Rajkumari Shivnya - 23 in Hindi Mythological Stories by Mansi books and stories PDF | राजकुमारी शिवन्या - भाग 23

The Author
Featured Books
Categories
Share

राजकुमारी शिवन्या - भाग 23

भाग २३

अब तक आपने देखा की राजकुमारी ने इस विवाह के लिए उत्तर में हा कहा था अब आगे की कहानी देखते है।

सब लोग राजकुमारी का उत्तर सुन कर बहुत खुश हो गए थे , रानी सुमेधा ने कहा ये तो बहुत अच्छी बात हो गई राजकुमारी की सहमति मिल गई अब तो विवाह धूमधाम से संपन्न करेंगे,
इनके जेसी बहु तो सौभाग्य से मिलती है , रानी निलंबा ने कहा तो राजकुमार वीरेन भी तो हीरे से कम नहीं , हां पहले इनके रिश्ते की शुरुआत लड़ाई से हुई थी परंतु विवाह के बाद इनका रिश्ता खूब जमेगा, राजा धरम ने कहा जी लेकिन शिवन्या पहले आप अपनी सेहत पर ध्यान ज्यादा दीजिए बाद में विवाह करने का सोचेंगे।

रानी सुमेधा ओर राजा धरम ने कहा जी अब हम चलते है , राजकुमारी अपना ध्यान रख्येगा , राजकुमार वीरेन ने राजकुमारी के सामने देखा और बोला उपर वाले ने तो हमे पूरी जिंदगी मिलवा दिया , राजकुमारी ने एक प्यारी सी मुस्कान के साथ सबको नमस्ते किया और वह लोग चले गए , रानी निलंबा ने खुशी से राजकुमारी को गले लगा लिया और बोला मुझे आपका यह निर्णय बहुत पसंद आया , राजा विलम ने कहा शिवन्या अब आप आराम कीजिए हम आपके विवाह तय होने की खबर पूरे विलम नगर में दे देंगे सबको मिठाईयां बटवाई जायेगी।

धीरे धीरे पुरे महल में ओर फिर पूरे नगर में राजकुमारी का विवाह धरमपुर के राजकुमार वीरेन से तय होने की बात पता चल गई , पूरे नगर में आज खुशी छा गई थी सब लोग बहुत खुश थे। सब लोग नाच रहे थे खुशी मना रहे थे , लेकिन सबसे पहले राजकुमारी का पहले की तरह स्वस्थ होना बहुत आवश्यक था , राजकुमारी दिन रात अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने लगी , दिन बीतते गए , राजकुमारी शिवन्या का घाव अब भरने लगा था अब एक दिन ऐसा आया की वह पूरी तरह से चलने फिरने लगी उनका घाव अब भर गया था , उन्हों ने तलवार चलाकर भी देखा लेकिन अब कोई दिक्कत की बात नही थी वह अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी थी ।

रानी निलंबा ओर राजा विलम यह देख कर खुश थे की वह अब ठीक हो चुकी है , राजा विलम और रानी निलंबा ने राजकुमारी से पूछा की अब आप पूरी तरह से ठीक हो चुकी है क्या अब आप विवाह के लिए सज्ज है , राजकुमारी ने कहा जी पिताजी अब में विवाह के लिए तैयार हु , राजा ओर रानी ने यह सुनकर पंडितजी को महल में बुलवाया और विवाह का शुभ महूर्त कोनसा है यह पूछा , पंडित जी ने देख कर बोला राजकुमार और राजकुमारी के विवाह के लिए आने वाले १० दिन तक शुभ मुहूर्त है फिर अगले २ साल बाद विवाह हो सकता है ।

रानी निलंबा ने कहा क्या २ साल नही नही , यह तो बहुत लंबा समय हो जायेगा , क्यों राजकुमारी सही कहा ना?? राजकुमारी ने कहा जी आप सही कह रही है , राजा रानी ने निर्णय लिया अगले १० दिनों में दोनो का विवाह करवा देंगे , पंडित जी दक्षिणा ले कर चले गए राजा विलम ने एक संदेश लिखवाया जिसमे शादी की महुरत के बारे में राजा धरम को बताया , उन्होंने सैनिक द्वारा धरम तक उनके नगर धरमपुर यह संदेश पहुंचाया।

वहा यह संदेश पढ़कर राजा धरम ओर रानी सुमेधा खुश हुए की अगले १० दिनों में विवाह है , उनको इस विवाह पर यकीन ही नहीं हो रहा था, राजा वीरेन भी यह खबर सुनकर बहुत खुश हुए की उनकी शादी होने जा रही है ।
विवाह की धूमधाम से तैयारिया शुरू होने जा रही थी , धीरे धीरे विवाह का दिन नजदीक आया , विवाह राजा विलम के महल में ही रखा था।

इस कहानी को यही तक रखते है, कहानी का अगला भाग जल्द ही आयेगा।😊