ghost killer baba in Hindi Horror Stories by SR Daily books and stories PDF | भूत नाशक बाबा

Featured Books
Categories
Share

भूत नाशक बाबा


यह कहानी एक भयानक जंगल की है जो मैंने उनके घर वालों से सुनी है!जिसके साथ यह घटना हुई है!माधोपुर से लेकर श्योपुर तक फैले इस जंगल मैं न जाने कितने भयानक जानवर और भूत आत्मायें रहती हैं!इस बार मैं श्योपुर रक्षाबंधन पर दीदी का यहाँ पर गया था!वहां के लोग उस जंगल के बारे मैं बताते रहते हैं कि इस जंगल मैं आत्माएं भूत-प्रेत रहते हैं!तो मुझे तो वेसे भी भूत-प्रेतों पर विश्वाश है शायद आप लोगों को भी हो! तो मैं 15th अगस्त को अपने जीजा जी के कॉलेज गया था! वहां के लोग उन्हें आचार्य जी कहते थे!15th अगस्त का प्रोग्राम खत्म होते ही हम लोग जाने ही वाले थे की वहां के पडोसी ने उन्हें घर पर चाय पीने को बुलाया तब हम लोग उनके घर चाय पीने गए ऐसे ही बातें हो रही थी!तब उन्होंने अपनी आप बीती कहानी बताई कि अभी कुछ दिनों पहले मेरे बेटे राजीव के साथ ऐसी घटना घटी है!की आप को क्या बताएं राजीव के पिताजी ने बताया की एक दिन मेरी तबियत खराब हो गयी थी!तब मैंने राजीव को जंगल से बकरियों के लिए चारा लाने के लिए भेज दिया था!राजीव वेसे तो कभी कभी जंगल जाता था पर वो हमेशा काम से जी चुराता था!पर आज उसे मजबूरी मैं जंगल जाना पड़ा वो रास्ते मैं चलता गया उसे कहीं भी पास मैं चारा नहीं मिला क्योंकि पास के सारे पेड़ तो पहले से ही बकरियों के लिए काट चुके थे!वो जंगल के और अंदर चला गया वो घने जंगल मैं पहुँच गया!जहाँ पर बहुत पास-पास पेड़ खड़े हुए थे!पेड़ इतने घने थे कि आसमान तो नजर ही नहीं आ रहा था!बरसात का टाइम था अच्छी बरसात हो गयी थी तो पूरा जंगल हरा भरा हुआ था!पत्थरों पर पानी ऐसे बह रहा था जैसे साफ़ कोई झरना बह रहा हो!पहाड़ों से नीचे की और आता हुआ पत्थरों पर साफ़ पानी बह रहा था वहां पर इतनी शीतलता थी की उसकी देखते ही थकान दूर हो गयी उसने सोचा की पहले मैं थोडा आराम कर लूं फिर मैं पत्तियां काट कर घर चला जाऊँगा थोड़ी देर ही हुई थी उसे सोये हुए उसने सपना देखा कि वह चारे के चक्कर मैं बहुत दूर आ गया है और वह रास्ता भूल गया है!उसने सपने मैं देखा कि उसके सामने कोई खड़ा है उसकी शक्ल देखते ही उसकी आंखें खुल गयी और वह डर गया अब उसे और ज्यादा डर लगने लगा अब चारा तो काट रहा था!पर वह सपने की बात याद करके बहुत घबराया हुआ था! उधर सूरज भी ढलने वाला था!उसके हाथ दूर-दूर तक किसी की भी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी!वह जल्दी जल्दी पत्तियां काट ही रहा था की उसे आपस मैं बातें करते हुए एक आवाज सुनाई दी उसने सोचा कोई आदमी होगा तो मैं उसी के साथ घर चला जाऊँगा उसने जल्दी से पत्तियां बांधीऔर वह आवाज आ रही थी उधर की ओर चल दिया पास पर उसने यह ध्यान नहीं किया की वो आया किधर से है ओर किधर जा रहा है!वह उल्टा जंगल मैं घुसता चला गया आवाज ओर साफ़ सुनाई देने लगी तो वह ओर आगे बढ़ा उसने देखा कि दो लोग आपस मैं बातें कर रहे हैं ओर उनकी पीठ दिखाई दे रही है उसने उनके पास जाकर बोला क्या तुम मुझे घर जाने का कोई छोटा रास्ता बता सकते हो इतना उसने कहते ही वो दो लोग उसके सामने से ऐसे फुर्र हुए कि वहां कोई था भी या नहीं उनके गायब होते ही उसके पशीने छूट गए ओर वह बेहोश हो गया जब उसे होश आया तो वह क्या देखता है कि वो सपने वाला आदमी उसके सामने खड़ा है बड़ी-बड़ी लाल आंखें दांत बहार निकले हुए ऊपर से नीचे तक इतना भयानक कि वह डर गया ओर पागल सा होकर भागने लगा उसने देखा कि एक भालू उसकी ओर भागता हुआ आया ओर उसके ऊपर झपटा उसे लगा कि अब नहीं बचने वाला उसके तो होश ही उड़ गए वह एक दम बैठ गया ओर वह भालू ऊपर से निकल के नीचे गिरते ही वह आदमी बन गया उसके गाल पिचके हुए हाथ टेढ़े ओर पैर उलटे यह लम्बी दाड़ी ओर दांत होठ कटकर बहार निकले हुए राजीव तो बस उसे देख रहा था पर उसके होश ठिकाने नहीं थे!वह वहीँ पर गिर पड़ा इधर घर वालों को चिंता हो रही थी कि अँधेरा हो गया राजीव अभी तक क्यों नहीं आया उसके बड़े भाई ने कहा कि अभी आता ही होगा सब लोग जब इंतज़ार करके थक चुके थे रात के १० बज चुके थे! अब उसके भाई को लगा शायद कुछ तो गड़बड़ है!कुछ लोगो ने कहा चलो ढूँढ़ते है क्या पता इतने बड़े जंगल मैं कहाँ क्या हो गया होगा सब लोग लाठी भाले टार्च लेकर उसे ढूँढने निकल पड़े उसका भाई अपाहिज था वह एक पैर से चलता था!इसलिए उसके पिताजी ने कहा बेटा तू यहीं रह अपनी माँ ओर बहन के पास हम लोग जाते हैं कुछ खबर होगी तो हम बताएँगे पूरी रात जंगल मैं ढूँढ़ते हुए हो गयी पर उसका कुछ नहीं पता चला जहाँ तक वो लोग जाते थे वहां तक सारा जंगल छान मारा मगर राजीव का कोई पता नहीं सब लोगों ने कहा कि अभी घने जंगल मैं जाना ठीक नहीं है!अभी सुबह होते ही चलेंगे अभी ४ बजे है अभी एक घंटे मैं सुबह हो जाएगी सब लोगों ने वहीँ बैठ कर सुबह का इंतज़ार करने लगे थोड़ी देर बाद सुबह हो गयी सब लोगो ने कहा चलो अब चलते हैं सब लोग चल दिए आवाज लगते हुए राजीव-राजीव पर राजीव बिचारे की भूख-प्यास के मारे वो हालत हो गयी थी की वह सुध-बुध खो बैठा था!उसे अब यह नहीं पता की मैं कहाँ पर हूँ!दो दिन हो गए राजीव का कहीं पता नहीं चला अब सब लोग परेशान थे!उधर राजीव का भाई बहुत ब्याकुल था बेचारा कुछ कर तो नहीं सकता था!वह जाकर अपने सामने खड़े हुए नीम के पेड़ के नीचे गड्डा खोदने लगा और कहने लगा मेरा भाई आएगा-मेरा भाई आएगा वह कहे जा रहा था!दोस्तों उस नीम पर वह रोज सुबह ढूध चढाते थे!उसे अपने देवता का निवास मानते थे इधर उसके भाई की पुकार सुन के उनके देवता निकल पड़े!उधर रात हो गयी थी और राजीव को उन भूतों ने घेर रखा था भाई वह खुद बता रहा था!भाई क्या बताऊँ उस रात की बातें याद करके मैं अभी भी डर जाता हूँ वहां पर इतने भूत एक साथ मैंने क्या किसी ने सपने मैं भी नहीं देखे होंगे किसी की गर्दन अलग कोई बिना आँख कान कोई डांचा मेरे चारों तरफ तांडव कर रहे थे!मैं कभी जिन्दगी मैं सोच नहीं सकता की ऐसा दिन भी आएगा!ऐसी तरह-तरह की आवाजें निकाल रहे थे सारा जंगल उनकी आवाज से गूँज रहा था!मुझे लग रहा था की मैं अब बचने वाला नहीं हूँ!लगता हैं यह लोग मुझे मार डालेंगे मैं तो इतना डरा हुआ था की मैं रो रहा था!कि अचानक घोड़े के पैरों कि आवाज आई सब लोग इक्दुम शांत हो गए!इन सब लोगों ने आस तोड़ दी कि अब हमे राजीव नहीं मिलेगा सब लोग वापिस आ गए सारे घर मैं मातम सा छा गया इधर किसी ने कहा कि किसी भगत को बुलाओ और पता कराओ कि वो अभी तक जिन्दा है कि नहीं वो लौट आएगा कि नहीं!एक आदमी वहां के भगत को बुलाने चला गया!उधर राजीव के देवता वहां पर पहुंचे हाथ मैं तलवार घोड़े पर सवार उनको देखते ही सारे भूतभागने लगे उन्होंने एक- एक को पकड़ पकड़ के ऐसे मारा जैसे कोई हीरो फिल्म मैं एक योद्धा सब को काट देता है जैसे ही उनकी तलवार उनकी गर्दन पर पड़ती वह मिट्टी मैं मिल जाते यह सब राजीव अपनी आँखों से देख रहा था!तब उस घुड़सवार ने कहा कि तुम अब चिंता मत करो मैं आ गया हूँ और सुबह तक कोई तुम्हें लेने आ जायेगा अब तुम बेफिक्र होकर सो जाओ उनके आने से मेरा सारा डर खत्म हो गया और मैं आराम से सो गया!इधर भगत जी आये उन्होंने अपना ध्यान लगाकर देखा और कहा कि तुम्हारा लड़का सही सलामत है! और कल आ जायेगा तुम्हें चिंता करने कि कोई जरूरत नहीं है वहां पर तुम्हारे देवता पहले ही वहां पहुँच चुके हैं!और राजीव का भाई अभी वहीं पर बैठा है और कहे जा रहा है मेरा भाई आएगा!वह किसी की भी बात नहीं मान रहा है जो भी उसे वहां से उठाने को जाता वो उसे धकेल देता था!सुबह उसकी आँख खुली तो वहां पर एक आदमी ने उसे पुछा की तुम कहाँ से आये हो और कहाँ जाना है मैं तुम्हें तुम्हारे घर पहुंचा देता हूँ और वह अपनी साईकिल पर बिठा कर उसे उसके घर छोड़ दिया घर वालों को देखकर वो ऐसा रोया कि वह बेहोश हो गया तीन दिन का भूखा प्यासा कमजोर हो गया था!फिर उसे अस्पताल ले गए
वहां वो दो-तीन दिन बाद ठीक हो गया