि अब सर्जरी कराना होगा।
और फिर वहां चांदनी को देखकर अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। जैसे कि वो बहुत बिमार दिख रही थी।
पर वो मुझे देखकर ही अनदेखा कर के चली गई।
फिर वहां से बुआ जी को गाड़ी में बिठा दिया और वापस काउंटर पर जाकर पुछा कि चांदनी नाम की कोई आई थी?.
पर वहा जो लेडी बैठी थी वो कुछ भी बताने से इंकार किया।
फिर हम लोग घर वापस आ गए।

घर आते ही बुआ ने बहुत सवालबिमल ने कहा अरे ये तो पुरी कहानी सुनने के बाद ही समझ जाओगे कि समझौते का प्यार या अनोखा प्रेम या मिसाल देने वाला प्यार।।
क्या समझौते का प्यार नहीं होता है
ये तो प्यार है बस हो जाता है और फिर रहा नहीं जाता कुछ कहा नहीं जाता।।
इन्सान के वश में कहां कुछ होता है वो तो बस हो जाता है ,खो जाता है,खो जाता है, ये कहते हुए बिमल रो पड़े।

रिचा ने कहा अगर सच्चे मन से किसी को चाहो तो एक समय बाद वो आपकी हो जाएगी है ना अंकल।।
बिमल ने कहा हां बिल्कुल ठीक कहा तुमने पर कभी कभी जल्दी सब कुछ मिल जाता है और कहीं नहीं मिलता। वैसे मैं तो एक बहुत ही successful Business man था पर देखो प्यार की कहानी में शायद पीछे रह गया था।।
यश ने कहा आप ने मां में ऐसा क्या देखा था?
बिमल ने कहा चांदनी का मन बहुत ही खूबसूरत था भले ही वो चहरे पर मेकअप नहीं करती थी पर उसमें कुछ तो खास था जिसे देख मैं मुग्ध हो गया और फिर चांदनी में सादगी, सच्चाई, शीतलता, कोमलता और सब कुछ आता था उसे।।
यश ने कहा हां, इसलिए तो वो जाने के बाद भी आपके दिल में है।।
क्रमशः